Vastu Shastra : ऑफिस डेस्क को ऐसे सजाएं वास्तु के अनुसार, हर काम में मिलेगी सफलता

Vastu Shastra : क्या आपका वर्कस्पेस वास्तु के अनुसार है? जानिए आसान और असरदार वास्तु टिप्स जो आपके कार्यस्थल में ला सकते हैं शांति, सफलता और सकारात्मक ऊर्जा।

Vastu Shastra : ऑफिस डेस्क को ऐसे सजाएं वास्तु के अनुसार, हर काम में मिलेगी सफलता

Vastu Shastra : वास्तु शास्त्र  एक ऐसा प्राचीन भारतीय विज्ञान, जो सिर्फ इंटीरियर डिज़ाइन नहीं, बल्कि जीवन में पॉज़िटिव एनर्जी के प्रवाह को संतुलित करने की विधा है। अक्सर हम अपने घर के वास्तु पर तो ध्यान देते हैं, लेकिन जहां हम रोज़ाना सबसे ज़्यादा वक्त बिताते हैं — हमारा वर्कस्पेस — उसकी ऊर्जा कैसी होनी चाहिए, इस पर हम कम ही सोचते हैं।

वास्तव में, आपका कार्यस्थल सिर्फ एक काम करने की जगह नहीं, बल्कि आपकी मानसिक स्थिति, एकाग्रता, और सफलता का सीधा संबंध रखता है। अगर यह वास्तु के अनुसार व्यवस्थित हो, तो तरक्की, सुख और समृद्धि अपने आप रास्ता ढूंढ लेती है।

सही दिशा में रखें डेस्क, ताकि सफलता का सूरज कभी न डूबे

वास्तु शास्त्र के अनुसार, काम करने की सबसे अनुकूल दिशा है ईशान कोण यानी उत्तर-पूर्व। यह दिशा ब्रह्म स्थान से जुड़ी मानी जाती है, जहां ऊर्जा सबसे शुद्ध होती है। यदि आप अपने डेस्क को इस दिशा में रखते हैं, तो आपकी एकाग्रता और निर्णय लेने की क्षमता बढ़ेगी।

अगर उत्तर-पूर्व दिशा संभव नहीं है, तो उत्तर या पूर्व दिशा को चुना जा सकता है। ध्यान रखें, जब आप काम कर रहे हों, आपका चेहरा उत्तर या पूर्व की ओर होना चाहिए। इससे मानसिक स्थिरता बनी रहती है और विचारों में स्पष्टता आती है।

डेस्क और कुर्सी में हो स्थिरता और सहारा

आपका डेस्क कैसा होना चाहिए? आसान सा उत्तर है: आयताकार या चौकोर। यह न सिर्फ साज-सज्जा में संतुलन लाता है बल्कि मानसिक रूप से भी स्थिरता का संकेत देता है।

डेस्क के पीछे एक मजबूत दीवार होनी चाहिए — जो पीछे से मिलने वाला सपोर्ट दर्शाती है। इसके साथ ही, डेस्क पर अनावश्यक चीज़ें जमा न होने दें। साफ़-सुथरा डेस्क, साफ़ सोच का प्रतीक होता है।

थोड़ा सा नेचर लाना चाहते हैं? डेस्क पर एक हरा पौधा जैसे मनी प्लांट लगाएं। यह ना सिर्फ सुंदरता बढ़ाता है, बल्कि सकारात्मक ऊर्जा को भी आकर्षित करता है।

रंगों और रोशनी से जुड़ी छोटी बातें, जिनका बड़ा असर होता है

प्राकृतिक रोशनी अगर वर्कस्पेस में हो, तो समझ लीजिए आपने आधी बाज़ी जीत ली। सूरज की रोशनी सिर्फ Vitamin D नहीं देती, यह ऊर्जा के प्रवाह को भी बढ़ाती है। अगर खिड़की न हो, तो कोशिश करें हल्की पीली या सफेद रोशनी का प्रयोग करें।

दीवारों के रंगों की बात करें तो हल्का हरा, नीला या क्रीम सबसे उपयुक्त माने जाते हैं। ये रंग मन को शांत करते हैं और एकाग्रता को बढ़ावा देते हैं। जबकि गहरे रंग जैसे लाल या काले, नकारात्मक ऊर्जा का संकेत देते हैं — इन्हें जितना हो सके टालें।

घर से काम कर रहे हैं? ये खास बात ज़रूर याद रखें

अगर आपका वर्कस्पेस घर में ही है, तो उसे बेडरूम से अलग रखें। कार्यक्षेत्र और विश्राम क्षेत्र का मिश्रण आपकी ऊर्जा को भ्रमित कर सकता है।

वर्कस्पेस को सजाने के लिए तुलसी का पौधा, छोटी धार्मिक मूर्तियां या शांतिप्रद प्रतीक (जैसे बुद्ध की मूर्ति) रखें। ये चीज़ें वातावरण को संतुलित करती हैं और मानसिक स्पष्टता देती हैं।

Share this story