IAS Tejaswi Rana : दूसरे ही अटेंप्ट में बनीं IAS, ऑनलाइन गाइडेंस से की थी तैयारी; हासिल की थी 12वीं रैंक

हरियाणा की रहने वाली तेजस्वी राणा शुरू से इंजीनियर बनना चाहती थीं. लेकिन किस्मत उन्हें सरकारी नौकरी (Sarkari Naukri) की तरफ ले आई. आईआईटी कानपुर (IIT Kanpur) से पास आउट तेजस्वी अपने संस्थान में आए आईएएस ऑफिसर (IAS Officer) की स्पीच सुनकर काफी प्रभावित हो गई थीं. 
IAS Tejaswi Rana : दूसरे ही अटेंप्ट में बनीं IAS, ऑनलाइन गाइडेंस से की थी तैयारी; हासिल की थी 12वीं रैंक

नई दिल्ली, 18 सितम्बर, 2023 : UPSC की परीक्षा को दुनिया की सबसे टफ परीक्षाओं में से एक माना जाता है। इसे पास करने का सपना तो हर कोई देखता है लेकिन इसे पास केवल चुनिंदा लोग ही कर पाते हैं। क्योकि इसे पास करने के लिए दिन रात मेहनत करनी पड़ती है।

इसके साथ ही लगभग हर विषय का ज्ञान होना भी जरूरी है। अगर कोई यूपीएससी परीक्षा को पास कर लेता है तो आसपास के इलाके में उसके चर्चे शुरू हो जाते हैं। साथ ही बता दें इनमें सफल होने वाले उम्मीदवारों को उनकी रैंक और वरीयता के आधार पर IAS, IPS, IFS आदि पद अलॉट किए जाते हैं।

वहीं इसी बीच आज हम आपको एक ऐसी ही IAS Officer की सफलता की कहानी बताने जा रहे है जिन्होंने कड़ी मेहनत से सफलता हासिल की है।  बता दें वह  IAS Officer तेजस्‍वी राण  है।  तेजस्वी ने परीक्षा के बेसिक को कवर करने के लिए कक्षा 6 से 12 तक की NCERT पाठ्यपुस्तकों को इकट्ठा करने से पहले यूपीएससी के सिलेबस की सावधानीपूर्वक समीक्षा की थी। 

उन्होंने इन किताबों को अच्छी तरह से पढ़कर अपने बेसिक्स में सुधार किया था। इसके बाद उन्होंने स्टैंडर्ड किताबें लीं और ऑप्शनल सब्जेक्ट पर ध्यान से विचार किया। वह ज्यादा से ज्यादा सेल्फ स्टडी करती थीं और साथ ही अपने कार्यक्रम में सुधार करते हुए संक्षिप्त नोट्स भी तैयार करती थी।

इस बीच, उन्होंने प्रश्नों के उत्तर लिखने का अभ्यास भी किया और मॉक टेस्ट देकर अपनी तैयारी का मूल्यांकन भी किया। इसके अलावा इंटरनेट की सहायता से उन्होंने अपने स्वयं के नोट्स बनाकर तैयार किए और अपने उद्देश्य की दिशा में काम करते हुए स्वयं को भी तैयार किया।

जब तेजस्वी यूपीएससी की सिविल परीक्षा में शामिल हुई थीं तो पहले अटेम्प्ट में वे फेल हो गई थीं। वे पहले अटेम्प्ट में प्रीलिम्स तो क्रैक कर ले गईं लेकिन मेंस से बाहर हो गईं थीं। एक बार असफल होने के बाद तेजस्वी ने अपनी कमियों पर काम किया। अपनी कमजोरी को पहचाना।

वे कहां, गलत थीं। उनकी तैयारियों में कहां कौन सी खामी रह गई थी। इस पर काम करते हुए ऑनलाइन गाइंडेंस भी लेती रहीं। पूरी तैयारी के साथ एग्जाम में फिर शामिल हुईं। इस बार उन्होंने एग्जाम क्रैक कर लिया था। परीक्षा के तीनों चरण में सफल हुई थीं और एग्जाम में 12वीं रैंक हासिल की थी

आपको जानकर हैरानी होगी कि तेजस्वी ने घर पर रहकर मात्र एक साल में सिविल सर्विसेज परीक्षा की तैयारी कर 12वीं रैंक हासिल कर अपना परचम पूरे देश में लहरा दिया था। तथा यह साबित कर दिया कि मजबूत इरादों से व्यक्ति बड़े से बड़े लक्ष्य को हासिल कर सकता है।

साथ ही तेजस्वी ने अपनी मेहनत के दम पर केंद्र सरकार के बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओं के नारे को सही अर्थों में चरितार्थ किया।

तेजस्वी का कहना है कि यूपीएससी में सफल होने के लिए व्यक्ति को जरूरी प्रयास करना चाहिए और परीक्षा के प्रति समर्पण भी दिखाना चाहिए। उम्मीदवारों को सही रास्ते पर रहते हुए तैयारी के लिए बेहतर संसाधनों का उपयोग करना चाहिए और समय-समय पर अपनी प्रोग्रेस का मूल्यांकन भी करते रहना चाहिए।

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