UKSSSC Paper Leak Kand : भर्ती घोटाले में गिरफ्तार फर्जीवाड़े के पुराने खिलाड़ी चन्दन मनराल की Uttarakhand CM के साथ फोटो Viral

UKSSSC Paper Leak Kand : पेपर लीक कांड में 22 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। इन 22 लोगों में कई क्षेत्र की पृष्ठभूमि के लोग हैं। पुलिस, न्यायिक क्षेत्र, राजनीति, समाज सेवा, शिक्षा आदि से जुड़े यह लोग न केवल अपने आप में सक्षम हैं, बल्कि मामले को प्रभावित करने की भी क्षमता रखते हैं...
UKSSSC Paper Leak Kand : भर्ती घोटाले में गिरफ्तार फर्जीवाड़े के पुराने खिलाड़ी चन्दन मनराल की Uttarakhand CM के साथ फोटो

UKSSSC Paper Leak Kand : उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की भर्ती परीक्षाओं के प्रश्न पत्र लीक होने के मामले की जांच के दौरान राज्य की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) अभी तक 22 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। तमाम लोग अभी एसटीएफ के राडार पर हैं, जिनकी गिरफ्तारी भी जल्द होने की उम्मीद है।

लेकिन एसटीएफ की इस बड़ी कार्यवाही के बाद भी एक सवाल अपनी जगह है कि क्या प्रदेश के युवाओं की मेहनत से खिलवाड़ करने इस गोरखधंधे के खिलाड़ियों का यह पूरा नेटवर्क वास्तव में ध्वस्त हो जायेगा या नहीं ? यह सवाल इसलिए भी बन रहा है कि इस मामले में जिन लोगों की अभी तक गिरफ्तारी की गई है, वह खुद इतने प्रभावशाली हैं कि ऐसे लोगों का कुछ बिगड़ना बड़ी बात होती है।

एसटीएफ के हत्थे चढ़े इन लोगों को जिन्हें इस खेल की छोटी मछलियां बताया जा रहा है, जब यह खुद ही इतने प्रभावशाली हैं तो जिन बड़ी मछलियों को गेम का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है वह कितनी प्रभावशाली होंगी?

जैसा की मालूम ही है कि पेपर लीक कांड में 22 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। इन 22 लोगों में कई क्षेत्र की पृष्ठभूमि के लोग हैं। पुलिस, न्यायिक क्षेत्र, राजनीति, समाज सेवा, शिक्षा आदि से जुड़े यह लोग न केवल अपने आप में सक्षम हैं, बल्कि मामले को प्रभावित करने की भी क्षमता रखते हैं।

गिरफ्तार हुए लोगों की क्षमताओं का इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि मामले का एक आरोपी सत्ताधारी दल भारतीय जनता पार्टी का जिला पंचायत सदस्य हाकम सिंह भी है। हालांकि इसकी गिरफ्तारी के बाद भाजपा ने इसे पार्टी से निष्कासित कर दिया है, लेकिन इसकी भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता व पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के साथ नजदीकियां जगजाहिर हैं।

हाकम सिंह की फेसबुक वॉल पर अब भी इसकी व त्रिवेंद्र सिंह रावत की कई साथ की फोटो इन नजदीकियों की पोल खोल रही हैं। इतना ही नहीं आरोपी हाकम सिंह के रिसोर्ट में प्रदेश की पुलिस के मुखिया तक अपने परिवार के साथ जाते रहें हैं।

डीजीपी अशोक कुमार के साथ तक हाकम सिंह की फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। अलबत्ता डीजीपी अशोक कुमार ने अपने एक बयान में यह साफ किया है कि किसी भी आरोपी की किसी भी बड़े आदमी के साथ फोटो होने की वजह से वह आरोपी बच नहीं पाएगा।

हालांकि डीजीपी ने बिना किसी का नाम लिए यह बयान दिया है, लेकिन बयान का समय बताता है कि हाकम सिंह के साथ उनकी फोटो पर उठती उंगलियों के बाद यह बयान हाकम सिंह के संदर्भ में ही दिया गया है। एसटीएफ द्वारा अभी तक गिरफ्तार लोगों में बड़े लोगों के साथ नजदीकियों के मामले में हाकम सिंह का ही नाम चल रहा था, मगर रामनगर से एक करोड़पति स्टोन क्रेशर मालिक की हुए इस गिरफ्तारी के बाद उसके भी हाकम सिंह की तरह प्रभावशाली लोगों से संबंध होने की जानकारी सामने आ रही है।

