पुराने जूते-चप्पल बेचकर ये दो दोस्त कर चुके करोड़ों का कारोबार, जान ले सफल बिज़नेस ट्रिक

यदि आप भी 9 से 5 की नौकरी करते हुए परेशान हो गए हैं तो इस खबर को अंत तक जरूर पढ़ें। दरअसल, आज इस लेख में हम आपको दो ऐसे उद्यमियों की सफलता की कहानी बताने जा रहे हैं जिन्होंने बहुत ही कम उम्र में पुराने जूते चप्पल बेचकर करोड़ों का कारोबार खड़ा कर दिया।
पुराने जूते-चप्पल बेचकर ये दो दोस्त कर चुके करोड़ों का कारोबार, जान ले सफल बिज़नेस ट्रिक

यदि आप भी 9 से 5 की नौकरी करते हुए परेशान हो गए हैं तो इस खबर को अंत तक जरूर पढ़ें। दरअसल, आज इस लेख में हम आपको दो ऐसे उद्यमियों की सफलता की कहानी बताने जा रहे हैं जिन्होंने बहुत ही कम उम्र में पुराने जूते चप्पल बेचकर करोड़ों का कारोबार खड़ा कर दिया।

यह कहानी उन लोगों के लिए प्रेरणादायक साबित होगी जो खुद के व्यवसाय को करना सही समझते हैं। आज इन दो दोस्तों की कंपनी का टर्नओवर 3 करोड़ से भी ज्यादा का है। आइए जानते हैं इनकी सफलता की कहानी

सफल व्यक्ति बनने के लिए खासकर बिजनेस में रिस्क लेना जरूरी है। कई लोग ऐसे होते हैं जो अच्छी नौकरी को दांव पर लगाकर नया करने की सोचते हैं। व्यक्ति की कड़ी मेहनत और काम के प्रति लगन ही उसे बिजनेस में सफल बनाती है।

इसलिए आज हम आपको दो दोस्तों की कहानी बताने जा रहे हैं जिन्होंने बेहद ही कम उम्र में जूते चप्पल बेचकर करोड़ों का कारोबार खड़ा कर लिया। आप इनकी ख्याति इस बात से लगा सकते हैं कि रतन टाटा और बराक ओबामा जैसी बड़ी शख्सियतों ने इनकी प्रशंसा की है।

10 की उम्र में घर से भाग चुके थे

यह कहानी दो उद्यमियों रमेश धामी और श्रेयांश भंडारी की है। वर्ष 2004 में रमेश धामी ने अभिनेता बनने का सपना देखा और 10 वर्ष की उम्र में घर को छोड़ दिया। 2 वर्ष तक रमेश धामी ने अलग-अलग शहरों में धक्के खाए उसके बाद 12 वर्ष की उम्र में वे मुंबई पहुंचे। जहां रमेश धामी को एक एनजीओ में संरक्षण मिला।

कंपनी का टर्नओवर आज तीन करोड़ से भी अधिक

रमेश धामी की मुलाकात श्रेयांश भंडारी से मुंबई में हुई। दोनों अच्छे दोस्त बन गए और खुद का बिजनेस करने का फैसला किया। बहुत विचार विमर्श करने के बाद दोनों ने जूते चप्पल बेचने का व्यापार शुरू किया। जूते चप्पल बेचने के लिए उन्होंने एक कंपनी का स्टार्ट किया और उसका नाम ग्रीनसोल रखा।

इस कंपनी का काम पुराने जूते और चप्पल को ठीक तरीके से सुधारना और उसे नया बनाकर बेचना है। जानकारी के मुताबिक इस कंपनी का टर्नओवर 6 वर्ष के अंदर 3 करोड रुपए से भी अधिक हो गया है।

2015 में मुंबई में शुरू हुई कंपनी

2015 में दोनों दोस्तों ने मिलकर ग्रीनसोल कंपनी शुरू की। रमेश और श्रेयांश भंडारी की ख्याति आप इस बात से लगा सकते हैं कि उद्योगपति रतन टाटा और बराक ओबामा भी उनकी तारीफ कर चुके हैं।

चार लाख जूते दान कर चुकी ग्रीनसोल

धामी और भंडारी की कंपनी न केवल बिजनेस करती है बल्कि जरूरतमंद लोगों को जूते चप्पल दान भी करती है। ग्रीनसोल कंपनी अभी तक 14 राज्यों में 400000 जूते चप्पल दान कर चुकी है। ग्रीनसोल कंपनी ने इसके लिए देश की 65 कंपनियों के साथ टाईअप किया है।

कभी लगी थी ड्रग्स की लत, एक आईडिया ने बदला जीवन

रमेश धामी को ड्रग्स की लत लग चुकी थी। नशे की आदत में धामी ने कुछ छोटे-मोटे अपराध भी किए। मुंबई में इधर-उधर भटकने के बाद धामी को ‘साथी’ नामक एक एनजीओ ने सहारा दिया, जिसके बाद उनका जीवन पूरी तरीके से बदल गया।

इसी दौरान उनकी मुलाकात उनके दोस्त भंडारी से हुई जहां से इस पूरे कारोबार का सफर शुरू हुआ। बता दें दोनों ने इस बिजनेस को खड़ा करने के लिए दिन रात मेहनत की और सच्ची निष्ठा से लोगों को अपनी सेवाएं दी

Share this story