Tilak Rules : तिलक लगाने के ये नियम बदल सकते हैं आपकी किस्मत, जानिए कैसे

Tilak Rules : तिलक लगाना सिर्फ धार्मिक क्रिया नहीं, बल्कि ऊर्जा, आस्था और सुरक्षा से जुड़ा एक शक्तिशाली अभ्यास है। जानिए सही तरीका, मंत्र, और नियम, जिससे आपके जीवन में सकारात्मक बदलाव आ सकता है।
Tilak Rules : तिलक लगाने के ये नियम बदल सकते हैं आपकी किस्मत, जानिए कैसे

Tilak Rules : भारत की सांस्कृतिक विरासत में कुछ परंपराएं ऐसी हैं जो न केवल भावनाओं से जुड़ी होती हैं, बल्कि जीवन की ऊर्जा को भी दिशा देती हैं। तिलक लगाना उन्हीं परंपराओं में से एक है।

सदियों पुरानी यह परंपरा आज भी उतनी ही प्रासंगिक है, जितनी पहले थी। चाहे त्योहार हो या पूजा-पाठ, तिलक हर शुभ कार्य की शुरुआत का प्रतीक माना जाता है।

तिलक क्यों लगाया जाता है?

तिलक लगाना महज़ एक धार्मिक रिवाज नहीं है—यह एक ऊर्जा केंद्र को जागृत करने की प्रक्रिया भी है। तिलक लगाने से मस्तिष्क को सकारात्मक ऊर्जा मिलती है और शरीर में संतुलन बना रहता है। यह ना केवल ध्यान केंद्रित करने में सहायक है, बल्कि मानसिक शांति और आत्मबल को भी बढ़ाता है।

तिलक लगाने का सही तरीका

जब तिलक एक शुभ और पवित्र कर्म है, तो उसे लगाने का तरीका भी खास होना चाहिए। तिलक लगाने से पहले स्नान करना, स्वच्छ वस्त्र पहनना और शांत मन से उत्तर या पूर्व दिशा की ओर मुख कर बैठना आवश्यक होता है।

तिलक लगाने के लिए अनामिका अंगुली का प्रयोग सबसे श्रेष्ठ माना गया है। ध्यान रहे, तिलक कभी लेटे हुए या चलते हुए नहीं लगाना चाहिए।

आप अपने इष्ट देव के अनुसार चंदन, कुमकुम, भस्म या रोली जैसी सामग्री का चयन कर सकते हैं। इससे तिलक का प्रभाव और भी गहरा हो जाता है।

मंत्रों के साथ तिलक लगाने का महत्व

तिलक लगाते समय यदि विशेष मंत्रों का उच्चारण किया जाए, तो उसका आध्यात्मिक प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है। अलग-अलग स्थानों पर तिलक लगाने के लिए अलग-अलग मंत्र कहे जाते हैं।

माथे पर तिलक करते समय

"केशवानन्त गोविन्द बाराह पुरुषोत्तम"

गले पर

"ॐ श्री गोविंदाय नमः"

छाती पर

"ॐ श्री माधवाय नमः"

दाहिनी भुजा पर

"ॐ गोविन्दाय नमः"

बाईं भुजा पर

"ॐ विष्णवे नमः"

शिखा (सिर के पीछे) पर

"ॐ श्री वासुदेवाय नमः"

पूजा और यज्ञ के समय बोले जाने वाले मंत्र

जब ब्राह्मण पूजा या यज्ञ के समय तिलक करते हैं, तो विशेष वैदिक मंत्रों का प्रयोग होता है। इन मंत्रों से तिलक आध्यात्मिक ऊर्जा का वाहक बन जाता है।

"ॐ आदित्या वसवो रुद्रा विश्वेदेवा मरुद्गणाः तिलकान्ते प्रयच्छन्तु धर्मकामार्थसिद्धये"

महायज्ञ में तिलक लगाते समय अक्सर गायत्री मंत्र का जाप किया जाता है

"ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्"

रोज़ाना तिलक लगाने के लिए मंत्र

जो लोग प्रतिदिन तिलक लगाते हैं, उनके लिए एक विशेष मंत्र बताया गया है जो मानसिक स्पष्टता और आध्यात्मिक बल दोनों प्रदान करता है।

"केशवानन्त गोविन्द बाराह पुरुषोत्तम।
पुण्यं यशस्यमायुष्यं तिलकं मे प्रसीदतु।
कान्ति लक्ष्मीं धृतिं सौख्यं सौभाग्यमतुलं बलम्।
ददातु चन्दनं नित्यं सततं धारयाम्यहम्।"

इस मंत्र के साथ तिलक लगाने से दिन की शुरुआत शुभता और ऊर्जा के साथ होती है।

तिलक लगाने के लाभ

तिलक लगाने से केवल धार्मिक कर्तव्य की पूर्ति नहीं होती, बल्कि यह शरीर और मन को भी संतुलित करता है। रोज़ तिलक लगाने से मन शांत होता है, तनाव कम होता है और स्मरण शक्ति में वृद्धि होती है। तिलक चेहरे की आभा को भी बढ़ाता है और आत्मविश्वास में इज़ाफा करता है।

तिलक लगाने से व्यक्ति के चारों ओर एक सकारात्मक ऊर्जा का क्षेत्र बनता है, जो नकारात्मकता को दूर रखने में सहायक होता है। यह जीवन में सुख, समृद्धि और सौभाग्य लाने का माध्यम भी बनता है।

भारतीय संस्कृति में तिलक का स्थान
तिलक सिर्फ एक धार्मिक चिह्न नहीं है—यह भारतीय संस्कृति का दिल है। यह उस आत्मिक जुड़ाव की निशानी है जो इंसान को ब्रह्म से जोड़ती है। जब तिलक सही विधि और मंत्रों के साथ लगाया जाता है, तो यह जीवन में गहराई, संतुलन और दिशा देता है।

Share this story

Icon News Hub