Uttarakhand Politics : मुख्यमंत्री की क्षेत्रवाद पर चेतावनी, धस्माना बोले - पहले अपने मंत्री पर करें कार्रवाई, फिर दें नसीहत

उत्तराखंड में बीजेपी सरकार के वरिष्ठ मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के असभ्य बयानों से उपजे विवाद में मुख्यमंत्री की क्षेत्रवाद पर चेतावनी को कांग्रेस नेता सूर्यकांत धस्माना ने हास्यास्पद ठहराया। धस्माना ने कहा कि पहले अपने मंत्री पर कार्रवाई कर उदाहरण पेश करें, वरना यह नसीहत बेमानी है। बीजेपी पर दोहरे रवैये का आरोप लगाते हुए उन्होंने चेताया कि जनता का गुस्सा बढ़ रहा है।
देहरादून: उत्तराखंड में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सरकार के सबसे वरिष्ठ मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल द्वारा बजट सत्र में असभ्य भाषा और क्षेत्रीय भावनाओं को भड़काने वाले बयानों ने राज्य में तूफान खड़ा कर दिया है। इस मामले में जनता का गुस्सा थमने का नाम नहीं ले रहा, लेकिन बीजेपी सरकार इसे दबाने के लिए धमकियों का सहारा ले रही है।
ऐसे में मुख्यमंत्री की ओर से क्षेत्रवाद के खिलाफ दी गई चेतावनी को उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने हास्यास्पद और खोखला करार दिया है। देहरादून में पत्रकारों से बातचीत में धस्माना ने कहा कि मुख्यमंत्री को पहले अपने मंत्री के खिलाफ सख्त कदम उठाना चाहिए, जो विधानसभा जैसे सम्मानित मंच पर अमर्यादित भाषा का इस्तेमाल कर समाज को बांटने का काम कर रहे हैं।
धस्माना ने तंज कसते हुए कहा, "मुख्यमंत्री जी, क्षेत्रवाद का जहर फैलाने वाले आपके ही मंत्री हैं। प्रेमचंद अग्रवाल के बयानों ने पूरे राज्य में नफरत का माहौल बनाया है। अगर आप वाकई गंभीर हैं, तो पहले उन्हें मंत्रिमंडल से हटाएं या माफी मंगवाएं। इसके बाद चेतावनी देने का कोई मतलब बनता है।"
उन्होंने आगे कहा कि इतने दिन बीत जाने के बाद भी न तो मंत्री ने जनता से माफी मांगी और न ही बीजेपी ने कोई कार्रवाई की। उल्टे, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष के बयानों से साफ है कि पार्टी इस मुद्दे को हवा देना चाहती है और अपने मंत्री के बचाव में पूरी ताकत झोंक रही है।
यह मामला अब सिर्फ राजनीति तक सीमित नहीं रहा, बल्कि आम जनता के बीच गहरी नाराजगी का कारण बन गया है। धस्माना ने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने जल्द कदम नहीं उठाए, तो यह आक्रोश और बढ़ेगा। उन्होंने कहा, "जनता सब देख रही है। बीजेपी की दोहरी नीति अब छिप नहीं सकती। क्षेत्रवाद और समाज को तोड़ने की सजा देने की बात तभी सही लगेगी, जब सरकार पहले अपने घर को ठीक करे।"