National Herald Case : कांग्रेस का विरोध असल में डर का नतीजा? जानें बंसल ने क्यों कही ये बड़ी बात

National Herald Case : नेशनल हेराल्ड घोटाले में कांग्रेस की बौखलाहट उजागर! भाजपा सांसद नरेश बंसल ने गांधी परिवार पर स्वतंत्रता सेनानियों की विरासत लूटने का आरोप लगाया। ईडी जांच और कोर्ट केस के बीच कांग्रेस के प्रदर्शन को भ्रष्टाचार की पोल खुलने की तिलमिलाहट बताया। क्या सच्चाई सामने आएगी?
National Herald Case : कांग्रेस का विरोध असल में डर का नतीजा? जानें बंसल ने क्यों कही ये बड़ी बात

National Herald Case : नेशनल हेराल्ड मामले ने एक बार फिर भारतीय राजनीति में हलचल मचा दी है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कांग्रेस के हालिया प्रदर्शनों को भ्रष्टाचार की पोल खुलने की तिलमिलाहट करार दिया है। भाजपा के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष और राज्यसभा सांसद नरेश बंसल ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि गांधी परिवार की अगुवाई में कांग्रेस ने स्वतंत्रता सेनानियों की विरासत को निजी संपत्ति में बदलने का पाप किया है। यह लेख इस मामले की गहराई में उतरता है और उन सवालों को उठाता है जो देश के सामने हैं।

नेशनल हेराल्ड: स्वतंत्रता की आवाज से निजी संपत्ति तक

नेशनल हेराल्ड, जिसे 1937 में 5,000 क्रांतिकारियों ने शेयरधारकों के रूप में शुरू किया था, कभी स्वतंत्रता संग्राम की आवाज था। लेकिन, बंसल के अनुसार, कांग्रेस ने इस अखबार को पहले निजी कंपनी में बदला और फिर सत्ता के दुरुपयोग से दिल्ली, मुंबई, लखनऊ, भोपाल और पटना जैसे शहरों में हजारों करोड़ की संपत्ति हथिया ली।

हैरानी की बात यह है कि कांग्रेस की सरकारों के संरक्षण के बावजूद यह अखबार 2008 में बंद हो गया। बंसल ने सवाल उठाया कि अगर अखबार को इतना समर्थन था, तो यह आर्थिक रूप से विफल कैसे हो गया? उनका कहना है कि इसका असली मकसद अखबार चलाना नहीं, बल्कि विज्ञापन और संपत्ति हथियाना था।

यंग इंडिया और गांधी परिवार की हिस्सेदारी

मामले की अगली परत और भी चौंकाने वाली है। बंसल ने खुलासा किया कि कांग्रेस ने नेशनल हेराल्ड को चलाने वाली कंपनी, एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड, को 90 करोड़ रुपये का कथित लोन दिया। यह लोन पूरी तरह गैरकानूनी था, क्योंकि एक राजनीतिक दल को अपने फंड से किसी निजी संस्था को पैसा देने की इजाजत नहीं है। इसके बाद, यंग इंडिया नामक एक कंपनी बनाई गई, जिसमें सोनिया गांधी और राहुल गांधी की 76% हिस्सेदारी थी।

इस कंपनी ने मात्र 50 लाख रुपये में नेशनल हेराल्ड की 9 करोड़ की इक्विटी हासिल कर ली। नतीजा? अखबार की सारी संपत्ति गांधी परिवार के हाथों में चली गई। बंसल ने तंज कसते हुए कहा कि यंग इंडिया को चैरिटी के लिए बनाया गया था, लेकिन आज तक इसकी कोई चैरिटी गतिविधि सामने नहीं आई।

जांच और कांग्रेस की बौखलाहट

नेशनल हेराल्ड मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच चल रही है, और चार्जशीट भी दाखिल हो चुकी है। लेकिन, बंसल के मुताबिक, कांग्रेस सहयोग करने के बजाय अपने शीर्ष नेताओं - सोनिया और राहुल गांधी को बचाने के लिए प्रदर्शन कर रही है। दोनों नेता इस मामले में जमानत पर हैं और सुप्रीम कोर्ट से भी उन्हें कोई बड़ी राहत नहीं मिली। बंसल ने सवाल उठाया कि अगर गांधी परिवार निर्दोष है, तो वे कोर्ट में जवाब देने के बजाय धरना-प्रदर्शन क्यों कर रहे हैं? उन्होंने कांग्रेस की इस रणनीति को कानूनी प्रक्रिया का खुला उल्लंघन बताया।

स्वतंत्रता सेनानियों की विरासत का अपमान

बंसल ने कांग्रेस पर स्वतंत्रता सेनानियों की विरासत को अपमानित करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि नेशनल हेराल्ड कभी नेहरू-गांधी परिवार की जागीर नहीं था, जैसा कि कांग्रेस दावा करती है। यह अखबार देशभक्तों की आवाज था, जिसे कांग्रेस ने अपने निजी हितों के लिए एक “एटीएम” में बदल दिया। उन्होंने यह भी बताया कि हरियाणा में गांधी परिवार से जुड़े एक सदस्य ने 3 करोड़ की जमीन खरीदकर उसे कुछ ही समय बाद 58 करोड़ में बेच दिया। बंसल ने इसे कांग्रेस के “विकास मॉडल” का हिस्सा बताया।

जनता के सामने सवाल

इस मामले ने कई गंभीर सवाल खड़े किए हैं। क्या कानून को अपना काम नहीं करना चाहिए? क्या स्वतंत्रता सेनानियों की संपत्ति पर अवैध कब्जा करने वालों को जवाबदेह नहीं ठहराया जाना चाहिए? बंसल ने कहा कि कांग्रेस को धरना देने का अधिकार है, लेकिन देश की संपत्ति लूटने का नहीं। उन्होंने जनता से अपील की कि वे इस मामले की सच्चाई को समझें और भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाएं।

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