आज का पंचांग: 12 मई को राहुकाल में गलती से भी न करें ये काम, हो सकता है बड़ा नुकसान

आज का पंचांग: 12 मई 2025 को वैशाख पूर्णिमा पर स्वाति नक्षत्र और वरीघा योग रहेगा। शुभ मुहूर्त 11:44-12:36, राहुकाल 07:17-08:55। चंद्रमा तुला राशि में। पंचांग के तिथि, नक्षत्र, योग, वार, करण से जानें शुभ समय। 
आज का पंचांग: 12 मई को राहुकाल में गलती से भी न करें ये काम, हो सकता है बड़ा नुकसान

आज का पंचांग: हिंदू संस्कृति में पंचांग का विशेष महत्व है। यह न केवल समय की गणना करता है, बल्कि हमारे दैनिक जीवन में शुभ और अशुभ समय की जानकारी भी देता है। 12 मई 2025, सोमवार को वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि होगी। यह दिन उत्तर स्वाति नक्षत्र और वरीघा योग के संयोग के साथ खास रहेगा। आइए, इस दिन के शुभ मुहूर्त, राहुकाल और पंचांग के पांच अंगों की विस्तृत जानकारी लेते हैं।

पूर्णिमा का महत्व और शुभ मुहूर्त

12 मई 2025 को पूर्णिमा तिथि रात 10:24 बजे तक रहेगी। पूर्णिमा का दिन आध्यात्मिक और धार्मिक कार्यों के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन अभिजीत मुहूर्त दोपहर 11:44 से 12:36 बजे तक रहेगा, जो विवाह, गृह प्रवेश और अन्य महत्वपूर्ण कार्यों के लिए आदर्श समय है। सूर्योदय सुबह 5:39 बजे और सूर्यास्त शाम 6:41 बजे होगा। इस दिन चंद्रमा तुला राशि में संचरण करेंगे, जो मानसिक शांति और संतुलन का प्रतीक है।

राहुकाल और सावधानियां

राहुकाल सुबह 7:17 से 8:55 बजे तक रहेगा। इस दौरान कोई भी शुभ कार्य शुरू करना उचित नहीं माना जाता। राहुकाल में यात्रा, नए व्यवसाय की शुरुआत या महत्वपूर्ण निर्णय लेने से बचें। यह समय ध्यान, पूजा या आत्मचिंतन के लिए उपयोगी हो सकता है।

पंचांग के पांच अंग: समय का वैदिक विज्ञान

हिंदू पंचांग, जिसे वैदिक पंचांग भी कहते हैं, पांच प्रमुख अंगों—तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण—पर आधारित है। ये अंग समय और काल की सटीक गणना करते हैं, जो हमारे जीवन को व्यवस्थित करने में मदद करते हैं।

तिथि का महत्व

तिथि चंद्रमा और सूर्य की स्थिति के आधार पर निर्धारित होती है। एक माह में 30 तिथियां होती हैं, जो शुक्ल और कृष्ण पक्ष में बंटी होती हैं। पूर्णिमा शुक्ल पक्ष की अंतिम तिथि है, जो समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक है।

नक्षत्र और उनकी शक्ति

नक्षत्र आकाश में तारों का समूह है। 12 मई को स्वाति नक्षत्र सुबह 6:10 बजे तक रहेगा, जो रचनात्मकता और स्वतंत्रता का प्रतीक है। इसके बाद उत्तर स्वाति नक्षत्र प्रभावी होगा। कुल 27 नक्षत्र होते हैं, जिनका संबंध नौ ग्रहों से है।

वार और ग्रहों का प्रभाव

सोमवार चंद्रमा का दिन है, जो भावनाओं और मन की शांति से जुड़ा है। इस दिन की ऊर्जा आपके कार्यों को स्थिरता प्रदान कर सकती है।

योग और उनकी ऊर्जा

वरीघा योग रात 5:46 बजे तक रहेगा। यह योग सौभाग्य और समृद्धि का प्रतीक है। कुल 27 योग होते हैं, जो सूर्य-चंद्र की दूरी पर आधारित हैं।

करण और भद्रा की सावधानी

इस दिन विष्टि करण सुबह 9:14 बजे तक और बावा करण रात 10:24 बजे तक रहेगा। विष्टि करण को भद्रा कहते हैं, जिसमें शुभ कार्य वर्जित हैं।

वैशाख माह और विक्रमी संवत

12 मई 2025 को विक्रमी संवत 2082 और शक संवत 1947 (विश्वावसु) होगा। वैशाख माह प्रकृति के नवीकरण और आध्यात्मिक उत्थान का समय है। इस दिन पूजा, दान और ध्यान से जीवन में सकारात्मक बदलाव लाए जा सकते हैं।

पंचांग का उपयोग कैसे करें?

पंचांग केवल धार्मिक कार्यों तक सीमित नहीं है। इसका उपयोग व्यवसाय, शिक्षा, यात्रा और व्यक्तिगत जीवन के महत्वपूर्ण निर्णयों में भी किया जाता है। शुभ मुहूर्त में शुरू किए गए कार्यों में सफलता की संभावना बढ़ती है, जबकि राहुकाल में सावधानी बरतने से नुकसान से बचा जा सकता है।

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