Ankita Murder Case : वनंतरा रिजार्ट जा रही तिरंगा यात्रा को पुलिस ने रोका, 32 गिरफ्तार; पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच तीखी बहस, लाठियां फटकारी

पुलिस करीब 32 लोगों को गिरफ्तार कर लक्ष्मणझूला थाने ले आई। जहां उन्हें निजी मुचलके पर रिहा कर दिया गया। मंगलवार को अंकिता भंडारी के घर से निकली तिरंगा यात्रा तपोवन पहुंची।
Ankita Murder Case : वनंतरा रिजार्ट जा रही तिरंगा यात्रा को पुलिस ने रोका, 32 गिरफ्तार; पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच तीखी बहस, लाठियां फटकारी

ऋषिकेश। अंकिता भंडारी हत्याकांड की सीबीआई जांच को वनंतरा रिजार्ट जा रही तिरंगा यात्रा को पुलिस ने बैराज पुल पर रोक लिया। यहां पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच तीखी बहस हुई। प्रदर्शनकारी वनंतरा रिजार्ट जाने की जिद करने लगे। मामला बढ़ता देख पुलिस ने लाठियां फटकार कर प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर किया।

पुलिस करीब 32 लोगों को गिरफ्तार कर लक्ष्मणझूला थाने ले आई। जहां उन्हें निजी मुचलके पर रिहा कर दिया गया। मंगलवार को अंकिता भंडारी के घर से निकली तिरंगा यात्रा तपोवन पहुंची। यहां से मुनिकीरेती, ऋषिकेश बाजार होकर यात्रा कोयलघाटी पहुंची।

जहां से आसपास के लोग भी यात्रा में शामिल हुये। कोयलघाटी तिराहे से छात्र संगठन से जुड़े युवा और राजनैतिक दल के लोग पैदल बैराजपुल को निकल पड़े। बैराज पुल पर पहले से ही भारी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा। दोपहर करीब 12.55 बजे पुलिस ने रैली में शामिल लोगों को बैरियर लगाकर वनंतरा जाने से रोक लिया।

इस दौरान रैली की अगुवाई कर रहे जितेंद्र पाल सिंह पाटी और संयोजक नरेंद्र शर्मा के साथ ही प्रदर्शकारियों की पुलिस के साथ तीखी बहस हुई। जबकि महिला प्रदर्शकारियों ने वनतंरा रिजॉर्ट जाने से रोकने पर चीला शक्ति नहर में कूदने का प्रयास किया। जिन्हें पुलिस ने पकड़ लिया। कुछ युवाओं ने भी पुलिस के अवरोध को पार करने का प्रयास किया। मगर पुलिस बल के आगे उनकी मंशा फेल हो गई।

करीब घंटेभर प्रदर्शकारियों और पुलिस के बीच बहस होती रही। इसके बाद पुलिस लाठियां फटकार प्रदर्शकारियों को गिरफ्तार कर वाहनों में बैठाकर लक्ष्मणझूला थाने लाई।  जहां पर उनके खिलाफ शांतिभंग में कार्रवाई की गई। जिसके बाद उन्हें निजी मुचलके पर छोड़ दिया गया। तिरंगा रैली का नेतृत्व कर रहे जितेंद्र पाल सिंह पाटी ने कहा कि अंकिता भंडारी के हत्यारों को फांसी की सजा दिलाने के लिए तिरंगा यात्रा निकाली गई है।

जब तक अंकिता को न्याय नहीं मिलता उनकी लड़ाई जारी रहेगी।  वहीं संयोजक नरेंद्र शर्मा ने कहा की अंकिता मर्डर केस की जांच सीबीआई से कराने को लेकर तिरंगा यात्रा नाम दिया गया। रैली में यूकेडी, कांग्रेस सहित छात्र संगठन से जुड़े लोग भी शामिल हुए।

जिसमें युवा और महिलाओं की भागीदारी रही। प्रदर्शकारियों को लीड करने में कोटद्वार के एएसपी शेखर सुयाल भी मौजूद रहे।  वे लगातार लोगों को समझाते नजर आए। प्रदर्शकारियों में कोटद्वार के पूर्व विधायक शैलेंद्र सिंह रावत, एआईसीसी सदस्य जयेंद्र रमोला, प्रमिला रावत, उषा चौहान, स्वराज सेवादल से रमेश जोशी, अंशुल अरोड़ा,हर्ष व्यास, हर्षमणि पेटवाल, आदि शामिल थे।

पुलिस की लाठी से एक घायल: बैराज पुल पर प्रदर्शकारियों और पुलिस के बीच झड़प के दौरान पुलिस ने लाठियां फटकारी। जिसमें हर्ष व्यास घायल हो गये। जिन्हें पास के ही निजी क्लीनिक में ले जाया गया। जबकि पुलिस की सख्ती देख कुछ ने चुपचाप जाने में भलाई समझी।

एक घंटे बाधित रहा चीला-बैराज मार्ग

तिरंगा रैली के दौरान पुलिस ने बैराज बैरियर पर वाहनों की आवाजाही के लिए बंद कर दिया। इससे इस मार्ग से आने जाने वाले वाहनों की आवाजाही बाधित हो गई। करीब घंटे तक दोनों ओर से वाहनों की आवाजाही बंद होने से स्थानीय ग्रामीणों को दिक्कत आई।

मामला शांत होने के बाद दो बजे के बाद मार्ग पर लोगों की आवाजाही शुरू हो पाई।

पुलिस टीम में ये रहे मौजूद

सीओ श्रीनगर श्याम दत्त नौटियाल, लक्ष्मणझूला थाना निरीक्षक विनोद सिंह गुसाईं, ऋषिकेश कोतवाल रवि कुमार सैनी, कालागढ़ थानाध्यक्ष अमरजीत सिंह रावत, उपनिरीक्षक मनोहर रावत, डीपी काला, श्रद्धानंद सेमवाल, राजविक्रम पंवार आदि मौजूद रहे।

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