Uttarakhand Politics : गैरसैंण आंदोलन को 'सड़क छाप' कहने पर भड़कीं गरिमा, भाजपा पर बोला हमला!

देहरादून : उत्तराखंड कांग्रेस की नेत्री गरिमा मेहरा दसौनी ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट पर तीखा हमला बोला है। गरिमा का कहना है कि महेंद्र भट्ट की मानसिक स्थिति अब संतुलन खो चुकी है। यह बयान तब आया जब भट्ट ने गैरसैंण में हुए जन आंदोलन को "सड़क छाप नेताओं" का आंदोलन करार दिया।
इस आंदोलन का नेतृत्व गढ़रत्न नरेंद्र सिंह नेगी और राज्य आंदोलनकारियों ने किया था, जिसमें मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल की बर्खास्तगी की मांग उठी थी।
गरिमा ने कहा कि प्रेमचंद अग्रवाल का विधानसभा में दिया गया बयान कोई साधारण राजनीतिक मुद्दा नहीं है, बल्कि यह पहाड़ी समुदाय की भावनाओं से जुड़ा गहरा मसला है। उनके शब्दों ने पहाड़ के लोगों के दिलों को ठेस पहुंचाई है। लेकिन भाजपा नेतृत्व इसे समझने की बजाय बार-बार उनके जख्मों पर नमक छिड़कने का काम कर रहा है।
उन्होंने आगे कहा कि पहले महेंद्र भट्ट ने उत्तराखंड वासियों को मुकदमों की धमकी दी और अब राज्य आंदोलनकारियों को "सड़क छाप" कहकर अपमानित किया। गरिमा ने सवाल उठाया कि क्या भट्ट को यह नहीं पता कि इस आंदोलन की अगुवाई नरेंद्र सिंह नेगी जैसे सम्मानित शख्सियत ने की, जिन्होंने उत्तराखंड की शान को बढ़ाया है? उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि भाजपा की पहाड़ विरोधी मानसिकता अब सबके सामने बेनकाब हो चुकी है। प्रेमचंद अग्रवाल के बयान से जो अपमान हुआ, उसे महेंद्र भट्ट ने और गहरा कर दिया।
गरिमा ने भावुक होते हुए कहा कि क्या इसके लिए ही पहाड़ के लोगों ने राज्य निर्माण के लिए बलिदान दिए थे? क्या राज्य गठन के 25वें साल में उन्हें अपने ही राज्य में अपमान सहना पड़ेगा? उन्होंने इसे उत्तराखंड के लिए बेहद दुखद और शर्मनाक बताया। उनका कहना था कि भाजपा का यह रवैया पहाड़ी अस्मिता को कुचलने की कोशिश है, जिसे जनता कभी बर्दाश्त नहीं करेगी।