Haryana News : गुरमीत राम रहीम को मिली फरलो से फिर गरमाई राजनीति, कांग्रेस ने जताई चिंता

Haryana News : गुरमीत राम रहीम को 21 दिन की फरलो मिली। हनीप्रीत उन्हें सुनरिया जेल से सिरसा डेरे ले गई। 29 अप्रैल को डेरा स्थापना दिवस के लिए बड़ा आयोजन संभव। 13वीं बार रिहाई पर सवाल, कांग्रेस ने चुनाव प्रभाव की आशंका जताई।
Haryana News : गुरमीत राम रहीम को मिली फरलो से फिर गरमाई राजनीति, कांग्रेस ने जताई चिंता

Haryana News : चंडीगढ़ से एक बार फिर बड़ी खबर सामने आई है। यौन शोषण मामले में सजा काट रहे डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को 21 दिन की फरलो मिल गई है। रोहतक की सुनरिया जेल से बाहर निकलते ही उनकी करीबी हनीप्रीत उन्हें लेने पहुंची। पुलिस की कड़ी सुरक्षा के बीच वो सिरसा स्थित डेरे के लिए रवाना हो गए। हर बार की तरह इस बार भी उनकी रिहाई चर्चा का विषय बन गई है। क्या ये महज संयोग है या इसके पीछे कोई बड़ी वजह? आइए जानते हैं पूरी कहानी।

सिरसा में तैयारियां जोरों पर

सूत्रों की मानें तो 29 अप्रैल को डेरा सच्चा सौदा का स्थापना दिवस है। इस मौके पर सिरसा में बड़े आयोजन होने की उम्मीद जताई जा रही है। शायद यही वजह है कि गुरमीत राम रहीम ने इस बार सिरसा में ही रुकने का फैसला किया है। उनके अनुयायियों के बीच उत्साह का माहौल है, लेकिन इस फरलो की टाइमिंग ने फिर से सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या ये सिर्फ एक धार्मिक आयोजन के लिए है, या इसके पीछे कुछ और भी छिपा है?

बार-बार पैरोल और फरलो का सिलसिला

गुरमीत राम रहीम को 2017 में दो साध्वियों से दुष्कर्म और एक पत्रकार की हत्या के मामले में 20 साल की सजा सुनाई गई थी। इसके बावजूद उन्हें अब तक 13 बार पैरोल या फरलो मिल चुकी है। हर बार उनकी रिहाई पर सवाल उठते हैं। मिसाल के तौर पर, हरियाणा विधानसभा चुनाव से ठीक पहले उन्हें 20 दिन की पैरोल दी गई थी। उस वक्त कांग्रेस ने इसे लेकर हंगामा मचाया था। पार्टी ने चुनाव आयोग को चिट्ठी लिखकर शिकायत की थी कि राम रहीम अपने प्रभाव का इस्तेमाल वोटरों को प्रभावित करने के लिए कर सकते हैं, क्योंकि हरियाणा में उनके अनुयायियों की तादाद अच्छी-खासी है।

कांग्रेस का आरोप 

कांग्रेस ने अपनी चिट्ठी में साफ कहा था कि पैरोल की टाइमिंग संदिग्ध है। चुनाव से ठीक पहले दी गई छूट से सियासी माहौल पर असर पड़ सकता है। पार्टी ने मांग की थी कि उनकी पैरोल तुरंत रद्द की जाए। ऐसा ही कुछ अगस्त 2023 में देखने को मिला, जब उन्हें 21 दिन की फरलो मिली थी। पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले 7 फरवरी 2022 को दी गई फरलो और दिल्ली चुनाव की तैयारियों के बीच जनवरी में मिली 30 दिन की पैरोल भी विवादों में रही। हर बार आलोचकों का कहना रहा कि ये रिहाई महज संयोग नहीं हो सकती।

जनता के मन में सवाल

गुरमीत राम रहीम की बार-बार रिहाई आम लोगों के लिए भी हैरानी का सबब बन गई है। एक तरफ सजा और दूसरी तरफ बार-बार छूट—ये विरोधाभास समझ से परे है। उनके समर्थक इसे उनके प्रति सिस्टम की नरमी मानते हैं, वहीं критики इसे सियासी खेल का हिस्सा बताते हैं। सवाल ये भी है कि क्या कानून सबके लिए एक जैसा है? इस फरलो के बाद सिरसा में होने वाले आयोजन पर सबकी नजरें टिकी हैं। क्या ये सिर्फ एक धार्मिक जलसा होगा, या इसके पीछे कोई और कहानी सामने आएगी? वक्त ही बताएगा।

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