Tulsi Ke Upay : कार्तिक मास में तुलसी लगाने से खुलते हैं भाग्य के द्वार, जानिए सही तरीका

Tulsi Ke Upay : हिंदू धर्म में Tulsi Plant को माता लक्ष्मी का स्वरूप मानकर पूजा जाता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार तुलसी को उत्तर या पूर्व दिशा में लगाना शुभ होता है। Navratri, Kartik Month और Friday को तुलसी लगाने से सुख-समृद्धि आती है।
Tulsi Ke Upay : कार्तिक मास में तुलसी लगाने से खुलते हैं भाग्य के द्वार, जानिए सही तरीका

Tulsi Ke Upay : हिंदू धर्म में Tulsi यानी तुलसी के पौधे का विशेष स्थान है। इसे केवल एक औषधीय पौधा नहीं, बल्कि "माता" का दर्जा दिया गया है। जिन घरों में तुलसी की पूजा होती है, वहां सकारात्मक ऊर्जा, सुख-समृद्धि और मानसिक शांति का वास माना जाता है।

लेकिन क्या आप जानते हैं कि तुलसी को सही दिशा और शुभ दिन पर लगाने से इसका आध्यात्मिक और वास्तु प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है?

नवरात्रि में तुलसी लगाना क्यों माना जाता है खास?

Navratri का पावन समय देवी पूजा और नई शुरुआतों का प्रतीक है। इस दौरान शुक्रवार को अगर घर में Tulsi Plant लगाया जाए, तो माता लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है।

चूंकि शुक्रवार का दिन स्वयं Goddess Lakshmi को समर्पित होता है, और तुलसी को लक्ष्मी का ही स्वरूप माना गया है, इसलिए यह दिन बेहद शुभ माना जाता है।

अप्रैल और कार्तिक मास में तुलसी लगाने का वैज्ञानिक और धार्मिक कारण

Agriculture Experts के मुताबिक अप्रैल का महीना तुलसी लगाने के लिए उपयुक्त है, क्योंकि इस समय मौसम तुलसी के लिए अनुकूल होता है। वहीं धार्मिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो Kartik Month यानी अक्टूबर-नवंबर में भी तुलसी लगाने का विशेष महत्व है।

इस मास के Thursday को तुलसी लगाना भगवान विष्णु को प्रसन्न करता है क्योंकि तुलसी, Lord Vishnu को अत्यंत प्रिय है।

कौन-सी दिशा में लगाएं तुलसी का पौधा?

Vastu Shastra के अनुसार, तुलसी का पौधा उत्तर या पूर्व दिशा में लगाना सबसे शुभ माना गया है। खासतौर से उस स्थान पर जहां सूरज की रोशनी आसानी से आती हो—जैसे घर की पूर्व दिशा—तुलसी तेजी से बढ़ती है और घर में ऊर्जा का संतुलन बनाए रखती है।

तुलसी लगाने से जुड़ी जरूरी सावधानियां

तुलसी को लगाने के लिए Cow Dung से लिपी हुई जगह सबसे श्रेष्ठ मानी जाती है। 

Sunday, Monday और Wednesday को तुलसी न लगाएं।

Eclipse Days (ग्रहण काल) में भी तुलसी लगाने से बचें, क्योंकि इसे अशुभ माना जाता है।

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