हरियाणा की बेटी सविता पूनिया ने रचा इतिहास! लगातार तीसरी बार बनीं 'गोलकीपर ऑफ द ईयर'

चंडीगढ़ : हरियाणा के सोनीपत की लाडली सविता पूनिया ने एक बार फिर भारत का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया है। हाल ही में उन्हें "गोलकीपर ऑफ द ईयर" का प्रतिष्ठित सम्मान मिला, जो भारतीय हॉकी के इतिहास में एक सुनहरा पल है। सविता कोई अनजान नाम नहीं हैं; वह पहले भी 2021 और 2022 में इस खिताब को अपने नाम कर चुकी हैं।
भारतीय महिला हॉकी टीम की यह चमकती सितारा "इंडियन वॉल" के नाम से जानी जाती हैं। उनकी शानदार गोलकीपिंग और मैदान पर चुस्ती ने उन्हें यह सम्मान दिलाया। सोनीपत की इस बेटी ने अपनी कड़ी मेहनत और जुनून से न सिर्फ अपने परिवार को गौरवान्वित किया, बल्कि देश की लाखों लड़कियों के लिए एक प्रेरणादायक मिसाल बन गई हैं। उनकी यह उपलब्धि आज खेल प्रेमियों के बीच चर्चा का केंद्र बनी हुई है।
सविता पूनिया की जिंदगी किसी प्रेरक कहानी से कम नहीं है। सोनीपत के एक छोटे से गांव से निकलकर अंतरराष्ट्रीय हॉकी में अपनी अलग पहचान बनाने वाली सविता ने बचपन में ही हॉकी को अपना साथी बना लिया था। उनके परिवार ने उनकी प्रतिभा को निखारा और हर मोड़ पर उनका हौसला बढ़ाया।
मैदान पर उनकी फुर्ती और गोल रोकने की काबिलियत ने उन्हें भारतीय टीम की रीढ़ बना दिया। "इंडियन वॉल" का यह तमगा उन्हें तब मिला, जब उन्होंने कई बड़े मुकाबलों में अपनी बेहतरीन गोलकीपिंग से टीम को जीत का स्वाद चखाया। 2021 और 2022 में लगातार यह सम्मान हासिल करने के बाद तीसरी बार यह खिताब जीतना उनकी मेहनत और लगन का जीता-जागता सबूत है।
यह सम्मान सविता को अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ (FIH) ने दिया है, जो हर साल दुनिया के बेहतरीन खिलाड़ियों को उनकी उपलब्धियों के लिए सम्मानित करता है। इस बार भी सविता ने अपने प्रदर्शन से हर किसी का दिल जीत लिया। भारतीय महिला हॉकी टीम के लिए वह एक मजबूत किला हैं, जिसके सामने विरोधी टीमें घबराती हैं।
टोक्यो ओलंपिक में भी उनका खेल देखने लायक था, जहां उन्होंने कई गोल रोककर भारत को मेडल की उम्मीदों से जोड़े रखा। सोनीपत के लोग अपनी इस बेटी पर फख्र महसूस कर रहे हैं, जिसने न सिर्फ देश में, बल्कि विदेशों में भी अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है।
सविता की इस कामयाबी ने सोशल मीडिया पर भी हलचल मचा दी है। खेल प्रेमी उनकी तारीफ करते नहीं थक रहे और उनकी मेहनत को सलाम कर रहे हैं। एक फैन ने लिखा, "सविता पूनिया हमारी इंडियन वॉल हैं, जो हर बार हमें गर्व करने का मौका देती हैं।" यह उपलब्धि इसलिए भी खास है, क्योंकि यह भारतीय महिला हॉकी को नई बुलंदियों तक ले जा रही है।
खेल विशेषज्ञ मानते हैं कि सविता जैसी खिलाड़ी युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। सोनीपत के स्थानीय कोचों का कहना है कि उनकी सफलता से इलाके की लड़कियां हॉकी की ओर आकर्षित होंगी। यह सम्मान सिर्फ सविता की जीत नहीं, बल्कि पूरे हरियाणा और भारत के लिए गर्व की बात है।
सविता पूनिया की यह कहानी हमें बताती है कि मेहनत और जज्बे के आगे कोई मुश्किल बड़ी नहीं होती। सोनीपत की इस बेटी ने अपने खेल से यह दिखा दिया कि सपनों को हकीकत में बदलने के लिए सिर्फ हिम्मत और समर्पण चाहिए। उनकी यह जीत भारतीय हॉकी के उज्ज्वल भविष्य की ओर इशारा करती है।
आने वाले दिनों में सविता से और शानदार प्रदर्शन की उम्मीदें हैं, और उनके चाहने वाले उन्हें फिर से मैदान पर चमकते देखने के लिए बेकरार हैं। यह खबर न सिर्फ खेल जगत, बल्कि हर उस इंसान के लिए प्रेरणा है जो अपने लक्ष्य को पाना चाहता है। सविता पूनिया का यह सम्मान हमें गर्व से सीना चौड़ा करने का मौका देता है।