Haryana News: गेहूं की जबरदस्त एंट्री से मंडियां फुल! किसान बोले: अब कहां रखें फसल?

Haryana News: हरियाणा की रेवाड़ी-कोसली मंडियों में गेहूं और सरसों की आवक बढ़ी, पर उठान की सुस्ती से किसान परेशान। सरसों के ढेर लगे, जाम बरकरार। हैफेड डीएम बोले- गेहूं में 12% से कम नमी जरूरी। प्रशासन से तेजी की मांग, ताकि मंडी व्यवस्था सुधरे।
Haryana News: गेहूं की जबरदस्त एंट्री से मंडियां फुल! किसान बोले: अब कहां रखें फसल?

Haryana News: हरियाणा की अनाज मंडियों में इन दिनों हलचल बढ़ गई है। गेहूं और सरसों की आवक तेजी से बढ़ रही है, लेकिन उठान की रफ्तार इतनी धीमी है कि किसानों की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। खासकर रेवाड़ी और कोसली की मंडियों में हालात चिंताजनक हैं, जहां सरसों के ढेर लगे हैं और गेहूं की नई फसल आने से जगह की कमी हो गई है। प्रशासन के तमाम दावों और आदेशों के बाद भी स्थिति में सुधार नहीं दिख रहा, जिससे मंडियों में दिनभर जाम लगा रहता है।

मंडियों में अंबार, पर उठान की रफ्तार ठंडी

रेवाड़ी और कोसली की अनाज मंडियों में सरसों का जमावड़ा देखने को मिल रहा है। बीते रविवार को करीब 20 हजार क्विंटल सरसों का उठान हुआ, लेकिन यह रोजाना आने वाली फसल की तुलना में नाकाफी साबित हो रहा है। मंडियों में जितना अनाज पहुंच रहा है, उसका आधा भी नहीं उठ पा रहा। अब गेहूं की आवक शुरू होने से मंडियां पूरी तरह भर गई हैं। नतीजा? किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए घंटों इंतजार करना पड़ रहा है और मंडियों में जाम की समस्या बेकाबू हो गई है।

किसानों का दर्द: “कब तक करें इंतजार?”

किसानों का कहना है कि अगर उठान में तेजी नहीं लाई गई, तो मंडियों में फसल रखने की जगह ही नहीं बचेगी। कई किसान सुबह से शाम तक मंडी में बैठे रहते हैं, लेकिन उनकी उपज का नंबर नहीं आता। उनकी मांग साफ है- प्रशासन और मंडी प्रबंधन को तुरंत कदम उठाने चाहिए। एक किसान ने बताया, “हम मेहनत करके फसल लाते हैं, लेकिन यहां आकर परेशान होना पड़ता है।” प्रशासन ने व्यवस्था सुधारने का भरोसा दिया है, लेकिन धरातल पर बदलाव की रफ्तार अभी धीमी ही दिख रही है।

हैफेड की सलाह: गेहूं में नमी हो कम

हैफेड के डीएम प्रवीण ने किसानों को सलाह दी है कि गेहूं की खरीद के लिए उसमें नमी 12% से कम होनी चाहिए। उनका कहना है कि सिर्फ मापदंडों पर खरी उतरने वाली फसल ही खरीदी जाएगी। उन्होंने अपील की कि किसान अपनी उपज को अच्छे से सुखाकर और साफ करके लाएं, ताकि खरीद प्रक्रिया में कोई अड़चन न आए। साथ ही, उन्होंने भरोसा दिलाया कि उठान का काम लगातार चल रहा है, लेकिन किसानों को लगता है कि यह दावा हकीकत से कोसों दूर है।

जाम ने बिगाड़ी मंडियों की सूरत

मंडियों में दिनभर जाम की स्थिति ने किसानों की परेशानी को दोगुना कर दिया है। गेहूं और सरसों की भारी आवक से मंडियों पर दबाव बढ़ गया है। ट्रैक्टर-ट्रॉलियां सड़कों पर लाइन लगाकर खड़ी रहती हैं, जिससे न सिर्फ किसानों को दिक्कत हो रही है, बल्कि आसपास के लोगों का भी आने-जाने का रास्ता मुश्किल हो गया है। यह हाल तब है, जब प्रशासन लगातार व्यवस्था दुरुस्त करने की बात कह रहा है।

उम्मीद की किरण: प्रशासन करे हस्तक्षेप

किसानों को उम्मीद है कि हरियाणा सरकार और मंडी प्रबंधन जल्द ही इस समस्या का हल निकालेगा। अगर उठान की रफ्तार बढ़ाई जाए, तो न सिर्फ किसानों को राहत मिलेगी, बल्कि मंडियों में जाम की परेशानी भी खत्म होगी। यह वक्त है कि प्रशासन अपने वादों को अमल में लाए और किसानों के हित में ठोस कदम उठाए। हरियाणा के ये मेहनती अन्नदाता अब और इंतजार नहीं करना चाहते।

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