Haryana News : रिश्वत लेते पकड़ा गया डाटा एंट्री ऑपरेटर! हरियाणा में ACB की सबसे बड़ी कार्रवाई

Haryana News : हरियाणा के पलवल में एसीबी ने भ्रष्टाचार पर बड़ा प्रहार किया। मार्केट कमेटी, हसनपुर में क्लर्क धर्मेंद्र और सहयोगी योगेश कुमार को 3,000 रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया। शौचालय निर्माण बिल पास करने के लिए रिश्वत मांगी गई थी। अभियोग दर्ज, कार्रवाई जारी।
Haryana News : रिश्वत लेते पकड़ा गया डाटा एंट्री ऑपरेटर! हरियाणा में ACB की सबसे बड़ी कार्रवाई

Haryana News : हरियाणा के पलवल जिले में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने एक बार फिर भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ा कदम उठाया है। फरीदाबाद की एसीबी टीम ने 17 अप्रैल 2025 को एक सनसनीखेज कार्रवाई करते हुए मार्केट कमेटी कार्यालय, अनाज मंडी, हसनपुर में रिश्वत लेते हुए दो आरोपियों को रंगे हाथों धर दबोचा। इस कार्रवाई ने स्थानीय लोगों में भ्रष्टाचार के खिलाफ जागरूकता और विश्वास को और मजबूत किया है। आइए, इस घटना के बारे में विस्तार से जानते हैं।

रिश्वतखोरी का घिनौना खेल

पलवल जिले के हसनपुर में मार्केट कमेटी कार्यालय में तैनात क्लर्क-कम-डाटा एंट्री ऑपरेटर धर्मेंद्र ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए एक शिकायतकर्ता से रिश्वत की मांग की। शिकायतकर्ता की फर्म, राधे डेवलपमेंट, ने गांव बांसवा में सरपंच के निर्देश पर श्री प्रहलाद कुंड मंदिर में शौचालय और बाथरूम का निर्माण करवाया था।

इस कार्य पर फर्म ने 55,000 रुपये खर्च किए थे। निर्माण का बिल पास करवाने के लिए धर्मेंद्र ने शिकायतकर्ता से 3,000 रुपये की रिश्वत मांगी। यह राशि लेने के लिए उसने अपने सहयोगी योगेश कुमार, जो फरीदाबाद के गांव जवां का निवासी है, को आगे किया।

एसीबी की त्वरित कार्रवाई

शिकायतकर्ता ने इस अन्याय के खिलाफ आवाज उठाई और फरीदाबाद एसीबी को शिकायत दर्ज कराई। एसीबी ने तुरंत एक जाल बिछाया। 17 अप्रैल को शिकायतकर्ता को रिश्वत की राशि लेकर हसनपुर अनाज मंडी के मार्केट कमेटी कार्यालय बुलाया गया। धर्मेंद्र ने योगेश को रिश्वत की राशि लेने के लिए शिकायतकर्ता के साथ कार्यालय के बाहर भेजा। जैसे ही योगेश ने 3,000 रुपये नकद लिए, एसीबी की टीम ने उसे रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद, कार्यालय में मौजूद धर्मेंद्र को भी पर्याप्त साक्ष्यों के आधार पर हिरासत में लिया गया।

कानूनी कार्रवाई और अभियोग

इस मामले में एसीबी ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 7 के तहत अभियोग संख्या 10 दर्ज किया। दोनों आरोपियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जा रही है। यह कार्रवाई न केवल भ्रष्टाचारियों के लिए एक सबक है, बल्कि आम जनता को यह संदेश भी देती है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने से सकारात्मक परिणाम मिल सकते हैं।

भ्रष्टाचार के खिलाफ एकजुटता की जरूरत

हरियाणा में भ्रष्टाचार के खिलाफ एसीबी की यह कार्रवाई सरकारी तंत्र में पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह घटना हमें यह भी याद दिलाती है कि भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करने के लिए समाज के हर वर्ग को एकजुट होकर काम करना होगा। शिकायतकर्ता की हिम्मत और एसीबी की त्वरित कार्रवाई इस दिशा में एक प्रेरणा है।

आम नागरिकों से अपील है कि यदि वे किसी भी प्रकार की रिश्वतखोरी या भ्रष्टाचार का सामना करते हैं, तो वे बिना डरे एसीबी या संबंधित अधिकारियों से संपर्क करें। एक भ्रष्टाचार-मुक्त समाज की स्थापना तभी संभव है, जब हम सब मिलकर इस बुराई के खिलाफ लड़ें।

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