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Uttarakhand : वीडियो कॉल से रेखा आर्या ने की आंगनवाड़ी केंद्रों की जांच, बच्चों ने खोले दिल के राज

बैणियां संवाद: मंत्री रेखा आर्या की नई पहल से आंगनवाड़ी केंद्र होंगे बेहतर। वीडियो कॉल से निरीक्षण और बच्चों की पढ़ाई-पोषण पर फोकस।
Uttarakhand : वीडियो कॉल से रेखा आर्या ने की आंगनवाड़ी केंद्रों की जांच, बच्चों ने खोले दिल के राज
हाइलाइट्स :
महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने "बैणियां संवाद" शुरू किया, जिसके तहत वीडियो कॉल से आंगनवाड़ी केंद्रों का निरीक्षण होगा। पहले दिन बागेश्वर और उत्तरकाशी के केंद्रों से बच्चों व कार्यकर्ताओं से बात हुई। बच्चों की पढ़ाई, पोषण और व्यवस्थाओं को बेहतर करना इस पहल का लक्ष्य है।

देहरादून : उत्तराखंड के सुदूर गांवों में बसे आंगनवाड़ी केंद्र अब और बेहतर होने जा रहे हैं। महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने शनिवार को एक नई शुरुआत की, जिसका नाम है "बैणियां संवाद"। इस कार्यक्रम के जरिए अब वीडियो कॉल के माध्यम से आंगनवाड़ी केंद्रों का नियमित निरीक्षण होगा और वहां काम करने वाली आंगनबाड़ी बहनों से सीधा संवाद किया जाएगा।

इस पहल का मकसद बच्चों की पढ़ाई, पोषण और केंद्र की व्यवस्थाओं को दुरुस्त करना है। शनिवार को पहले एपिसोड में मंत्री रेखा आर्या ने अपने कैंप कार्यालय से बागेश्वर के माजियाखेत और उत्तरकाशी के नकोट आंगनवाड़ी केंद्रों की कार्यकर्ताओं गीता और तारा से बात की।

मंत्री ने वीडियो कॉल पर केंद्र की रसोई से लेकर बच्चों के खान-पान और पढ़ाई तक हर चीज की बारीकी से जांच की। बच्चों से भी उनकी मासूम बातें सुनीं और कार्यकर्ताओं से सुधार के सुझाव मांगे। बच्चों ने बड़े उत्साह से बताया कि उन्हें खाने में क्या मिलता है और पढ़ाई कैसे चल रही है।

रेखा आर्या ने कहा, "यह कार्यक्रम नियमित रूप से चलेगा, लेकिन कार्यकर्ताओं को पता नहीं होगा कि कॉल कब आएगा। इससे व्यवस्थाएं हमेशा चुस्त-दुरुस्त रहेंगी।" इस दौरान खाने में अंडे न पहुंचने की शिकायत पर मंत्री ने अधिकारियों से सख्ती से जवाब मांगा। कार्यक्रम में उपनिदेशक विक्रम सिंह, मुख्य प्रोबेशन अधिकारी मोहित चौधरी और बाल विकास परियोजना अधिकारी नीतू फुलारा भी मौजूद रहे।

बच्चों की मासूम बातें, गीता को मिली तारीफ

जब मंत्री ने बच्चों से बात की, तो पहले तो वे थोड़ा झिझके, लेकिन फिर खुलकर बोले। एक बच्ची ट्विंकल ने कहा, "मैडम बहुत अच्छी हैं, पर शरारत करने पर कभी-कभी डांट भी पड़ती है।" यह सुनकर सभी मुस्कुरा उठे। वहीं, बागेश्वर की कार्यकर्ता गीता की मेहनत को देखकर मंत्री ने उनकी खूब तारीफ की। रेखा आर्या ने कहा, "गीता ने केंद्र पर बच्चों की संख्या 2 से बढ़ाकर 32 कर दी और बच्चे हिंदी-अंग्रेजी वर्णमाला व गिनती शानदार ढंग से सुना रहे हैं। यह उनकी मेहनत और लगन का सबूत है।"

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