Haryana News : कबूतरबाजी पर हरियाणा सरकार की सनसनीखेज कार्रवाई, ट्रैवल एजेंटों पर लगेगी नकेल

Haryana News : हरियाणा में कबूतरबाजी और डंकी रूट जैसे अवैध तरीकों से लोगों को विदेश भेजने की समस्या को जड़ से खत्म करने के लिए नायब सैनी सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। बुधवार को विधानसभा में मुख्यमंत्री नायब सैनी ने एक नया विधेयक पेश किया, जिसका मकसद ट्रैवल एजेंटों पर नकेल कसना और युवाओं को ठगी से बचाना है। इस विधेयक को चर्चा के बाद सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया। अब यह राज्यपाल के पास जाएगा, फिर केंद्रीय गृह मंत्रालय और राष्ट्रपति भवन की मंजूरी के बाद कानून के रूप में लागू होगा। आइए, इस खबर को करीब से समझते हैं।
पहले भी हुई थी कोशिश, अब नई उम्मीद
यह कोई पहला मौका नहीं है जब हरियाणा में इस तरह का कानून लाने की कोशिश हुई। इससे पहले मनोहर लाल खट्टर की सरकार ने भी ऐसा ही एक विधेयक पारित किया था, लेकिन केंद्रीय गृह मंत्रालय की आपत्तियों के चलते वह लागू नहीं हो सका। अब नायब सरकार ने पुरानी कमियों को दूर करते हुए इसे नए सिरे से पेश किया है। इस बार उम्मीद है कि यह कानून प्रदेश में कबूतरबाजी के काले कारोबार को खत्म करने में कामयाब होगा।
कबूतरबाजों को कड़ी सजा, संपत्ति भी होगी जब्त
नए विधेयक में सख्त प्रावधान किए गए हैं। अगर कोई ट्रैवल एजेंट कबूतरबाजी में शामिल पाया जाता है, तो उसे 3 से 10 साल तक की जेल और 2 से 5 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। इतना ही नहीं, दोषी साबित होने पर उसकी संपत्ति भी जब्त की जा सकेगी। यह कानून सिर्फ ट्रैवल एजेंटों तक सीमित नहीं है। इसमें आइलेट्स कोचिंग सेंटर, पासपोर्ट सेवाएं, टिकटिंग और जनरल सेल्स एजेंट जैसी सभी संबंधित सेवाएं शामिल होंगी। यानी अब हर कोई नियमों के दायरे में होगा।
युवाओं को ठगी से बचाने की मुहिम
मुख्यमंत्री नायब सैनी ने विधानसभा में कहा, “हमारे युवा विदेश जाने के सपने देखते हैं, लेकिन कुछ लोग उनके भरोसे का गलत फायदा उठाते हैं। ऐसे लोगों को अब बख्शा नहीं जाएगा।” उन्होंने ट्रैवल एजेंटों के लिए लाइसेंस अनिवार्य करने की बात कही। साथ ही, नियमों का पालन न करने वालों पर सख्त कार्रवाई का भरोसा दिलाया। विपक्ष ने कुछ आपत्तियां उठाईं, लेकिन सत्तापक्ष ने उनकी बातों को खारिज करते हुए विधेयक को पास करवा लिया।
पहले भी कसा था शिकंजा
हरियाणा के बिजली, परिवहन और श्रम मंत्री अनिल विज ने बताया कि पिछली सरकार में गृहमंत्री रहते हुए उन्होंने कबूतरबाजों के खिलाफ दो विशेष जांच टीमें (एसआईटी) बनाई थीं। पहली एसआईटी, जिसकी अगुआई भारती अरोड़ा ने की, ने 600 कबूतरबाजों को सलाखों के पीछे पहुंचाया। वहीं, शिबास कविराज की दूसरी एसआईटी ने 750 लोगों को गिरफ्तार किया। विज ने कहा, “यह समस्या गंभीर है और इसे हर हाल में रोकना जरूरी है। नया कानून इस दिशा में बड़ा कदम साबित होगा।”
क्यों जरूरी है यह कानून?
हरियाणा से बड़ी संख्या में युवा बेहतर भविष्य की तलाश में विदेश जाना चाहते हैं। लेकिन कबूतरबाज उनके सपनों का फायदा उठाकर उन्हें गैरकानूनी रास्तों से विदेश भेजते हैं, जिससे उनकी जिंदगी खतरे में पड़ जाती है। यह कानून न सिर्फ ऐसे ठगों को सजा देगा, बल्कि युवाओं को सही रास्ता दिखाने में भी मदद करेगा। मोबाइल यूजर्स के लिए यह खबर आसानी से पढ़ने लायक और तेजी से लोड होने वाली है, ताकि आपको हर अपडेट तुरंत मिल सके।