Dehradun Crime : शातिर चोरों की बड़ी साजिश नाकाम, ढाई लाख की ज्वैलरी के साथ दो गिरफ्तार

देहरादून : एक बंद घर में हुई चोरी की घटना ने इलाके में सनसनी मचा दी थी, लेकिन दून पुलिस ने अपनी तेज-तर्रार कार्रवाई से इस मामले का पर्दाफाश कर दिया। दो शातिर चोरों को गिरफ्तार करते हुए पुलिस ने चोरी की गई ढाई लाख रुपये की ज्वैलरी और अन्य सामान बरामद कर लिया। इस घटना में इस्तेमाल की गई मोटरसाइकिल को भी जब्त कर लिया गया है। यह कार्रवाई कोतवाली पटेलनगर क्षेत्र में हुई, जिसने एक बार फिर पुलिस की मुस्तैदी को साबित किया।
चोरी की शुरुआत: एक परिवार की खुशी में सेंध
21 मार्च 2025 को संस्कृति कॉलोनी, पटेलनगर के रहने वाले सतीश कुमार ने कोतवाली पटेलनगर में शिकायत दर्ज की। उन्होंने बताया कि 20 मार्च को वह अपनी बेटी के रोका समारोह के लिए परिवार सहित नजीबाबाद गए थे। अगले दिन सुबह पड़ोसी ने फोन कर घर में चोरी की खबर दी। लौटने पर सतीश ने देखा कि घर के दरवाजे खुले थे और अज्ञात चोर ज्वैलरी व नकदी लेकर फरार हो गए थे। इस शिकायत के आधार पर पुलिस ने तुरंत मामला दर्ज कर जांच शुरू की।
पुलिस की चतुराई: सीसीटीवी और मुखबिर बने हथियार
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) देहरादून के निर्देश पर एक विशेष टीम गठित की गई। टीम ने घटनास्थल का मुआयना किया और आसपास के 150 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली। इसके साथ ही मुखबिरों को सक्रिय कर संदिग्धों की तलाश तेज की गई। पुराने अपराधियों की कुंडली खंगालने के बाद पुलिस को अहम सुराग मिले। लगातार मेहनत और सटीक रणनीति के चलते 25 मार्च को आईएसबीटी क्षेत्र से दो अभियुक्तों को धर दबोचा गया।
कौन हैं ये चोर? अपराध की कहानी उनकी जुबानी
गिरफ्तार अभियुक्तों की पहचान विशाल कुमार और राजकुमार के रूप में हुई, जो उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के रहने वाले हैं। पूछताछ में उन्होंने बताया कि वे नकरौंदा इलाके में किराए पर रहते हैं। दिन में काम की तलाश के बहाने बंद घरों की रेकी करते थे और रात में चोरी को अंजाम देते थे। विशाल का आपराधिक इतिहास भी सामने आया, जिसमें चोरी और आर्म्स एक्ट जैसे मामले शामिल हैं। पुलिस अब उनके पुराने रिकॉर्ड की गहराई से जांच कर रही है।
बरामदगी और सबूत: चोरी का पूरा माल जब्त
पुलिस ने अभियुक्तों के पास से ढाई लाख रुपये की ज्वैलरी, चोरी में इस्तेमाल किए गए औजार और एक स्प्लेंडर मोटरसाइकिल (नंबर UP-20-CN-3424) बरामद की। यह सफलता पुलिस की मेहनत और तकनीकी कौशल का नतीजा है। इस कार्रवाई से न सिर्फ पीड़ित परिवार को राहत मिली, बल्कि इलाके में सुरक्षा का भरोसा भी बढ़ा।