IAS Rajendra Bharud : मां बेचती थी शराब, गरीबी से लड़कर बेटा ऐसे बना IAS अफसर

एमबीबीएस के अपने फाइनल ईयर में उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा में बैठने का फैसला किया यह काफी चुनौतीपूर्ण था क्योंकि वह उस समय दो परीक्षा की तैयारी कर रहे थे।
IAS Rajendra Bharud : मां बेचती थी शराब, गरीबी से लड़कर बेटा ऐसे बना IAS अफसर 

कहते हैं कि मेहनत करने वालों की कभी हार नहीं होती है।  अगर इंसान किसी लक्ष्य को पाने की सोच ले तो कोई परेशानी उसके रास्ते का रोड़ा नहीं बन सकती। आज हम आपको ऐसी ही आईएएस अफसर के बारे में बताने जा रहे हैं जिसने गरीबी से लड़कर सफलता हासिल की है।

उन्होंने एक बार कहा था गरीबी वह है जिसे हम जन्म से जानते हैं यह गांव के हर व्यक्ति के अंदर इतनी गहराई से मौजूद है कि किसी को पता भी नहीं चलता कि वह गरीब है या अनपढ़ हर कोई अपने पास जो कुछ है और प्रकृति के संसाधनों पर रहकर खुश है।

यह कहना है डॉक्टर राजेंद्र भरूद जिन्होंने अपनी हिम्मत को हौसला बना कर आईएएस अफसर बनने तक का सफर पुरा किया। डॉ राजेंद्र भरूद का जन्म 7 जनवरी 1988 को शाम मोदी गांव में हुआ था।

उनके पिता की मौत उनके जन्म से पहले ही हो चुकी थी उनके पिता की मृत्यु की वजह से उनके परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थीउनकी मां जीवन यापन करने के लिए शराब बेच दी थी और पूरे परिवार गन्ने के पत्तों से बनी एक झोपड़ी में रहता था और वही अपना गुजर-बसर करता था।

एक अखबार से बातचीत करते हुए राजेंद्र ने कहा था कि जब मैं 3 साल की उम्र का था तो भूख की वजह से रोता था शराब पीने वाले मेरी वजह से नाराज है उनमें से कुछ मुझे चुप कराने के लिए मेरे मुंह में शराब की कुछ बूंदे भी डाल देते थे।

उन्होंने कहा कि दूध की जगह मेरी दादी मुझे शराब पिला दी थी ताकि भूख कुछ हद तक दूर हो जाए और मैं चुप हो जाता और इस शब्द की वजह से उन्हें शराब की लत लग गई सर्दी खांसी होने पर भी उन्हें दवा के रूप में शराब दी जाती थी

उन्होंने कहा कि जब वह अपने घर के बाहर चबूतरे पर बैठकर पढ़ते थे तो कभी-कभी जो लोग शराब पीने आते थे वह कुछ उन्हें अतिरिक्त पैसेज स्नेक्स लाने के लिए देते थे जिससे उन्होंने कुछ किताबें खरीदी उन्होंने कक्षा दसवीं की परीक्षा में 95% नंबर हासिल किए और 12वीं में 90 फ़ीसदी नंबर।

एमबीबीएस के अपने फाइनल ईयर में उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा में बैठने का फैसला किया यह काफी चुनौतीपूर्ण था क्योंकि वह उस समय दो परीक्षा की तैयारी कर रहे थे।राजेंद्र ने इंटर रहते हुए यूपीएससी की परीक्षा दी।

पहले ही प्रयास में परीक्षा पास कर ली। उनकी मां को उनकी यूपीएससी के बारे में कोई जानकारी नहीं थी जब वह एमबीबीएस पूरा करके वापस आए तो उनकी मां को यह जानकर बहुत खुशी हुई कि उनका बेटा अब आईएएस ऑफिसर बन गया है।

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