सावधान! AI बन सकता है इंटरनेट यूजर्स के लिए खतरा, रिसर्चर्स ने दी चेतावनी
ऐसे में अगर आप AI का इस्तेमाल करना शुरू कर चुके हैं, तो आपको तुरंत अलर्ट हो जाने की जरूरत है। रिसर्चर्स के एक ग्रुप ने एक Morris II नाम का प्रोटोटाइप AI वर्म बनाया है। वायर्ड के अनुसार यह फर्स्ट जेनरेशन एआई वर्म एआई पावर्ड ईमेल असिस्टेंट्स के जरिए यूजर्स के डेटा की चोरी कर सकता है और मैलवेयर फैला सकता है।
इन ऐप्स को बनाता है टारगेट
एआई वर्म को लेकर अभी ज्यादा चिंतित होने की जरूरत नहीं है। इस फर्स्ट जेनरेशन एआई वर्म को रिसर्चर्स ने डिवेलप किया है, ताकि यूजर्स को इससे बचाने के लिए पहले से ही जरूरी उपाय किए जा सकें।
इजरायल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के स्टैव कोहेन, कॉर्नेल टेक के बेन नैसी और इंट्यूट के रॉन बाइट्टन की रिसर्च टीम ने इस एआई वर्म का नाम ओरिजिनल मॉर्रिस वर्म पर रखा। मॉर्रिस II, लार्ज लैंग्वेज मॉडल (LLMs) जैसे Gemini Pro, LLaVA और ChatGPT 4.0 को यूज करने वाले एआई ऐप्स को अपना टारगेट बनाता है।
जेमिनी एआई और चैटजीपीटी की सिक्योरिटी काफी नहीं
रिसर्चर्स का कहना है कि साइबर अटैक के लिए हैकर्स के पास अब एक नया हथियार आ गया है। यह एआई वर्म बड़ी आसानी से जेनरेटिव एआई ईमेल असिस्टेंट पर अटैक करके जेमिनी और चैटजीपीटी की सिक्योरिटी को तोड़ कर यूजर्स के डेटा की चोरी कर सकता है और स्पैम भेज सकता है। रिसर्चर्स के अनुसार यह एआई वर्म यूजर्स के क्रेडिट कार्ड डीटेल्स को भी चुरा सकता है।
ओपनएआई बढ़ाएगा प्रोडक्ट की सेफ्टी
रिसर्चर्स ने इस जेनरेटिव एआई वर्म को डेवेलप करने के लिए 'adversarial self-replicating prompt' का इस्तेमाल किया। रिसर्चर्स के अनुसार यह प्रॉम्प्ट जेनरेटिव एआई मॉडल को रिस्पॉन्स में अलग प्रॉम्प्ट देने के लिए कहता है। इसे ट्राई करने के लिए रिसर्चर्स ने जेनरेटिव एआई से मेसेज सेंड और रिसीव करने वाला एक ईमेल सिस्टम तैयार किया।
इसमें चैटजीपीटी, जेमिनी और ओपन सोर्स LLM को शामिल किया गया था। एआई वर्म के खतरे को देखने हुए ओपन एआई के प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी अपने प्रोडक्ट को और सिक्योर करने के लिए काम कर रही है। वहीं, गूगल की तरफ से अभी इस बारे में कोई बयान जारी नहीं किया गया है।