Haryana News: अब नहीं चलेगी स्कूलों की मनमानी! हरियाणा सरकार ने जारी की सख्त एडवाइजरी, देखिये पूरी लिस्ट

Haryana News: हरियाणा की सैनी सरकार ने प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर सख्ती दिखाई। एनसीईआरटी किताबें अनिवार्य, यूनिफॉर्म बदलाव पर रोक, बस्ते का वजन डेढ़ किलो तक और स्कूल में पानी की व्यवस्था जरूरी। नियम तोड़े तो कार्रवाई होगी। अभिभावक जिला शिक्षा अधिकारियों से शिकायत कर सकते हैं।
Haryana News: अब नहीं चलेगी स्कूलों की मनमानी! हरियाणा सरकार ने जारी की सख्त एडवाइजरी, देखिये पूरी लिस्ट

Haryana News: हरियाणा की सैनी सरकार ने नए शैक्षणिक सत्र की शुरुआत के साथ ही प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर नकेल कसने का फैसला किया है। सरकार ने अभिभावकों की शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए एक नई एडवाइजरी जारी की है, जिसमें स्कूलों को छह सख्त निर्देश दिए गए हैं। यह कदम न केवल बच्चों और उनके परिवारों के हित में है, बल्कि शिक्षा को सुलभ और तनावमुक्त बनाने की दिशा में भी एक बड़ा प्रयास है। आइए, जानते हैं कि सरकार ने क्या कदम उठाए हैं और इससे आम लोगों को कैसे फायदा होगा।

किताबों और यूनिफॉर्म पर लगाम

प्राइवेट स्कूल अक्सर अभिभावकों पर महंगी किताबें और यूनिफॉर्म खरीदने का दबाव बनाते हैं, लेकिन अब ऐसा नहीं चलेगा। सरकार ने साफ कहा है कि सभी स्कूलों में एनसीईआरटी और सीबीएसई की किताबों को ही अनिवार्य किया जाए। इसके अलावा, हर साल यूनिफॉर्म में बदलाव को भी गैर-कानूनी माना गया है। यह फैसला उन परिवारों के लिए राहत भरा है, जो हर साल नई किताबें और ड्रेस खरीदने के लिए मजबूर होते थे। सरकार ने स्कूलों को पुरानी किताबों के इस्तेमाल को बढ़ावा देने का भी निर्देश दिया है, ताकि अभिभावकों पर आर्थिक बोझ कम हो।

बच्चों की सेहत और सुविधा का ख्याल

स्कूलों में बच्चों की सेहत को लेकर भी सरकार ने सख्ती दिखाई है। अब स्कूलों को अपने परिसर में पीने के पानी की व्यवस्था करनी होगी, ताकि बच्चों को घर से बोतल लाने की जरूरत न पड़े। इसके साथ ही, बच्चों के बस्ते के वजन पर भी नजर रखी जाएगी। खास तौर पर छोटे बच्चों का बस्ता डेढ़ किलो से ज्यादा भारी नहीं होना चाहिए। यह नियम बच्चों के शारीरिक विकास को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है, जो अभिभावकों के लिए एक बड़ी चिंता का विषय था।

स्कूलों को व्यवसाय नहीं, सेवा बनने की नसीहत

सरकार ने साफ शब्दों में कहा है कि स्कूल गैर-लाभकारी संस्थाएं हैं और इन्हें व्यवसाय का केंद्र बनाना गलत है। कई प्राइवेट स्कूल मनमाने ढंग से फीस बढ़ाते हैं या अभिभावकों को खास दुकानों से सामान खरीदने के लिए मजबूर करते हैं, लेकिन अब ऐसा करने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी। शिक्षा विभाग ने जिला शिक्षा अधिकारियों को भी निर्देश दिए हैं कि वे अपने संपर्क नंबर सार्वजनिक करें। अगर कोई स्कूल नियम तोड़ता है, तो अभिभावक सीधे अधिकारियों से शिकायत कर सकेंगे।

अभिभावकों के लिए उम्मीद की किरण

यह कदम हरियाणा के लाखों अभिभावकों के लिए उम्मीद की किरण लेकर आया है। शिक्षा को लेकर बढ़ती महंगाई और स्कूलों की मनमानी से परेशान परिवारों को अब राहत मिलने की उम्मीद है। सरकार का यह प्रयास न केवल बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करेगा, बल्कि शिक्षा को सभी के लिए सस्ता और सुलभ बनाने में भी मदद करेगा। अगर आप भी किसी प्राइवेट स्कूल की मनमानी से परेशान हैं, तो अब आपके पास शिकायत का रास्ता खुला है।

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