Vastu Dosh : भूलकर भी घर में न रखें ये टूटी हुई चीज़ें, नहीं तो जीवन भर पड़ेगा पछताना

Vastu Dosh : हम सब चाहते हैं कि हमारे घर में हमेशा सुख-शांति बनी रहे, जहां प्यार भी हो और तरक्की भी। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आपके घर की कुछ पुरानी या टूटी-फूटी चीज़ें ही उस पॉजिटिव वाइब्स को चुपचाप निगल रही हैं?
वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर के माहौल और ऊर्जा पर हमारे आस-पास की चीज़ों का गहरा असर पड़ता है। कई बार हम अनजाने में उन चीज़ों को सहेज कर रख लेते हैं, जो वास्तु के अनुसार अशुभ मानी जाती हैं।
टूटे बर्तन – बरकत को चुपचाप खत्म करते दुश्मन
घर में पड़े पुराने और टूटे बर्तन अक्सर हमें 'चल तो रहा है' की सोच से भरे लगते हैं। लेकिन वास्तु कहता है कि ये दरअसल धन और समृद्धि के देवता कुबेर को नाखुश कर सकते हैं।
इनसे घर में पैसों की किल्लत आ सकती है और जो सुख-सुविधा होनी चाहिए, वो धीरे-धीरे कम हो जाती है।
टूटा शीशा – सिर्फ दिखावट नहीं, मनोबल पर भी वार
टूटा शीशा केवल चेहरे की छवि को ही नहीं बिगाड़ता, बल्कि पूरे घर के वाइब्स पर बुरा असर डालता है। इससे परिवार के सदस्यों में अनबन, टेंशन और मानसिक अस्थिरता का माहौल बन सकता है।
अगर शीशा टूटा है, तो उसे तुरंत हटा देना बेहतर रहेगा।
टूटा पलंग – रिश्तों में दरार लाने वाला संकेत
बेडरूम वह जगह होती है जहां दिन की थकान मिटती है और रिश्तों में मिठास बढ़ती है। लेकिन अगर पलंग ही टूटा हुआ हो, तो उसका असर सीधा आपके वैवाहिक जीवन पर पड़ सकता है।
मनमुटाव, तनाव और भावनात्मक दूरी—ये सब चीज़ें बढ़ सकती हैं। मजबूत और संपूर्ण पलंग, खुशहाल जीवन की नींव है।
फर्नीचर हो टूट-फूट वाला? तो समझिए रुकावटें आनी तय हैं
कुर्सी, टेबल या सोफा—अगर इनमें से कोई भी टूटा हुआ है, तो वो ना सिर्फ घर की सुंदरता बिगाड़ता है बल्कि वास्तु के अनुसार दरिद्रता और अशांति को भी न्यौता देता है। साथ ही, इनसे चोट लगने का डर भी बना रहता है।
टूटी तस्वीरें – पुरानी यादों की नेगेटिव परछाई
कभी-कभी हम टूटे हुए फोटो फ्रेम या फीकी पड़ चुकी तस्वीरों को इसलिए संभाल कर रखते हैं क्योंकि वो किसी खास पल की याद होती हैं।
लेकिन वास्तु की दृष्टि से ये नकारात्मक ऊर्जा का भंडार बन जाती हैं। ऐसी चीज़ें हमें आगे बढ़ने से रोक सकती हैं।
साफ-सफाई सिर्फ नजरों के लिए नहीं होती
साफ-सुथरा घर केवल देखने में अच्छा नहीं लगता, वो आपके जीवन की ऊर्जा को भी संतुलित करता है। जब हम टूटे-फूटे सामानों को घर से हटाते हैं, तो नेगेटिव एनर्जी भी उसी के साथ बाहर चली जाती है।
तो अगली बार सफाई करते वक्त, केवल धूल ही नहीं, नकारात्मकता को भी बाहर का रास्ता दिखाएं।