Haryana News : पंजाब-हरियाणा वालों के लिए बड़ी खबर, Zirakpur Bypass को मिली मंजूरी

Haryana News : जीरकपुर बाइपास को CCEA ने मंजूरी दी। 19.2 KM लंबा छह लेन हाईवे 1878.31 करोड़ में बनेगा। अश्विनी वैष्णव ने बताया, यह NH-7 से NH-5 तक जाएगा, पटियाला-दिल्ली ट्रैफिक डायवर्ट करेगा। हिमाचल कनेक्टिविटी बढ़ेगी, चंडीगढ़-पंचकूला में जाम से राहत मिलेगी।
पंजाब-हरियाणा वालों के लिए बड़ी खबर, Zirakpur Bypass को मिली मंजूरी

Haryana News : हरियाणा और पंजाब के लोगों के लिए एक बड़ी राहत की खबर आई है। अब सफर आसान और तेज होने वाला है। बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ऐलान किया कि पंजाब और हरियाणा के बीच 19.2 किलोमीटर लंबा जीरकपुर बाइपास बनाया जाएगा।

यह छह लेन का हाईवे होगा, जिसकी लागत 1878.31 करोड़ रुपये होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (CCEA) ने इस प्रोजेक्ट को हरी झंडी दे दी है। यह खबर न सिर्फ स्थानीय लोगों के लिए बल्कि हिमाचल प्रदेश की ओर जाने वाले यात्रियों के लिए भी सुकून भरी है।

ट्रैफिक की समस्या का हल

इस बाइपास का मकसद पटियाला, दिल्ली और मोहाली एयरोसिटी से आने-जाने वाले ट्रैफिक को डायवर्ट करना है। जीरकपुर, पंचकूला और आसपास के इलाकों में अक्सर सड़कों पर गाड़ियों की लंबी कतारें लगी रहती हैं। यह नया हाईवे नेशनल हाईवे-7 (जीरकपुर-पटियाला) के जंक्शन से शुरू होकर नेशनल हाईवे-5 (जीरकपुर-परवाणू) तक जाएगा।

इससे न सिर्फ भीड़भाड़ कम होगी, बल्कि हिमाचल प्रदेश तक सीधी कनेक्टिविटी भी मिलेगी। चंडीगढ़, पंचकूला और मोहाली जैसे शहरों में ट्रैफिक का दबाव घटेगा और सफर का समय भी बचेगा। हर रोज सड़क पर घंटों जाम में फंसने वाले लोग अब राहत की सांस ले सकेंगे।

कहां है जीरकपुर और क्या है रूट?

जीरकपुर पंजाब के मोहाली जिले में बसा एक छोटा सा शहर है, जो चंडीगढ़ से बस कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर है। यह इलाका तेजी से बढ़ते ट्रैफिक और शहरीकरण की वजह से चर्चा में रहता है। नया बाइपास 19.2 किलोमीटर लंबा होगा और नेशनल हाईवे-7 से शुरू होकर नेशनल हाईवे-5 पर खत्म होगा। इसके अलावा, नेशनल हाईवे-152 जैसे भीड़भाड़ वाले रास्तों पर भी इसका असर पड़ेगा। इस प्रोजेक्ट से न सिर्फ स्थानीय लोगों को फायदा होगा, बल्कि पर्यटकों और व्यापारियों के लिए भी रास्ते आसान होंगे।

हाइब्रिड एन्यूटी मॉडल: कैसे होगा काम?

यह प्रोजेक्ट हाइब्रिड एन्यूटी मॉडल के तहत बनाया जाएगा। आसान भाषा में समझें तो सरकार डेवलपर को शुरुआती खर्च का 40% हिस्सा पहले ही दे देगी, जबकि बाकी 60% डेवलपर को अपनी जेब से लगाना होगा। इस मॉडल की खासियत यह है कि डेवलपर को वित्तीय मंजूरी के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ता। इससे प्रोजेक्ट जल्दी शुरू हो सकेगा और समय पर पूरा भी होगा। यह तरीका पहले भी कई बड़े हाईवे प्रोजेक्ट्स में सफल रहा है।

हरियाणा-पंजाब के लिए नई उम्मीद

जीरकपुर बाइपास सिर्फ एक सड़क नहीं, बल्कि हरियाणा और पंजाब के लोगों के लिए बेहतर कल की उम्मीद है। ट्रैफिक जाम की वजह से होने वाली परेशानी, समय की बर्बादी और तनाव अब अतीत की बात हो सकते हैं। सरकार का यह कदम न सिर्फ बुनियादी ढांचे को मजबूत करेगा, बल्कि इलाके के विकास को भी नई रफ्तार देगा। अब बस इंतजार है इस प्रोजेक्ट के शुरू होने का, जिससे सड़कों पर रफ्तार लौट आए।

Share this story