Dehradun News : घर से गए थे तीर्थ यात्रा, पीछे से हो गई लाखों की चोरी! जानें पुलिस ने कैसे पकड़ा अपराधी

देहरादून : क्लेमनटाउन इलाके में हाल ही में हुई एक सनसनीखेज चोरी की घटना ने स्थानीय लोगों को हैरान कर दिया था। लेकिन अब दून पुलिस की मुस्तैदी ने इस मामले में एक बड़ी कामयाबी हासिल की है। चोरी के मुख्य आरोपी अकरम अली को आखिरकार धर दबोचा गया, जिसके पास से ढाई लाख रुपये की कीमत की चुराई गई ज्वैलरी भी बरामद हुई। यह शातिर अपराधी न सिर्फ इस घटना का सूत्रधार था, बल्कि इसके पीछे एक पूरी गैंग की साजिश भी सामने आई है। आइए, इस घटना की पूरी कहानी को करीब से जानते हैं।
चोरी की वारदात ने उड़ाई थी नींद
यह सब तब शुरू हुआ जब 7 मार्च 2025 को क्लेमनटाउन के बेल रोड इलाके में रहने वाली कंचन थापा अपने परिवार के साथ वृंदावन दर्शन के लिए गई थीं। तीन दिन बाद, 10 मार्च को जब वह घर लौटीं, तो उनके होश उड़ गए। घर का मुख्य दरवाजा खुला था और अलमारी का ताला टूटा हुआ। अज्ञात चोरों ने नकदी और कीमती ज्वैलरी पर हाथ साफ कर दिया था। कंचन ने तुरंत पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद थाना क्लेमनटाउन में मामला दर्ज कर जांच शुरू हुई। यह घटना न सिर्फ पीड़ित परिवार के लिए, बल्कि पूरे इलाके के लिए एक बड़ा झटका थी।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई ने दिखाया कमाल
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून ने इस मामले को गंभीरता से लिया और तुरंत कई पुलिस टीमों को जांच के लिए लगाया। टीमों ने घटनास्थल के आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले, पुराने अपराधियों के रिकॉर्ड चेक किए और स्थानीय मुखबिरों को सक्रिय किया। उनकी मेहनत रंग लाई और 18 मार्च को इस चोरी में शामिल तीन अभियुक्तों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। लेकिन कहानी यहीं खत्म नहीं हुई। पूछताछ में दो अन्य संदिग्धों - अकरम और मुन्तजिर - के नाम सामने आए, जो फरार चल रहे थे।
शातिर अकरम अली की गिरफ्तारी
पुलिस ने हार नहीं मानी। सर्विलांस और मुखबिरों की मदद से 25 मार्च 2025 को छुटमलपुर बाईपास पर अकरम अली को धर दबोचा गया। उसके पास से चोरी की गई ढाई लाख की ज्वैलरी बरामद हुई। पूछताछ में उसने बताया कि वह अपने साथियों शाकिब और मुन्तजिर के साथ मिलकर देहरादून की रिहायशी कॉलोनियों में बंद घरों की रेकी करता था और मौका मिलते ही चोरी को अंजाम देता था। यह कोई उसका पहला अपराध नहीं था। अकरम का आपराधिक इतिहास लंबा-चौड़ा है, जिसमें हत्या, चोरी और गैंगस्टर एक्ट जैसे दर्जनभर से ज्यादा मामले देहरादून और सहारनपुर में दर्ज हैं।
एक अपराधी का काला सच
34 साल का अकरम अली मूल रूप से शामली, उत्तर प्रदेश का रहने वाला है। उसने बताया कि वह होटल-ढाबों में खाना बनाने का काम करता है, लेकिन असल में उसकी जिंदगी का धंधा अपराध ही है। वह पहले भी कई बार जेल जा चुका है, जिसमें देहरादून के रायपुर थाने से हत्या के एक मामले में सजा शामिल है। उसकी शातिराना हरकतों ने पुलिस के लिए भी उसे पकड़ना चुनौतीपूर्ण बना दिया था, लेकिन इस बार दून पुलिस ने उसे जाल में फंसा ही लिया।
लोगों के लिए राहत की खबर
इस गिरफ्तारी से न सिर्फ पीड़ित परिवार को इंसाफ मिला, बल्कि इलाके के लोगों में भी राहत की सांस आई है। पुलिस अब मुन्तजिर की तलाश में जुटी है, ताकि इस गैंग का पूरी तरह सफाया हो सके। दून पुलिस की इस सक्रियता ने एक बार फिर साबित कर दिया कि अपराधी कितना भी शातिर क्यों न हो, कानून के हाथों से बच नहीं सकता।