हरियाणा को कब मिलेगा उसके हक का पानी? केंद्रीय मंत्री ने किया बड़ा ऐलान

Haryana News : पंचकूला में हाल ही में आयोजित एक कार्यक्रम ने हरियाणा के लोगों के लिए नई उम्मीद की किरण जगा दी है। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने साफ शब्दों में कहा कि हरियाणा को उसका हक का पानी दिलाने के लिए वह कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। 'कैच द रेन' जल शक्ति अभियान के शुभारंभ के मौके पर उन्होंने यह वादा किया कि बहुत जल्द चार राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक होगी, ताकि पानी के बंटवारे का मसला सुलझाया जा सके। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने भी इस मंच से किशाऊ बांध परियोजना का जिक्र किया, जो लंबे समय से विवादों में फंसी हुई है।
किशाऊ बांध: हरियाणा की पानी की उम्मीद
हिमाचल प्रदेश में प्रस्तावित किशाऊ बांध हरियाणा, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और राजस्थान के लिए पानी का अहम स्रोत बन सकता है। लेकिन राज्यों के बीच फंडिंग को लेकर चल रहा विवाद इस प्रोजेक्ट को अटकाए हुए है। पाटिल ने कहा कि मुख्यमंत्री सैनी ने उन्हें इस समस्या से अवगत कराया है और इसे जल्द हल करने की दिशा में कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने भरोसा जताया कि प्रधानमंत्री की अगुवाई में हरियाणा की मांगें पूरी होंगी और राज्य को उसका पूरा हक मिलेगा।
जल संरक्षण के लिए जन आंदोलन की जरूरत
पाटिल ने जल संरक्षण को लेकर भी गहरी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि हरियाणा जैसे प्रगतिशील राज्य में बारिश कम होती है और पानी की आपूर्ति के लिए यह दूसरे राज्यों पर निर्भर है। ऐसे में जल संचय और संवर्धन के लिए सरकार के साथ-साथ आम लोगों को भी आगे आना होगा। मुख्यमंत्री सैनी ने इस दिशा में कदम उठाते हुए राज्य बजट 2025-26 में कई योजनाओं की रूपरेखा तैयार की है, जिसे केंद्रीय मंत्री ने सराहा।
बाहर बसे हरियाणवी भी आएंगे साथ
केंद्रीय मंत्री ने एक खास बात पर जोर दिया कि जल संचय को जन आंदोलन बनाना होगा। उन्होंने बताया कि सूरत जैसे शहरों में बसे हरियाणा के व्यापारियों से उनकी बात हुई है। ये अप्रवासी कारोबारी अब अपनी मातृभूमि के गांवों में जल संरक्षण के लिए पैसा लगाने को तैयार हैं। पाटिल ने प्रधानमंत्री के उस नारे को दोहराया कि "गांव का पानी गांव में और खेत का पानी खेत में" रहना चाहिए। इसके लिए जल शक्ति मंत्रालय ने खास डिजाइन तैयार किए हैं, जिन्हें हरियाणा में लागू किया जाएगा।
डार्क जोन और किशाऊ डैम पर सरकार का फोकस
कार्यक्रम में हरियाणा की सिंचाई मंत्री श्रुति चौधरी ने भी अपनी बात रखी। उन्होंने किशाऊ बांध को राज्य के लिए बेहद अहम बताया और कहा कि इसके लिए जल्द बैठक और एमओयू की जरूरत है। साथ ही, उन्होंने डार्क जोन के 88 ब्लॉकों को अटल भूजल योजना में शामिल करने की मांग उठाई। अभी सिर्फ 33 ब्लॉक ही इस योजना का हिस्सा हैं। पाटिल ने इन मांगों पर गंभीरता से विचार करने का आश्वासन दिया।
हरियाणा की पानी की समस्या को लेकर केंद्र और राज्य सरकार मिलकर काम करने को प्रतिबद्ध हैं। पाटिल ने कहा कि आने वाले दिनों में राज्य को पानी की कमी से निजात मिलेगी और यह सुनिश्चित करना उनकी प्राथमिकता है। यह घोषणा न सिर्फ हरियाणा के किसानों और आम लोगों के लिए राहत की खबर है, बल्कि यह भी दिखाती है कि सरकार इस मसले को कितनी गंभीरता से ले रही है।