Punjab News : गिरफ्तारी का डर? बिट्टू ने जमानत के लिए लगाई दौड़, विरोधी पार्टियों ने उठाए सवाल

नगर निगम के मेन ऑफिस को ताला लगाने के मामले में एफ.आई.आर दर्ज होने के बाद सांसद रवनीत बिट्टू द्वारा गिरफ्तारी देने से ज्यादा जमानत लेने में जल्दबाजी दिखाई गई है।
Punjab News : गिरफ्तारी का डर? बिट्टू ने जमानत के लिए लगाई दौड़, विरोधी पार्टियों ने उठाए सवाल
न्यूज डेस्क, आरएनएस, लुधियाना (पंजाब)

नगर निगम के मेन ऑफिस को ताला लगाने के मामले में एफ.आई.आर दर्ज होने के बाद सांसद रवनीत बिट्टू द्वारा गिरफ्तारी देने से ज्यादा जमानत लेने में जल्दबाजी दिखाई गई है। अदातल ने एम.पी. रवनीत बिट्टू, पूर्व मंत्री भारत भूषण आशु, जिला कांग्रेस के प्रधान संजय तलवाड़ और शाम सुंदर मल्होत्रा को जमानत दे दी है। 

यहां बताना उचित होगा कि कांग्रेस द्वारा नगर निगम चुनाव में हो रही देरी के अलावा सफाई व्यवस्था के अभाव व अधर में लटके विकास कार्यों के मुद्दे पर 27 फरवरी को माता रानी चौक स्थित मेन ऑफिस के बाहर प्रदर्शन किया गया था।

इस दौरान बिट्टू के साथ अन्य कांग्रेसियों द्वारा नगर निगम ऑफिस के मेन गेट को ताला लगा दिया गया, जिसे लेकर नगर निगम द्वारा एक चौकीदार के जरिए सरकारी ड्यूटी में बाधा डालने के साथ धक्का मुककी के आरोप में बिट्टू के अलावा पूर्व मंत्री भारत भूषण आशु, पूर्व विधायक संजय तलवार सहित 60 कांग्रेसियों के खिलाफ केस दर्ज करवाया गया था।

इस कार्रवाई के विरोध में बिट्टू द्वारा पुलिस कमिश्नर ऑफिस का घेराव करने की घोषणा की गई, लेकिन इस संबंध में रखी गई मीटिंग के दौरान आशु द्वारा कार्यकर्ताओं को फटकार लगाने की वजह से पैदा हुए हंगामे के माहौल की वजह से सारे प्रोग्राम की हवा निकल गई।

इसके बाद 5 मार्च को पुलिस कमिश्नर ऑफिस के बाहर प्रदर्शन करने का फैसला किया गया, हालांकि इससे पहले पुलिस द्वारा उक्त नेताओं को घर में ही नजरबंद करने की कोशिश की गई, लेकिन यह लोग किसी तरह पुलिस कमिश्नर ऑफिस पहुंच गए और वहां जमकर हंगामा किया।

इसके मद्देनजर पुलिस उक्त नेताओं को गिरफ्तार करके सीधा कोर्ट में ले गई। जहां बिट्टू व अन्य कांग्रेस नेताओं द्वारा गिरफ्तारी देने से ज्यादा जमानत लेने में जल्दबाजी दिखाई गई। गौरतल है कि कोर्ट द्वारा उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजा गया और उन्हें नाभा जेल में रात गुजरनी पड़ी थी।

इसके बाद कोर्ट ने बुधवार को उक्त कांग्रेस नेताओं को जमानत पर रिहा करने के निर्देश दे दिए हैं, जिस घटनाक्रम को विरोधी पार्टियों द्वारा सियासी ड्रामा बताया है। क्योंकि एफ.आई.आर दर्ज होने के दिन बिट्टू व अन्य कांग्रेस नेता इसे मेडल बता रहे थे और आगे चलकर और सरकारी विभागों के ऑफिस में ताला लगाने का दावा किया गया था।

पहले मामले में ही जेल जाने से बचने के लिए लिए हाथ पांव मारने के मद्देनजर यह कहना गलत नहीं होगा कि सब कुछ आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर किया जा रहा है, क्योंकि लुधियाना में कांग्रेस खासकर बिट्टू की पोजीशन काफी कमजोर मानी जा रही है, जिसके आधार पर ही स्क्रीनिंग कमेटी द्वारा उम्मीदवार बदलने की सिफारिश हाईकमान को भेजने की चर्चा सुनने को मिल रही है।

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