Vastu Tips : क्या आपके घर में ब्रह्म स्थान सही जगह पर है, जानें वास्तु नियमों के अनुसार

Vastu Tips : जानिए ब्रह्म स्थान क्या होता है, इसका वास्तु में महत्व क्यों है, और कैसे आप अपने घर के इस ऊर्जा केंद्र को जाग्रत करके सुख-शांति व समृद्धि बढ़ा सकते हैं। आधुनिक फ्लैटों में भी करें ये सरल उपाय।
Vastu Tips : क्या आपके घर में ब्रह्म स्थान सही जगह पर है, जानें वास्तु नियमों के अनुसार

Vastu Tips : जब हम पुराने जमाने के घरों की बात करते हैं, तो उनमें एक खास बात होती थी—खुला आंगन, जिसके ऊपर ना कोई छत होती थी, ना कोई पिलर।

यही तो था ब्रह्म स्थान—घर का वो दिल, जहाँ से ऊर्जा का प्रवाह शुरू होता था। लेकिन आज के फ्लैट कल्चर में ये कहां मुमकिन है? फिर भी, कुछ वास्तु उपायों से इस पवित्र स्थान की शक्ति को फिर से जीवित किया जा सकता है।

क्या है ब्रह्म स्थान और क्यों है यह इतना महत्वपूर्ण?

ब्रह्म स्थान वास्तु शास्त्र के अनुसार घर का केंद्र बिंदु होता है, जिसे सूर्य स्थान भी कहा जाता है। यह स्थान आकाश तत्व का प्रतिनिधित्व करता है—यानि खालीपन, स्वच्छता, और ऊर्जावान स्पेस। प्राचीन काल में यहाँ खुले आंगन होते थे जहाँ सुबह की पहली किरणें और ताज़ी हवा सीधा प्रवेश करती थीं।

आज के समय में यह स्थान बंद दीवारों में कैद हो गया है। लेकिन इसका अर्थ ये नहीं कि उसकी शक्ति खत्म हो गई है। अगर ब्रह्म स्थान में भारी फर्नीचर, पिलर या कोई निर्माण हो, तो सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह रुक जाता है।

इसका असर न सिर्फ आपके मानसिक स्वास्थ्य पर बल्कि परिवार की खुशहाली और आर्थिक स्थिति पर भी पड़ता है।

ब्रह्म स्थान को कैसे पहचाने?

घर के नक्शे को अगर 9 बराबर हिस्सों में बाँटा जाए, तो बीच का भाग ही ब्रह्म स्थान होता है। इसे वास्तु में 81 पदों में से मध्य के 9 पद कहा गया है। यही हिस्सा घर की ऊर्जा का स्रोत होता है।

अगर ब्रह्म स्थान खुला नहीं हो सकता तो क्या करें?

शहरों में फ्लैट्स और अपार्टमेंट्स की बनावट में ब्रह्म स्थान को खुला रखना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में आप पिरामिड वास्तु का सहारा ले सकते हैं। यह तकनीक पंचतत्वों—जल, अग्नि, वायु, पृथ्वी और आकाश—को संतुलित करने में मदद करती है।

इसके अलावा, आप ईशान कोण (उत्तर-पूर्व), पूर्व या उत्तर दिशा को अधिक खुला और साफ रख सकते हैं। वहाँ खिड़की या झरोखा होना एक बड़ा उपाय साबित हो सकता है।

ब्रह्म स्थान को जीवित कैसे करें?

  • वहाँ कोई भारी सामान न रखें।
  • नियमित सफाई और धूप देना ज़रूरी है।
  • सुबह के समय अगर सूर्य की किरणें उस स्थान पर पहुँचती हैं, तो दिनभर पॉजिटिविटी बनी रहती है।
  • तुलसी का पौधा या मिट्टी का दीपक भी ऊर्जा को सक्रिय करता है।

जब ब्रह्म स्थान संतुलित और ऊर्जावान होता है, तो पूरे घर में सकारात्मकता का संचार होता है। रिश्तों में मधुरता आती है, मानसिक तनाव घटता है और समृद्धि धीरे-धीरे आपके जीवन में दस्तक देती है।

तो अगली बार जब आप घर की सफाई करें, तो ब्रह्म स्थान को नज़रअंदाज़ न करें—वो सिर्फ जगह नहीं, वो ऊर्जा है।

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