Dehradun Crime : तीन दोस्तों ने मिलकर रचा 'पनीर स्कैम', सेलाकुई से चकराता तक फैली थी सप्लाई

Dehradun Police : देहरादून पुलिस ने नकली पनीर की कालाबाजारी पर शिकंजा कसा, तीन मुख्य अभियुक्त गिरफ्तार। चार धाम यात्रा मार्गों पर नकली पनीर की सप्लाई रोकी।
Dehradun Crime : तीन दोस्तों ने मिलकर रचा 'पनीर स्कैम', सेलाकुई से चकराता तक फैली थी सप्लाई
हाइलाइट्स : 
देहरादून पुलिस ने नकली पनीर के काले कारोबार पर बड़ी कार्रवाई करते हुए विकासनगर और सेलाकुई से तीन मुख्य अभियुक्तों - मनोज, नरेंद्र और शाहरुख को गिरफ्तार किया। सहारनपुर में जंगलों के बीच चल रही नकली पनीर की फैक्ट्री का भंडाफोड़ हुआ, जहां से चार धाम यात्रा मार्गों पर सप्लाई की योजना थी। पुलिस ने चकराता से 20 किलो नकली पनीर बरामद कर नष्ट किया। यह कार्रवाई खाद्य सुरक्षा और यात्रा की विश्वसनीयता के लिए अहम कदम है।

Dehradun Crime : देहरादून में नकली पनीर की कालाबाजारी के खिलाफ पुलिस ने कड़ा कदम उठाया है। विकासनगर और सेलाकुई क्षेत्र से तीन मुख्य अभियुक्तों - मनोज कुमार, नरेंद्र चौधरी और शाहरुख—को गिरफ्तार किया गया है। यह कार्रवाई वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक की गोपनीय सूचना के आधार पर की गई, जिसमें चार धाम यात्रा मार्गों पर नकली पनीर की आपूर्ति को रोकने के लिए त्वरित कार्रवाई की गई।

क्या आपने कभी सोचा कि आपके खाने की थाली में परोसा गया पनीर असली है या नकली? इस खुलासे ने न केवल स्थानीय लोगों को चौंकाया है, बल्कि खाद्य सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल भी खड़े किए हैं।

नकली पनीर का काला कारोबार

पुलिस की जांच में सामने आया कि अभियुक्तों ने सहारनपुर के कासमपुर में जंगलों के बीच एक गुप्त फैक्ट्री स्थापित की थी। इस फैक्ट्री में रसायनों का उपयोग कर नकली पनीर तैयार किया जाता था, जिसे देहरादून, विकासनगर, सेलाकुई और चकराता जैसे क्षेत्रों में सप्लाई किया जाता था।

खासकर चार धाम यात्रा के दौरान पनीर की बढ़ती मांग को देखते हुए, अभियुक्तों ने भारी मात्रा में नकली पनीर को यात्रा मार्गों पर स्थित रेस्तरां और पड़ावों तक पहुंचाने की योजना बनाई थी। यह नकली पनीर न केवल स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, बल्कि उपभोक्ताओं की जेब पर भी भारी पड़ता।

अभियुक्त नरेंद्र चौधरी ने अपनी सेलाकुई स्थित डेयरी के जरिए सहसपुर और आसपास के क्षेत्रों में नकली पनीर की आपूर्ति की। वहीं, मनोज कुमार हरबर्टपुर में अपनी मोबाइल दुकान की आड़ में विकासनगर और चकराता में पनीर की सप्लाई करता था। तीसरा अभियुक्त शाहरुख दूध और अन्य सामग्री की व्यवस्था में जुटा रहता था। तीनों ने पार्टनरशिप में इस काले धंधे को अंजाम दिया। पुलिस ने चकराता में 20 किलो नकली पनीर को बरामद कर उसे नष्ट कर दिया।

पुलिस की त्वरित कार्रवाई

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक की सूचना के बाद पुलिस ने तुरंत कई टीमें गठित कीं। इन टीमों ने हरबर्टपुर और कुंजा ग्रांट जैसे संभावित ठिकानों पर छापेमारी की। मुखबिर की सूचना पर मनोज और शाहरुख को विकासनगर से, जबकि नरेंद्र को सेलाकुई से गिरफ्तार किया गया। इससे पहले, सहारनपुर से देहरादून लाए जा रहे सात क्विंटल से अधिक नकली पनीर के साथ दो अन्य अभियुक्तों को भी पकड़ा गया था। पूछताछ में मुख्य अभियुक्तों के नाम सामने आए, जिसके बाद यह कार्रवाई और तेज हुई।

उत्तराखंड में चार धाम यात्रा शुरू होने वाली है। इस दौरान लाखों श्रद्धालु देश-विदेश से यहां पहुंचते हैं। ऐसे में नकली पनीर की आपूर्ति न केवल स्वास्थ्य के लिए खतरा है, बल्कि उत्तराखंड की छवि को भी नुकसान पहुंचा सकती थी। पुलिस की इस कार्रवाई ने समय रहते एक बड़े खतरे को टाल दिया। लेकिन सवाल यह है कि क्या ऐसी घटनाएं भविष्य में दोबारा नहीं होंगी? खाद्य विभाग और स्थानीय प्रशासन को अब और सतर्क होने की जरूरत है।

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