Haryana News : हरियाणा के स्कूलों में अनोखा होमवर्क, दबाने होंगे दादी-नानी के पैर

Haryana News : हरियाणा के प्राइमरी स्कूलों में 1 जून से शुरू हुई ग्रीष्मकालीन छुट्टियों के दौरान बच्चों को अनोखा होमवर्क दिया गया है, जो राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (एनईपी 2020) के तहत सामाजिक जागरूकता और डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा देता है। कक्षा 4 और 5 के विद्यार्थियों को अपने परिवार, रिश्तेदारों, स्थानीय प्रशासन और वाहनों व खाद्य पदार्थों के ब्रांडों की जानकारी इकट्ठा करने का कार्य सौंपा गया है।
Haryana News : हरियाणा के स्कूलों में अनोखा होमवर्क, दबाने होंगे दादी-नानी के पैर

Haryana News : हरियाणा के प्राइमरी स्कूलों में गर्मी की छुट्टियां 1 जून से शुरू हो चुकी हैं, और इस बार बच्चों को मिला है एक ऐसा होमवर्क, जो न सिर्फ अनोखा है, बल्कि उनके जीवन को समृद्ध करने वाला भी है। इस बार का ग्रीष्मकालीन अवकाश बच्चों के लिए किताबों से परे जाकर अपने परिवार, समाज और संस्कृति से गहराई से जुड़ने का अवसर लेकर आया है।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (एनईपी 2020) के तहत तैयार किए गए इस होमवर्क का उद्देश्य बच्चों को किताबी ज्ञान के साथ-साथ व्यावहारिक और सामाजिक समझ विकसित करना है। आइए, जानते हैं कि इस बार बच्चों को क्या-क्या रोचक कार्य करने को मिले हैं।

इस गर्मी की छुट्टियों में बच्चों को अपने दादा-दादी, नाना-नानी के साथ समय बिताने और उनसे सेवा और संस्कार सीखने का मौका मिलेगा। बच्चे अपने बुजुर्गों के पैर दबाएंगे, उनकी कहानियां सुनेंगे और पारिवारिक मूल्यों को समझेंगे। इसके अलावा, उन्हें ऑपरेशन सिंदूर जैसे ऐतिहासिक और सामाजिक विषयों के बारे में जानने का कार्य भी सौंपा गया है।

यह होमवर्क बच्चों को अपने परिवार और देश के इतिहास से जोड़ने का एक अनूठा प्रयास है, जो उन्हें भावनात्मक और सामाजिक रूप से मजबूत बनाएगा।

कक्षा 5 के बच्चों को इस बार अपने परिवार के सदस्यों के नाम, उनके मोबाइल नंबर और रिश्तेदारों की जानकारी एकत्र करने का कार्य दिया गया है। इसके साथ ही उन्हें स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों जैसे पुलिस अधीक्षक (एसपी), विधायकों और सरकारी ढांचे से जुड़ी जानकारी भी इकट्ठा करनी है।

यह कार्य बच्चों को अपने आसपास के सामाजिक और प्रशासनिक परिवेश को समझने में मदद करेगा। इसके अलावा, उन्हें बस, ट्रेन और अन्य परिवहन साधनों की जानकारी भी जुटानी है, जिससे उनकी सामान्य ज्ञान और जागरूकता में वृद्धि होगी।

वहीं, चौथी कक्षा के बच्चों के लिए होमवर्क में रोजमर्रा की जिंदगी से जुड़े विषय शामिल किए गए हैं। उन्हें अपने आसपास के वाहनों जैसे साइकिल, स्कूटर, कार और जीप के ब्रांड पहचानने और उनके नाम लिखने का कार्य दिया गया है। इसके साथ ही, घर में इस्तेमाल होने वाले खाद्य पदार्थों जैसे बिस्किट, नमकीन, मसाले और दूध के ब्रांडों की जानकारी भी इकट्ठा करनी है।

यह नन्हा प्रयास बच्चों में उपभोक्ता जागरूकता और व्यावहारिक जीवन की समझ को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

डिजिटल युग में बच्चों को तकनीक से जोड़ने के लिए भी विशेष ध्यान दिया गया है। शिक्षकों ने बच्चों को डिजिटल साक्षरता बढ़ाने के लिए मोबाइल और टैबलेट में इस्तेमाल होने वाले ऐप्स जैसे पेटीएम, गूगल पे, फोन पे, फेसबुक, यूट्यूब और इंस्टाग्राम के लोगो को पहचानने और उनके चित्र बनाने का कार्य सौंपा है।

यह कार्य बच्चों को डिजिटल दुनिया की बुनियादी समझ देगा, जो आज के समय में बेहद जरूरी है। शिक्षकों ने पाठ्यपुस्तकों से हटकर बच्चों के लिए विशेष वर्कशीट तैयार की हैं, जो प्रत्येक कक्षा और विषय के लिए अलग-अलग हैं।

हरियाणा शिक्षा विभाग के दिशा-निर्देशों के अनुसार, यह ग्रीष्मकालीन अवकाश 1 जून से 30 जून तक चलेगा। छुट्टियों से पहले स्कूलों में अभिभावक-शिक्षक बैठकें आयोजित की गईं, जहां माता-पिता को इस अनोखे होमवर्क के बारे में विस्तार से बताया गया। कई स्कूलों ने इसे एक उत्सव की तरह मनाया।

उदाहरण के लिए, मिलगेट के सरकारी प्राइमरी स्कूल में हेड टीचर वेदपाल रायपुर ने बच्चों और उनके माता-पिता के साथ खीर बांटकर छुट्टियों की शुरुआत की। उन्होंने अभिभावकों को सलाह दी कि बच्चों को टीवी और मोबाइल से दूर रखकर खेल-कूद और पढ़ाई में व्यस्त रखें। यह अनोखा होमवर्क न केवल बच्चों के लिए सीखने का एक नया तरीका है, बल्कि यह उन्हें अपने परिवार और समाज के प्रति जिम्मेदार और जागरूक नागरिक बनने की दिशा में भी प्रेरित करेगा।

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