Haryana News : हरियाणा का अब तक का सबसे महंगा शराब ठेका, 98.5 करोड़ लगी बोली

Gurugram Liquor Shop : हरियाणा की नई आबकारी नीति 2025-27 के तहत गुरुग्राम के ब्रिस्टल चौक पर शराब ठेका 98.5 करोड़ रुपये में बिका, जो हरियाणा का सबसे महंगा ठेका बन गया। डीएलएफ जैसे पॉश इलाके और दिल्ली बॉर्डर की नजदीकी के कारण इसकी बोली इतनी ऊंची रही।
Haryana News : हरियाणा का अब तक का सबसे महंगा शराब ठेका, 98.5 करोड़ लगी बोली 

Haryana News : हरियाणा में शराब के ठेकों की नीलामी ने इस बार सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। गुरुग्राम के ब्रिस्टल चौक पर स्थित एक शराब ठेके ने 98.5 करोड़ रुपये की बोली के साथ हरियाणा का सबसे महंगा ठेका बनने का गौरव हासिल किया है।

यह नीलामी न केवल आर्थिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि गुरुग्राम के पॉश इलाकों में शराब व्यवसाय की बढ़ती मांग को भी दर्शाती है। इस बार की आबकारी नीति 2025-27 के तहत 21 महीने के लिए ठेकों का आवंटन किया जा रहा है, जिसने निवेशकों का ध्यान खींचा है।

आइए, जानते हैं कि इस ठेके की बोली इतनी ऊंची क्यों गई और इस नीलामी से हरियाणा सरकार को कितना फायदा हुआ।

गुरुग्राम के पूर्वी हिस्से में 79 में से 50 जोन की नीलामी हाल ही में पूरी हुई, जिससे सरकार को 1270.40 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ। यह राशि निर्धारित रिजर्व प्राइस 1198.90 करोड़ रुपये से लगभग 6% अधिक है। आबकारी एवं कराधान विभाग ने इस नीलामी को पारदर्शी और सफल बताया है।

डीईटीसी (ईस्ट) अमित भाटिया ने बताया कि बोलीदाताओं को 30 मई से 31 मई तक बोली लगाने का मौका दिया गया था, और इस दौरान व्यापक भागीदारी देखने को मिली। गुरुग्राम पश्चिम और पूर्व के बाकी जोन की नीलामी 3 और 5 जून 2025 को होगी, जिससे राजस्व में और इजाफा होने की उम्मीद है।

अगले चरण में पश्चिमी गुरुग्राम के 21 जोन और पूर्वी गुरुग्राम के 29 जोन की नीलामी होगी, जिनका रिजर्व प्राइस 1021 करोड़ रुपये रखा गया है।

ब्रिस्टल चौक का ठेका इतना महंगा होने की वजह इसका डीएलएफ जैसे पॉश इलाके और दिल्ली बॉर्डर के पास होना है। इस क्षेत्र में व्यावसायिक गतिविधियों की भरमार और शराब की उच्च मांग ने इसकी बोली को आसमान छूने में मदद की। दिल्ली में शराब की कीमतें हरियाणा से अधिक होने के कारण, दिल्ली बॉर्डर के पास के ठेकों की मांग हमेशा ज्यादा रहती है।

इसके अलावा, एमजी रोड पर स्थित एक अन्य ठेके की बोली 43 करोड़ रुपये में लगी, जो इस क्षेत्र की व्यावसायिक संभावनाओं को और उजागर करता है।

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