Vastu Tips: वास्तु के अनुसार ही करें किचन को डिजाइन, बीमारियों हमेशा रहेंगी दूर

किचन डिजाइन करते समय इस बात का हमेशा ध्यान रखें कि आपका किचन अग्निकोण में होना चाहिए। इससे फायदा होता है. इस दिशा में रसोईघर होने से भोजन एवं ठोस पदार्थों की बर्बादी नहीं होती है। 
Vastu Tips: वास्तु के अनुसार ही करें को किचन डिजाइन, बीमारियों हमेशा रहेंगी दूर

नई दिल्ली, 17 सितम्बर, 2023 : वास्तु शास्त्र प्रमुख दिशाओं पर आधारित है। वास्तु शास्त्र के नियमों का पालन करने से घर में खुशहाली आती है। घर में रसोईघर एक महत्वपूर्ण स्थान होता है। ऐसे में किचन भी वास्तु के अनुसार होना चाहिए।

यदि वास्तु के नियमों को ध्यान में रखकर खाना पकाने का घर बनाया जाए तो बीमारी और विपत्ति दोनों ही घर से दूर रहती हैं। ऐसा कहा जाता है कि वास्तु के पास हर चीज का इलाज होता है।

यदि घर का निर्माण वास्तु के नियमों के अनुसार किया जाए तो कुछ समस्याओं से बचा जा सकता है। वास्तुशास्त्र मुख्यतः दिशाओं का ज्ञान है। इससे घर में खुशहाली आती है और बीमारियां दूर रहती हैं।

ये है घर की सही दिशा

किचन डिजाइन करते समय इस बात का हमेशा ध्यान रखें कि आपका किचन अग्निकोण में होना चाहिए। इससे फायदा होता है. इस दिशा में रसोईघर होने से भोजन एवं ठोस पदार्थों की बर्बादी नहीं होती है। घर के सदस्यों का पेट कभी ख़राब नहीं होता।

ये उपाय करें

अब सवाल यह है कि अगर आपकी रसोई अग्नि दिशा के अलावा किसी और कोने में है तो हम क्या कर सकते हैं। ऐसे में आपको रसोई घर की उत्तर दिशा में सिन्दूरी गणपति की तस्वीर लगानी चाहिए। इस उपाय से वास्तु दोष समाप्त हो जाता है।

गैस इसी दिशा में रखें

रसोई की दिशा निर्धारित करने के बाद रसोई गैस का स्थान ऐसी दिशा में रखना चाहिए कि खाना बनाने वाले का मुख पूर्व दिशा की ओर रहे। इस प्रकार गैस रखने से घर में बरकत बनी रहती है और धन में वृद्धि होती रहती है।

रंगों के प्रति सचेत रहें

वास्तु में दिशा की तरह रंग भी अहम भूमिका निभाता है। रसोईघर में कुछ चमकीले रंग शुभ माने जाते हैं। रसोई के लिए नारंगी, आसमानी, हल्के नीले रंग से बचें

इस दिशा में भोजन करें

भोजन बनाने के साथ-साथ भोजन की दिशा क्या होनी चाहिए, इस विषय को भी वास्तु शास्त्र में स्पष्ट किया गया है। यदि आपका भोजन क्षेत्र रसोई क्षेत्र में है तो यह आवश्यक है कि भोजन करने वाले का मुख पूर्व दिशा की ओर हो।

इस तरह से खाने से पेट संबंधी कोई भी बीमारी नहीं होती है और पाचन संबंधी समस्याएं भी नहीं होती हैं। 

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