Haryana News: सरकार ने किया बड़ा ऐलान! 15 मई के बाद हरियाणा में किसानों की बदल जाएगी किस्मत

हरियाणा के खेतों में हाल ही में लगी आग ने सैकड़ों किसानों की मेहनत को राख में बदल दिया। इस आपदा ने 303 किसानों की 801 एकड़ फसल को नष्ट कर दिया। लेकिन अब सरकार ने इन किसानों के लिए राहत की दिशा में कदम बढ़ाया है। राजस्व विभाग ने प्रभावित किसानों की विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को सौंप दी है।
आग की चपेट में आए किसानों की स्थिति
हरियाणा के कई जिलों में आग ने किसानों की फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया। गेहूं और अन्य फसलों की कटाई का समय था, जब ये हादसे हुए। कई किसानों ने अपनी पूरी फसल खो दी, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति डगमगा गई। राजस्व विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा ने बताया कि प्रभावित किसानों की सूची तैयार कर ली गई है।
इस सूची को मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजा गया है, ताकि मुआवजा प्रक्रिया को जल्द शुरू किया जा सके। सरकार ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि किसान अपने जिले के उपायुक्त (डीसी) से संपर्क कर सकते हैं, ताकि उनकी शिकायतें दर्ज हो सकें।
मुआवजा प्रक्रिया में पारदर्शिता
मुआवजा देने से पहले सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि आवेदन करने वाले किसानों की फसल वास्तव में आग से नष्ट हुई है। इसके लिए एक सत्यापन प्रक्रिया शुरू की जाएगी। अधिकारियों का कहना है कि फसल बिक्री के बाद, यानी 15 मई 2025 के आसपास, मुआवजा वितरण शुरू हो सकता है। यह कदम न केवल पारदर्शिता सुनिश्चित करेगा, बल्कि उन किसानों को भी राहत देगा, जिन्होंने अपनी मेहनत और पूंजी खो दी है।
फसल बीमा की स्थिति
कृषि विभाग ने भी प्रभावित किसानों की जिलेवार सूची तैयार की थी, जिसे सरकार को सौंपा गया है। इस सूची में 43 ऐसे किसान शामिल हैं, जिन्होंने अपनी फसलों का बीमा कराया था। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि आग से हुए नुकसान को सामान्य फसल बीमा पॉलिसी में शामिल नहीं किया जाता। इसके लिए प्राकृतिक आपदा जैसे बिजली गिरने से हुए नुकसान को ही कवर किया जाता है। हरियाणा में इस साल करीब 5 लाख 34 हजार किसानों ने अपनी फसलों का बीमा कराया है, लेकिन आग से हुए नुकसान के लिए बीमा कंपनियां जिम्मेदारी नहीं ले रही हैं।
पशुपालकों के लिए भी राहत की संभावना
आग की घटनाओं ने न केवल फसलों को नुकसान पहुंचाया, बल्कि कुछ पशुपालकों के मवेशियों की भी जान ले ली। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने स्पष्ट किया है कि सरकार उन पशुपालकों को भी मुआवजा देगी, जिनके मवेशी इस आपदा में मारे गए हैं। हालांकि, यह अभी तय नहीं हुआ है कि मुआवजा नकद राशि के रूप में दिया जाएगा या खाद और बीज जैसे संसाधनों के रूप में। सरकार का यह कदम ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सहारा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।
आगे क्या?
हरियाणा सरकार का यह प्रयास किसानों और पशुपालकों के लिए एक नई उम्मीद लेकर आया है। मुआवजा राशि तय करने का जिम्मा मुख्यमंत्री सैनी पर है, और उम्मीद है कि जल्द ही इस दिशा में ठोस फैसला लिया जाएगा। सरकार का लक्ष्य है कि प्रभावित परिवारों को आर्थिक संकट से उबारकर उनकी जिंदगी को फिर से पटरी पर लाया जाए।
इस आपदा ने हमें यह भी सिखाया है कि प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए बेहतर बीमा योजनाओं और त्वरित राहत प्रक्रियाओं की जरूरत है। हरियाणा के किसान, जो देश का अन्नदाता हैं, उनकी मेहनत और हौसले को सलाम करते हुए हम उम्मीद करते हैं कि सरकार का यह कदम उनकी जिंदगी में नई रोशनी लाएगा।