Punjab News : अमृतपाल पर फिर गिरी सरकार की गाज़! एक साल की और सजा का ऐलान

Punjab News : पंजाब के सांसद अमृतपाल सिंह की NSA के तहत डिब्रूगढ़ जेल में हिरासत एक साल और बढ़ी। अजनाला हमले के बाद गिरफ्तार अमृतपाल और उनके सहयोगियों पर UAPA के तहत भी केस। पंजाब पुलिस ने नौ सहयोगियों को वापस लाया। खालिस्तान विवाद और सुरक्षा पर सवाल उठे।
Punjab News : अमृतपाल पर फिर गिरी सरकार की गाज़! एक साल की और सजा का ऐलान

Punjab News : पंजाब के खडूर साहिब से निर्दलीय सांसद और खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह पिछले दो साल से असम की डिब्रूगढ़ जेल में नेशनल सिक्योरिटी एक्ट (NSA) के तहत बंद हैं। अब उनकी हिरासत की अवधि को एक और साल के लिए बढ़ा दिया गया है। यह फैसला केंद्र और राज्य सरकार की सुरक्षा एजेंसियों के बीच गहन विचार-विमर्श के बाद लिया गया। आइए, इस मामले की गहराई में उतरकर समझते हैं कि आखिर यह विवाद क्या है और इसके पीछे की कहानी क्या कहती है।

हिरासत बढ़ाने का फैसला 

23 अप्रैल 2025 को अमृतपाल की हिरासत के दो साल पूरे होने वाले थे। पंजाब पुलिस ने उन्हें असम से वापस लाने की पूरी तैयारी कर ली थी, लेकिन ऐन वक्त पर अमृतसर के जिला मजिस्ट्रेट की सिफारिश पर पंजाब के गृह विभाग ने उनकी हिरासत को एक साल और बढ़ाने का निर्णय लिया। अमृतपाल पर NSA के साथ-साथ गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत भी मामले दर्ज हैं। इस फैसले ने एक बार फिर पंजाब की सियासत और सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

सहयोगियों का पंजाब वापसी 

इस महीने की शुरुआत में अमृतपाल के नौ सहयोगियों को असम से पंजाब वापस लाया गया। इनमें पपलप्रीत सिंह, जो अमृतपाल का प्रमुख सहयोगी और मीडिया सलाहकार है, के अलावा कुलवंत सिंह राउके, हरजीत सिंह, गुरिंदर पाल सिंह, गुरमीत सिंह बुकनवाला, भगवंत सिंह, दलजीत सिंह कलसी, बसंत सिंह और वरिंदर सिंह शामिल हैं। ये सभी अब पंजाब की अलग-अलग जेलों में बंद हैं। इस कदम ने मामले को और जटिल बना दिया है, क्योंकि इन सहयोगियों की गतिविधियां भी जांच के दायरे में हैं।

अजनाला हमला 

अमृतपाल सिंह का मामला 23 फरवरी 2023 को अमृतसर के अजनाला पुलिस स्टेशन पर हुए हिंसक हमले से शुरू हुआ। इस घटना में अमृतपाल के करीबी सहयोगी लवप्रीत सिंह तूफान को अपहरण के मामले में हिरासत में लिया गया था। उनकी रिहाई की मांग को लेकर अमृतपाल के हजारों समर्थकों ने तलवारों और बंदूकों के साथ पुलिस स्टेशन पर धावा बोल दिया। भीड़ ने बैरिकेड तोड़े, पुलिस के साथ झड़प की और आखिरकार तूफान को रिहा करवा लिया। इस घटना ने पूरे देश का ध्यान खींचा और पंजाब में सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठे।

तलाशी अभियान और गिरफ्तारी

अजनाला हमले के बाद पंजाब पुलिस ने 18 मार्च 2023 को अमृतपाल के खिलाफ बड़े पैमाने पर अभियान शुरू किया। अमृतपाल करीब एक महीने तक पुलिस की गिरफ्त से बचता रहा। इस दौरान पंजाब में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गईं और हाई-प्रोफाइल तलाशी अभियान चलाया गया। आखिरकार, 23 अप्रैल 2023 को मोगा जिले के रोडे गांव में एक गुरुद्वारे से अमृतपाल को गिरफ्तार किया गया। इसके बाद उन्हें NSA के तहत डिब्रूगढ़ जेल भेज दिया गया।

जांच और NSA का लागू होना

गिरफ्तारी के बाद जांच में अमृतपाल और उनके सहयोगियों की गतिविधियों का खुलासा हुआ। मार्च 2023 में उनके पांच सहयोगियों को NSA के तहत हिरासत में लिया गया और डिब्रूगढ़ जेल भेजा गया। अमृतपाल की गिरफ्तारी के बाद उनके खिलाफ NSA वारंट को लागू किया गया। इस मामले ने न केवल पंजाब, बल्कि पूरे देश में खालिस्तान समर्थक गतिविधियों पर बहस छेड़ दी।

क्या है इस मामले का असर?

अमृतपाल सिंह का मामला पंजाब की राजनीति और सुरक्षा के लिए एक बड़ा मुद्दा बना हुआ है। उनकी हिरासत को बढ़ाने का फैसला और सहयोगियों की पंजाब वापसी ने इस मामले को और गर्म कर दिया है। यह मामला न केवल कानून-व्यवस्था की स्थिति को दर्शाता है, बल्कि खालिस्तान जैसे संवेदनशील मुद्दों पर भी प्रकाश डालता है। पंजाब के लोग इस मामले पर बारीकी से नजर रखे हुए हैं, और यह देखना बाकी है कि आने वाले दिनों में यह विवाद किस दिशा में जाएगा।

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