Dehradun Crime News : रैकी, नशा और चोरी! डोईवाला का ये चोर रातों को बन जाता था शैतान

Dehradun Crime News : देहरादून के डोईवाला क्षेत्र में हाल ही में हुई एक नकबजनी की घटना ने स्थानीय लोगों में दहशत फैला दी थी, लेकिन दून पुलिस की त्वरित कार्रवाई और सतर्कता ने इस मामले को सुलझाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। केशवपुरी बस्ती में एक घर से सोने-चांदी के आभूषण चोरी होने की घटना के बाद पुलिस ने शातिर चोर अभिषेक उर्फ गोलू को गिरफ्तार (Arrested) कर लिया।
इस कार्रवाई में चोरी गए आभूषण भी बरामद (Recovered) कर लिए गए, जिससे पीड़ित परिवार को राहत मिली। यह घटना न केवल पुलिस की मुस्तैदी को दर्शाती है, बल्कि आम लोगों के लिए भी एक सबक है कि घर की सुरक्षा (Home Security) को कभी हल्के में नहीं लेना चाहिए।
4 मई 2025 को डोईवाला के केशवपुरी बस्ती निवासी अंकित, पुत्र तेज सिंह, अपनी बहन के इलाज के लिए परिवार सहित शामली गए थे। जब वे वापस लौटे, तो उन्होंने पाया कि उनके घर का ताला टूटा हुआ है और घर में रखे सोने-चांदी के आभूषण गायब हैं। अंकित ने तुरंत इसकी शिकायत थाना डोईवाला में दर्ज (Registered) कराई, जिसके आधार पर पुलिस ने मुकदमा संख्या 123/2025 के तहत धारा 305 (ए) बीएनएस के अंतर्गत मामला दर्ज किया। इस घटना ने पूरे क्षेत्र में सनसनी फैला दी, क्योंकि डोईवाला जैसे शांत इलाके में ऐसी वारदातें असामान्य हैं।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP Dehradun) के निर्देश पर कोतवाली डोईवाला में एक विशेष पुलिस टीम गठित की गई। इस टीम ने तुरंत जांच शुरू की और क्षेत्र के सीसीटीवी फुटेज (CCTV Footage) का गहन विश्लेषण किया। इसके साथ ही, उच्चस्तरीय सुरागरसी और स्थानीय सूत्रों की मदद से पुलिस ने 12 मई 2025 को पुराने सौंग नदी पुल के पास से अभियुक्त अभिषेक उर्फ गोलू को धर दबोचा। अभियुक्त के कब्जे से चोरी गई ज्वैलरी, जिसकी अनुमानित कीमत 75,000 रुपये है, बरामद (Recovered) की गई। इस सफलता ने दून पुलिस की कार्यकुशलता को एक बार फिर साबित किया।
अभियुक्त का कबूलनामा
पूछताछ के दौरान अभिषेक उर्फ गोलू ने बताया कि वह नशे का आदी (Drug Addict) है और अपनी इस लत को पूरा करने के लिए रात के समय बंद घरों की रेकी करता था। वह सुनसान घरों को निशाना बनाता और ताले तोड़कर चोरी (Theft) की वारदात को अंजाम देता। उसने यह भी स्वीकार किया कि केशवपुरी बस्ती में हुई यह चोरी उसकी सोची-समझी साजिश का हिस्सा थी। इस खुलासे ने पुलिस को यह समझने में मदद की कि ऐसी वारदातों को रोकने के लिए रात्रि गश्त और सामुदायिक जागरूकता कितनी जरूरी है।
पुलिस की मेहनत और समुदाय की सुरक्षा
इस मामले को सुलझाने में डोईवाला पुलिस की टीम, जिसमें वरिष्ठ उपनिरीक्षक शिशुपाल राणा, उपनिरीक्षक मुकेश कुमार, हेड कांस्टेबल देवेंद्र नेगी, कांस्टेबल वीर सिंह, सोविंद्र कुमार, रविंद्र टम्टा और धर्मेंद्र नेगी शामिल थे, ने अथक प्रयास किए। यह कार्रवाई न केवल अपराधी को सजा दिलाने में मददगार साबित हुई, बल्कि स्थानीय लोगों में पुलिस के प्रति विश्वास (Trust) को भी बढ़ाया।