रामनगर में फर्जीवाड़े का पुराना खिलाड़ी रहे और भर्ती घोटाले में गिरफ्तार चन्दन मनराल ने पहाड़ रूट पर एक बस के सहारे अपनी जिंदगी शुरू की थी, उस पर आरोप हैं कि वह सरकारी विभागों के एक दलाल के तौर पर पहचाना जाता है। सरकार किसी की भी हो बस भर्ती के मामले में इसका कोई सानी नही था। शिक्षा विभाग में इसकी ऐसी पैंठ थी कि एक समय में उसके 80 एनजीओ उत्तराखंड में चलते थे। इन्हीं एनजीओ के माध्यम से मनराल ने सर्वशिक्षा अभियान के तहत कई ईजीसी सेंटर खोले। इन सेंटरों में पैसे लेकर तमाम शिक्षा मित्रों की नियुक्तियां करवाई। मनराल के रखे हुए कई शिक्षा मित्र आज नियमित अध्यापक बनकर लाखों रुपए की सैलरी ले रहे हैं। चन्दन मनराल ने अपने काले कारनामों की वजह से दौलत तो अकूत कमाई ही थी उसके राजनैतिक सम्पर्क भी व्यापक थे।

राजनीति के क्षेत्र में चन्दन ने अदने से नेता से लेकर सत्ता शीर्ष पर बैठे व्यक्तियों तक से निर्विकार भाव से ऐसे संबंध बनाए थे कि उसे अपने किसी बिगाड़ का गुमान तक नहीं था। कई विधायकों तक ही नहीं बल्कि तमाम विभागों के मंत्रियों तक उसकी सीधी पहुंच थी। चन्दन के इन्हीं राजनैतिक संपर्कों की चुगली करती एक तस्वीर जनज्वार को भी हासिल हुई है। इस तस्वीर में चन्दन वर्तमान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ बैठा है। तस्वीर किसी ऐसे सार्वजनिक कार्यक्रम की भी नहीं है, जिससे यह कहा जा सके कि उसने भीड़-भाड़ का फायदा उठाकर गुमराह करते हुए फोटो खिंचवाई हो। इस तस्वीर में जहां चन्दन खुद कुर्सी पर बैठा है तो वहीं उसके बराबर में मुख्यमंत्री धामी भी खुद कुर्सी पर विराजमान हैं। दोनो के बीच केवल एक युवक है, जो इनके बीच में कुर्सियों के ठीक पीछे खड़ा है। मुख्यमंत्री धामी के साथ चन्दन की यह तस्वीर कहां की है, इस बारे में फिलहाल कोई खुलासा नहीं हुआ है। लेकिन तस्वीर के किनारे पर लगे बोर्ड से मिल रही जानकारी के हिसाब से वह किसी वनगांव की तस्वीर लग रही है।

तस्वीर कहीं की भी हो, लेकिन यह चन्दन के रसूखदार होने की चुगली तो करती ही है। पहले हाकम सिंह और अब चन्दन की प्रभावशाली लोगों के साथ की तस्वीरें बताती हैं कि एसटीएफ ने भले ही इन लोगों की गिरफ्तारी कर ली हो, लेकिन यह कोई मामूली लोग नहीं हैं जो आसानी से अपने हथियार डाल देंगे। इन लोगों की जिन लोगों के साथ तस्वीरें वायरल हो रहीं हैं वह भले ही इस मामले में इनकी कोई मदद न करें, लेकिन पर्दे के पीछे से इनकी पीठ पर ऐसे अनगिनत हाथ होने की संभावना से तो इंकार नहीं किया जा सकता, जो इनकी मदद को तैयार न हों। ऐसे ही पर्दे के पीछे छिपे इनके संभावित मददगारों की वजह से इस मामले के अपने अंजाम तक पहुंचने में संदेह व्यक्त किया जा रहा है।

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