अनपढ़ मां के संघर्ष की कहानी, दो बेटे एक साथ बने IAS

सिविल सेवा परीक्षा संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) के सिविल सेवा परीक्षा 2021 के सोमवार को आये फाइनल रिजल्ट के बाद नागौर जिले के भांवता गांव में जश्न का माहौल है
अनपढ़ मां के संघर्ष की कहानी, दो बेटे एक साथ बने IAS

डिजिटल डेस्क : यहां के दो भाइयों ने एक साथ इस एग्जाम को क्लियर कर सफलता के झंडे गाड़ दिए हैं. दोनों की इस कामयाबी के बाद गांव में DJ बज रहे हैं और लोग नाच रहे हैं. दोनों पहले से डॉक्टर हैं.

भांवता गांव के डॉक्टर कृष्णकांत कनवाड़िया और उनके छोटे भाई डॉक्टर राहुल कनवाड़िया ने सिविल सेवा परीक्षा में 382वीं व 536वीं रैंक प्राप्त की है. कृष्णकांत ने अपने चौथे अटेम्प्ट में और राहुल ने दूसरे अटेम्प्ट में इस एग्जाम को क्लियर किया है.

दोनों के पिता हीरालाल कनवाड़िया नागौर के इंदोखा गांव की सरकारी स्कूल के प्रधानाचार्य हैं. ग्रामीण इलाके और दलित परिवार के इन दोनों भाइयों की सफलता की कहानी में उनके साथ-साथ माता-पिता का भी संघर्ष छिपा है.

दोनों भाइयों के IAS बनने की खबर मिलते ही पूरे गांव में खुशी का माहौल हो गया है.इस उपलब्धि पर परिवार में तो जश्न जैसा माहौल बना हुआ है. पिता हीरालाल कनवाड़िया ने बताया कि दोनों बेटों की प्राथमिक शिक्षा गांव में ही हुई है. दोनों भाइयों ने UPSC के लिए कॉम्पिटिशन की तैयारी एक साथ की.

पहले कोटा में MBBS की पढ़ाई करके डॉक्टर बने और उसके बाद दोनो भाई दिल्ली चले गए और वहां पर सेल्फ पढ़ाई कर UPSC की ये सफलता प्राप्त की है.

दोनों की माता पार्वती देवी अनपढ़ हैं लेकिन उन्होंने दोनों बेटा व बेटी को पढ़ाई कराने में कोई कसर नहीं छोड़ी. उन्होंने बताया कि शुरू से खुद के अनपढ़ होने की कसक थी.

इसके चलते सपना था कि बच्चों को अफसर बनाउंगी. पूरा ध्यान रखकर बच्चों को पढ़ाया इसका फल मिला है और अब तो भगवान से प्रार्थना करती हूं कि दोनों बच्चे और बच्ची हर एक व्यक्ति की सेवा करें और अपनी ईमानदारी से कार्य करें.

गौरतलब है कि उनकी बेटी भी पहले से ही डॉक्टर है. पार्वती देवी ने बताया कि बड़े बेटे कृष्णकांत ने IAS बनने का सपना 2015 में उन्होंने देखा था. आज कृष्णकांत के साथ उसके छोटे भाई राहुल ने भी UPSC क्लियर कर लिया है.

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