Haryana News : हरियाणा विधानसभा में एक साथ पास हुए 6 विधेयक, 77 साल पुराना कानून हटाकर हरियाणा ने खत्म की पाकिस्तान से जुड़ी यह व्यवस्था

Haryana News : हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र के अंतिम दिन 6 महत्वपूर्ण विधेयक पारित किए गए। इनमें विधायकों की चिकित्सा सुविधाओं में वृद्धि, 1 करोड़ तक का रियायती ऋण, बंदी आदान-प्रदान कानून का निरसन और बागवानी पौधशालाओं के नियमन का प्रावधान शामिल है। नर्सरी मालिकों को अब लाइसेंस लेना अनिवार्य होगा और नियमों का उल्लंघन करने पर दंड का प्रावधान है।
Haryana News : हरियाणा विधानसभा में एक साथ पास हुए 6 विधेयक, 77 साल पुराना कानून हटाकर हरियाणा ने खत्म की पाकिस्तान से जुड़ी यह व्यवस्था 

Haryana News : हरियाणा विधानसभा ने अपने बजट सत्र के समापन पर एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए छह विधेयकों को मंजूरी दी है। ये विधेयक विधायकों की सुविधाओं से लेकर बागवानी क्षेत्र के नियमन तक विविध विषयों को समेटे हुए हैं। इस कदम से प्रदेश में कई क्षेत्रों में नए बदलाव देखने को मिलेंगे।

विधायकों के लिए चिकित्सा सुविधाओं में विस्तार

हरियाणा विधानसभा (सदस्यों को चिकित्सा सुविधाएं) संशोधन विधेयक 2025 के पारित होने से अब पूर्व और वर्तमान विधायकों को अपने और अपने परिवार के सदस्यों के लिए बेहतर चिकित्सा सुविधाओं का लाभ मिल सकेगा। यह सुविधा एक महत्वपूर्ण बदलाव है क्योंकि पहले पारिवारिक पेंशन प्राप्त करने वाले पूर्व विधायकों को ऐसी सुविधाएँ उपलब्ध नहीं थीं। इस नए प्रावधान से उन्हें भी स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिल सकेगा।

विधायकों के लिए घर और वाहन ऋण में वृद्धि

हरियाणा विधानसभा (सदस्यों को सुविधाएं) संशोधन विधेयक 2025 के अंतर्गत विधायकों के लिए आवास और वाहन खरीद के लिए मिलने वाले ऋण की सीमा में उल्लेखनीय वृद्धि की गई है। पहले जहां यह सीमा 80 लाख रुपये थी, वहीं अब इसे बढ़ाकर 1 करोड़ रुपये कर दिया गया है। इस व्यवस्था के तहत, कोई भी विधायक 80 लाख रुपये तक का घर निर्माण और 20 लाख रुपये तक का वाहन खरीदने के लिए ऋण प्राप्त कर सकता है। इन ऋणों पर केवल चार प्रतिशत की रियायती ब्याज दर लागू होगी।

ऐतिहासिक कानून का निरसन

हरियाणा (बंदी आदान-प्रदान) निरसन विधेयक 2025 के पारित होने से एक ऐतिहासिक कानून समाप्त हो गया है। यह कानून 1948 में भारत-पाकिस्तान विभाजन के समय बनाया गया था, जिसके अंतर्गत दोनों देशों के बीच बंदियों का आदान-प्रदान होता था। इस कानून के माध्यम से पाकिस्तान में बंदी बनाए गए भारतीयों को वापस लाने और पाकिस्तान जाने वाले बंदियों को वहां भेजने की प्रक्रिया संचालित होती थी। अब इस पुराने कानून को निरस्त कर दिया गया है, जो वर्तमान परिस्थितियों के अनुरूप एक आवश्यक कदम माना जा रहा है।

बागवानी क्षेत्र में नियमन का नया अध्याय

हरियाणा बागवानी पौधशाला विधेयक 2025 के पारित होने से बागवानी क्षेत्र में महत्वपूर्ण बदलाव आएंगे। इस विधेयक के अनुसार, सब्जी, मसालों, फूलों, सजावटी पौधों, औषधीय और सुगंधित फसलों की नर्सरी संचालित करने वाले व्यक्तियों को छह माह के भीतर सक्षम अधिकारी से लाइसेंस प्राप्त करना अनिवार्य होगा।

नर्सरी मालिकों के लिए फलदार पौधों का दस वर्ष तक और अन्य बागवानी पौधों का दो वर्ष तक का विस्तृत रिकॉर्ड रखना अनिवार्य हो जाएगा। नियमों का उल्लंघन करने वाले नर्सरी संचालकों को एक वर्ष तक की कैद या एक लाख रुपये तक का जुर्माना अथवा दोनों दंड दिए जा सकते हैं। अप्रमाणित पौधे या पौधों की सामग्री का विक्रय भी नियमों का उल्लंघन माना जाएगा।

इस विधेयक के तहत, नर्सरी मालिकों को राज्य बागवानी विश्वविद्यालयों, राज्य कृषि विश्वविद्यालयों, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) और निजी बीज कंपनियों द्वारा विकसित किस्मों के पौधों को बेचने की अनुमति होगी। यह कदम राज्य में गुणवत्तापूर्ण बागवानी को बढ़ावा देने में मददगार साबित होगा।

अन्य महत्वपूर्ण विधेयक

इसके अतिरिक्त, हरियाणा विनियोग (संख्या 2) विधेयक 2025 और अपर्णा संस्था (प्रबंधन तथा नियंत्रण ग्रहण) विधेयक 2025 भी पारित किए गए हैं। ये विधेयक राज्य के वित्तीय प्रबंधन और संस्थागत नियंत्रण के क्षेत्र में महत्वपूर्ण परिवर्तन लाएंगे।

इन सभी विधेयकों के पारित होने से हरियाणा में विधायी और प्रशासनिक व्यवस्था में कई महत्वपूर्ण बदलाव होंगे। विधायकों की सुविधाओं में वृद्धि, बागवानी क्षेत्र में नियामक व्यवस्था का सुदृढ़ीकरण और पुराने अप्रासंगिक कानूनों का निरसन राज्य के विकास में सहायक होगा।

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