Haryana News : हरियाणा में नर्सरी चलाना अब बन गया है रिस्क का काम! नियम तोड़े तो सीधा जेल

Haryana News : हरियाणा सरकार ने बागवानी पौधशाला अधिनियम लागू कर नर्सरी संचालकों के लिए नया नियम जारी किया है, जिसके तहत फल, सब्जियां, मसाले और सजावटी पौधों की नर्सरी चलाने के लिए सरकारी लाइसेंस अनिवार्य होगा। बिना लाइसेंस या नियमों के उल्लंघन पर एक साल की जेल और एक लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।
Haryana News : हरियाणा में नर्सरी चलाना अब बन गया है रिस्क का काम! नियम तोड़े तो सीधा जेल

Haryana News : हरियाणा में फल, सब्जियां, मसाले और सजावटी पौधों की नर्सरी चलाने वालों के लिए एक महत्वपूर्ण खबर सामने आई है। प्रदेश सरकार ने बागवानी क्षेत्र को और अधिक व्यवस्थित करने के लिए नया नियम लागू किया है, जिसके तहत अब हर नर्सरी संचालक को सरकार से लाइसेंस लेना अनिवार्य होगा।

यह नियम न केवल गुणवत्तापूर्ण पौधों की आपूर्ति सुनिश्चित करेगा, बल्कि उपभोक्ताओं को भी बेहतर सेवाएं प्रदान करने में मदद करेगा। इस लेख में हम इस नए नियम के हर पहलू को विस्तार से समझेंगे, ताकि नर्सरी संचालक और आम लोग इसकी बारीकियों से अवगत हो सकें।

लाइसेंस के बिना नर्सरी चलाना अब होगा दंडनीय

हरियाणा सरकार ने बागवानी पौधशाला अधिनियम को लागू कर दिया है, जिसके तहत बिना लाइसेंस के नर्सरी संचालित करना गैरकानूनी होगा। यदि कोई व्यक्ति या कंपनी बिना लाइसेंस के नर्सरी शुरू करता है या नियमों का उल्लंघन करता है, तो उसे एक साल तक की जेल और एक लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।

इसके अलावा, अगर पौधों की गुणवत्ता मानकों के अनुरूप नहीं पाई जाती, तो नर्सरी संचालक को बागवानी पौधों की लागत का दोगुना या सजावटी पौधों की खरीद लागत का दोगुना मुआवजा देना पड़ सकता है। यदि कोई कंपनी नियम तोड़ती है, तो उसके निदेशक, प्रबंधक और अन्य जिम्मेदार अधिकारियों को भी सजा का सामना करना होगा। यह नियम नर्सरी व्यवसाय में पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देने के लिए बनाया गया है।

लाइसेंस की वैधता और निरीक्षण की प्रक्रिया

नए नियमों के अनुसार, एक बार जारी किया गया लाइसेंस पांच साल तक वैध रहेगा। हरियाणा के विधि तथा विधायी विभाग की प्रशासकीय सचिव रितु गर्ग के आदेशों के मुताबिक, नर्सरी शुरू करने से पहले संबंधित अधिकारियों द्वारा निरीक्षण किया जाएगा। निरीक्षण में सब कुछ सही पाए जाने पर ही लाइसेंस प्रदान किया जाएगा। इसके लिए एक तय फीस जमा करनी होगी।

यदि कोई नर्सरी संचालक उसी नाम से किसी दूसरी जगह नर्सरी खोलना चाहता है, तो उसे भी अलग से फीस देकर अनुमति लेनी होगी। नर्सरी शुरू होने के बाद भी समय-समय पर सरकारी निरीक्षण होगा, और किसी भी तरह की अनियमितता पाए जाने पर लाइसेंस निलंबित किया जा सकता है। यदि निलंबन के दौरान नर्सरी का संचालन जारी रखा जाता है, तो पौधों को नष्ट करने की कार्रवाई भी हो सकती है।

लाइसेंस खोने या खराब होने पर क्या करें?

कई बार लाइसेंस पत्र खो जाता है या खराब हो जाता है। ऐसे मामलों में नर्सरी संचालकों को दोबारा लाइसेंस प्राप्त करने के लिए भी एक निर्धारित फीस देनी होगी। नियमों का पालन न करने या किसी विवाद की स्थिति में मामले की सुनवाई प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट की अदालत में होगी। यह प्रक्रिया न केवल नर्सरी संचालकों को नियमों के प्रति जागरूक करेगी, बल्कि उपभोक्ताओं को भी गुणवत्तापूर्ण पौधों की गारंटी देगी।
 

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