Haryana : विधानसभा में भिड़े भाजपा के मंत्री और विधायक! अब अरविंद शर्मा का आया भावुक बयान, पढ़ें पूरी खबर

हरियाणा बजट सत्र में भाजपा विधायक रामकुमार गौतम और कैबिनेट मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा के बीच गोहाना जलेबी से शुरू हुआ विवाद गंभीर तकरार में बदला। दोनों ने सफाई दी- गौतम भाईचारे की अपील करते हैं, तो शर्मा सम्मान और सेवा की बात करते हैं। विधानसभा में हंगामे के बाद अब शांति की कोशिश।
Haryana : विधानसभा में भिड़े भाजपा के मंत्री और विधायक! अब अरविंद शर्मा का आया भावुक बयान, पढ़ें पूरी खबर

चंडीगढ़ : हरियाणा के बजट सत्र के दौरान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दो दिग्गज नेताओं के बीच हुई तीखी नोकझोंक ने सुर्खियां बटोरीं। सफीदो से भाजपा विधायक रामकुमार गौतम और कैबिनेट मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा के बीच यह विवाद उस समय शुरू हुआ, जब बात गोहाना की जलेबी से उठकर निजी आरोपों तक जा पहुंची।

इस घटना ने विधानसभा में हंगामा मचा दिया था, जिसके बाद स्पीकर को बीच-बचाव करना पड़ा। अब इस मामले में दोनों नेताओं ने अपनी-अपनी सफाई दी है, जिससे यह मुद्दा और चर्चा में आ गया है।

डॉ. अरविंद शर्मा ने पहली बार इस विवाद पर खुलकर बात की। एक वीडियो संदेश में उन्होंने कहा कि रामकुमार गौतम उनके भाई जैसे हैं और वह हमेशा उनका सम्मान करते आए हैं। उन्होंने आगे कहा, “मैंने कभी घमंड नहीं किया, न ही किसी से उलझने की कोशिश की। मेरा पूरा ध्यान सेवा और ईमानदारी पर रहा है।

हमने ऐसा कोई काम नहीं किया, जिससे समाज या हरियाणा की शान को ठेस पहुंचे।” डॉ. शर्मा ने यह भी दोहराया कि वह रामकुमार गौतम को सम्मान देते रहेंगे, क्योंकि वह पार्टी के समर्पित विधायक हैं और दोनों का लक्ष्य देश व प्रदेश की भलाई है।

वहीं, रामकुमार गौतम ने भी इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने बताया कि इस विवाद के बाद उन्हें कई लोगों के फोन आए। गौतम ने कहा, “मैं और डॉ. अरविंद शर्मा पार्टी के अनुशासित कार्यकर्ता हैं। हमारा मकसद सिर्फ जनता की सेवा करना है। मैं सबसे अपील करता हूं कि कोई ऐसा कदम न उठाएं, जिससे हमारा आपसी भाईचारा खराब हो।” गौतम ने इस बात पर जोर दिया कि वह और शर्मा दोनों मिलकर हरियाणा के विकास के लिए काम करते रहेंगे।

यह पूरा मामला उस समय शुरू हुआ, जब बजट सत्र में दोनों नेताओं के बीच हल्की बहस गंभीर आरोपों में बदल गई। गोहाना की जलेबी पर हुई बातचीत ने देखते ही देखते तूल पकड़ लिया और सदन में माहौल गरमा गया। इस घटना ने न केवल भाजपा के भीतर की एकता पर सवाल उठाए, बल्कि राजनीतिक गलियारों में भी चर्चा का विषय बन गया।

दोनों नेताओं के बयानों से साफ है कि वे इस विवाद को पीछे छोड़कर आगे बढ़ना चाहते हैं और अपनी पार्टी व जनता के प्रति अपनी निष्ठा को बनाए रखना चाहते हैं।

Share this story