बदमाशी वाले गानों पर रोक! हरियाणा सरकार का सख्त एक्शन, खाप पंचायत ने सराहा

हरियाणा सरकार ने बंदूक संस्कृति और हिंसा को बढ़ावा देने वाले हरियाणवी संगीत पर प्रतिबंध लगाया। सर्वखाप पंचायत ने समर्थन किया। मुख्यमंत्री नायब सैनी ने युवा पीढ़ी को अपराध से बचाने और सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने के लिए यह कदम उठाया। एनसीआरबी रिपोर्ट भी समस्या की गंभीरता को दर्शाती है।
बदमाशी वाले गानों पर रोक! हरियाणा सरकार का सख्त एक्शन, खाप पंचायत ने सराहा

चंडीगढ़ : हरियाणा सरकार ने हाल ही में एक बड़ा फैसला लिया है, जिसमें हथियारों और हिंसा को बढ़ावा देने वाले संगीत पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। इस कदम का सर्वखाप पंचायत ने दिल से समर्थन किया है। अखिल भारतीय देशवाल खाप के प्रमुख संजय देशवाल ने बताया कि पिछले कुछ सालों से हरियाणवी और स्थानीय संगीत में हिंसा, अपराध और बंदूक संस्कृति को महिमामंडित करने का चलन बढ़ा है।

इससे युवा पीढ़ी पर बुरा असर पड़ रहा है, जो लगातार इस हिंसक चक्र में फंसती जा रही है। मुख्यमंत्री नायब सैनी ने इस समस्या को गंभीरता से लिया और सही दिशा में कदम उठाया।

गठवाला खाप के राष्ट्रीय महासचिव अशोक मलिक ने कहा कि खाप पंचायतें हमेशा से समाज में सम्मान, अनुशासन और सांस्कृतिक मूल्यों को बनाए रखने के लिए काम करती आई हैं। हाल ही में सभी खापों ने एकजुट होकर मुख्यमंत्री से अपील की थी कि समाज में बढ़ते प्रेम विवाह, लिव-इन रिलेशनशिप और सांस्कृतिक गिरावट जैसी समस्याओं पर सख्ती बरती जाए।

मुख्यमंत्री ने उनकी बात को समझा और बंदूक संस्कृति को बढ़ावा देने वाले गानों पर प्रतिबंध का आदेश जारी किया। यह फैसला समाज को सही दिशा में ले जाने की दिशा में एक मजबूत कदम है।

हुड्डा खाप के प्रवक्ता जगवंत हुड्डा ने चिंता जताते हुए कहा कि आजकल युवा और किशोर सोशल मीडिया पर बदमाशी और हिंसा वाले गानों पर रील्स बनाते नजर आते हैं। वे सीखने की उम्र में ही अपराध, बंदूक और हिंसा की ओर आकर्षित हो रहे हैं, जो समाज के लिए खतरनाक है।

उनका मानना है कि हमारी सांस्कृतिक विरासत को बचाना बेहद जरूरी है, वरना आने वाली पीढ़ी गलत रास्ते पर चली जाएगी।

सांस्कृतिक विशेषज्ञों का कहना है कि हरियाणवी संगीत में अब बंदूक, ड्रग्स और हिंसा को बढ़ावा देने वाली चीजें आम हो गई हैं। 2023 की राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) रिपोर्ट भी इस बात की पुष्टि करती है कि 18-30 साल के युवा सबसे ज्यादा आपराधिक गतिविधियों में शामिल हैं। ऐसे में हिंसा और हथियारों को महिमामंडित करने वाले संगीत ने इस समस्या को और गंभीर बना दिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के कदम से समाज में सकारात्मक बदलाव आएगा।

नांदल खाप के नेता ओमप्रकाश नांदल, सतगामा के प्रधान श्रीपाल और कुंडू खाप के प्रधान जयवीर कुंडू ने एक सुर में कहा कि गायकों और कलाकारों को अपनी कला का इस्तेमाल समाज को प्रेरित करने और सकारात्मक संदेश देने के लिए करना चाहिए। गठवाला खाप के प्रधान चौधरी कुलदीप मलिक ने इस प्रतिबंध को सामाजिक सुधार की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम बताया। उनका कहना है कि यह फैसला युवाओं को सही राह दिखाने में मदद करेगा।

हरियाणा सरकार का यह निर्णय नई पीढ़ी को बंदूक संस्कृति से दूर रखने और समाज में शांति स्थापित करने की दिशा में एक बड़ा प्रयास है। इससे हरियाणवी संगीत को भी नई दिशा मिलेगी और युवा सकारात्मकता की ओर बढ़ेंगे। हालांकि, इस फैसले को सफल बनाने के लिए सरकार को सख्ती से लागू करना होगा और इस पर नजर रखनी होगी। यह कदम न सिर्फ हरियाणा बल्कि पूरे देश के लिए एक मिसाल बन सकता है।

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