Haryana News : नूंह में लगा बीफ बिरयानी बैन! तब्लीगी जमात के जलसे में उमड़े 5 लाख लोग

Haryana News : हरियाणा के नूंह जिले में आज से एक बार फिर आस्था और भाईचारे का अनूठा संगम देखने को मिलेगा। शनिवार, 19 अप्रैल 2025 से शुरू होने वाला तब्लीगी जमात का तीन दिवसीय जलसा फिरोजपुर झिरका में आयोजित हो रहा है। इस जलसे में देश-विदेश से लाखों लोग शिरकत करेंगे और मौलाना हजरत साद के प्रवचनों को सुनेंगे।
यह आयोजन न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि सामाजिक एकता और शांति का संदेश भी देता है। आइए, इस भव्य जलसे की तैयारियों और इसके मायने को करीब से समझें।
तैयारियों का जायजा
नूंह के फिरोजपुर झिरका में इस जलसे के लिए जिला प्रशासन और तब्लीगी जमात की आयोजन समिति ने दिन-रात मेहनत की है। करीब 20 एकड़ से अधिक क्षेत्र में फैले इस आयोजन स्थल पर टेंट, बिजली, पानी, साफ-सफाई और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। लक्ष्मी नारायण, एसडीएम फिरोजपुर झिरका, ने अधिकारियों के साथ मिलकर हर व्यवस्था का बारीकी से निरीक्षण किया। उन्होंने जन स्वास्थ्य विभाग को स्वच्छ पेयजल, बिजली विभाग को 24 घंटे बिजली आपूर्ति और पुलिस को ट्रैफिक व सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
आयोजन में करीब 5 लाख लोगों के शामिल होने की उम्मीद है। इसके लिए 1,000 से अधिक स्वयंसेवक तैनात किए गए हैं, जो मेहमानों की सुविधा और व्यवस्था को संभालेंगे। दमकल विभाग को किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार रखा गया है, जबकि नगर निकाय ने सड़कों से अतिक्रमण हटाकर आवागमन को सुगम बनाया है।
जलसे की खासियत
इस बार का जलसा कई मायनों में खास है। आयोजन समिति ने साफ तौर पर कहा है कि बीफ बिरयानी पर पूरी तरह प्रतिबंध रहेगा। इसके अलावा, वाहनों की पार्किंग के लिए विशेष दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। गलत पार्किंग करने वालों के खिलाफ पुलिस चालान या वाहन जब्ती की कार्रवाई कर सकती है। खुले में शौच को रोकने के लिए भी पर्याप्त शौचालयों की व्यवस्था की गई है। ये कदम न केवल अनुशासन को बढ़ावा देते हैं, बल्कि पर्यावरण और स्वच्छता को भी प्राथमिकता देते हैं।
अमन और शांति का पैगाम
यह जलसा केवल धार्मिक आयोजन तक सीमित नहीं है। 21 अप्रैल को समापन के दिन देश में अमन, शांति और तरक्की के लिए विशेष दुआ की जाएगी। तब्लीगी जमात का उद्देश्य लोगों को बुराइयों से दूर रखकर अच्छाई और नैतिकता के रास्ते पर चलने के लिए प्रेरित करना है। इस आयोजन में शामिल होने वाले लोग न केवल धार्मिक ज्ञान प्राप्त करेंगे, बल्कि सामाजिक सद्भाव और भाईचारे का संदेश भी लेकर जाएंगे।
तब्लीगी जमात का इतिहास और मकसद
तब्लीगी जमात की स्थापना 1926 में दिल्ली के निजामुद्दीन में मौलाना इलियास कांधलवी ने की थी। इसका मुख्य उद्देश्य इस्लाम के मूल सिद्धांतों का प्रचार-प्रसार और लोगों को नैतिक जीवन जीने के लिए प्रेरित करना है। आज यह संगठन 150 से अधिक देशों में सक्रिय है और लाखों लोगों को जोड़ता है। नूंह जैसे मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में इसके आयोजन सामाजिक और धार्मिक एकता को और मजबूत करते हैं।
नूंह का जलसा
वक्फ कानून विवाद के बीच यह जलसा एक सकारात्मक संदेश देता है। नूंह में होने वाले इस आयोजन से न केवल स्थानीय लोग, बल्कि दूर-दराज से आने वाले मेहमान भी शांति और भाईचारे की भावना को आत्मसात करेंगे। यह जलसा हमें याद दिलाता है कि धर्म का असली मकसद इंसानियत को बढ़ावा देना और समाज में सौहार्द स्थापित करना है।