Haryana : पहले पूरे परिवार की हत्या, फिर घर में आग! इस दिल दहला देने वाली वारदात का सच जानकर रह जाएंगे सन्न

बहादुरगढ़ के सेक्टर-9 में धमाके को हादसा समझा गया, पर सच चौंकाने वाला था। हरपाल ने प्रॉपर्टी विवाद में परिवार की हत्या की, फिर आग लगाई। सुसाइड नोट में बहन-जीजा पर मकान हड़पने का आरोप। पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया, सोमवार को कोर्ट में पेशी।
Haryana : पहले पूरे परिवार की हत्या, फिर घर में आग! इस दिल दहला देने वाली वारदात का सच जानकर रह जाएंगे सन्न

बहादुरगढ़ : हरियाणा के बहादुरगढ़ में सेक्टर-9 की एक कॉलोनी में शनिवार शाम को हुए धमाके ने पूरे इलाके को हिलाकर रख दिया। शुरुआत में इसे एक आम हादसा समझा गया, लेकिन पुलिस की जांच ने जो सच सामने लाया, वो किसी के लिए भी रोंगटे खड़े करने वाला है। यह न तो गैस सिलिंडर का विस्फोट था और न ही एसी कंप्रेसर की खराबी।

असल में, परिवार के मुखिया हरपाल ने अपने ही हाथों से अपने पूरे परिवार को मौत के घाट उतारा और फिर इसे हादसे का रूप देने की कोशिश की। यह कहानी सिर्फ एक हत्याकांड की नहीं, बल्कि पारिवारिक विवाद, धोखे और टूटे विश्वास की दर्दनाक दास्तां है।

सुसाइड नोट ने खोला राज

पुलिस को मौके से 12 पेज का एक सुसाइड नोट मिला, जिसमें हरपाल ने अपनी बहन और जीजा पर संगीन इल्जाम लगाए। उसने लिखा कि वह अपनी बहन परविंद्र और जीजा दलजीत की धोखाधड़ी से तंग आ चुका था। नोट में उसने दावा किया कि इन दोनों ने उसकी प्रॉपर्टी हड़प ली, जिसके बाद वह अपने बच्चों को बचाने के लिए बहादुरगढ़ में छिपकर रहने को मजबूर हुआ।

हरपाल ने यह भी कबूल किया कि उसने पहले अपने परिवार को नींद की गोलियां दीं, फिर गला दबाकर और तेजधार हथियार से वार कर उनकी हत्या की। इसके बाद उसने घर में आग लगाई ताकि यह हादसा लगे। पुलिस ने हरपाल को हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर लिया है और उसे सोमवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा।

कैसे रची गई साजिश?

डीसीपी मयंक मिश्रा ने पत्रकारों को बताया कि हरपाल ने इस खौफनाक साजिश को बेहद सोच-समझकर अंजाम दिया। उसने अपनी पत्नी संदीप कौर (38), बेटी चहक (11), बेटे जसकीरत (17) और सुखविंद्र (9) को पहले बेहोश किया। फिर एक-एक कर उनकी जान ली।

इसके बाद उसने एसी की इंटरनल यूनिट में पेट्रोल डाला, जिससे धमाका हुआ। दूसरा विस्फोट एक बोतल में रखे पेट्रोल से हुआ। हरपाल ने खुद को भी खत्म करने की कोशिश की, लेकिन आखिरी वक्त में हिम्मत हार गया। बचाव दल को वह घायल हालत में मिला, जबकि उसके परिवार के चारों सदस्यों के शव बेड पर पड़े थे।

प्रॉपर्टी विवाद बना वजह

हरपाल मूल रूप से उत्तराखंड के रुद्रपुर का रहने वाला है और ट्रांसपोर्ट का कारोबार करता था। उसने बहादुरगढ़ में अपनी पहचान छिपाकर रहने के लिए किराये का मकान लिया था। आधार कार्ड और किरायानामा भी दिल्ली के उत्तम नगर के पते से बनवाया था। सुसाइड नोट में उसने लिखा, “मैं भाग-भाग कर थक गया हूं।

मेरे जीजा और बहन ने मेरे मकान की रजिस्ट्री अपने नाम करा ली। मैं अपने बच्चों को बचाना चाहता था, लेकिन अब कोई रास्ता नहीं बचा।” पुलिस का मानना है कि प्रॉपर्टी विवाद के साथ-साथ कारोबारी नुकसान भी इस वारदात की वजह हो सकता है।

हरपाल ने अपना गुनाह कबूल कर लिया है। पुलिस अब इस मामले में हर पहलू की जांच कर रही है। डीसीपी मिश्रा ने कहा कि जो भी इस साजिश में शामिल होगा, उससे पूछताछ की जाएगी। शवों का पोस्टमार्टम सोमवार को होगा और उसी दिन हरपाल को कोर्ट में पेश किया जाएगा। यह घटना न सिर्फ एक परिवार के अंत की कहानी है, बल्कि यह भी सवाल उठाती है कि रिश्तों में विश्वास और लालच की जंग कितनी खतरनाक हो सकती है।

Share this story