Haridwar ।। कैलाश वासी भगवान शिव जगत के स्वामी हैं और समस्त संसार के प्रेरणा स्रोत हैं : स्वामी कैलाशानंद गिरी

हरिद्वार। निरंजन पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा है कि कैलाश वासी भगवान शिव जगत के स्वामी हैं और समस्त संसार के प्रेरणा स्रोत हैं। जो शिव उपासक महादेव की शरण में आ जाता है। वह अनंत काल तक उनकी कृपा का पात्र बन जाता है।
श्रावण पर्यंत चलने वाली विशेष शिव आराधना के समापन अवसर पर गंगा पूजन के पश्चात श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि महादेव की कृपा का अंश मात्र भी व्यक्ति को प्राप्त हो जाए तो वह भवसागर से पार हो जाता है भगवान शिव करुणा के सागर हैं और विघ्नहर्ता हंै।
जो अपने भक्तों का संरक्षण कर उन्हें मनोवांछित फल प्रदान करते हैं। स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि भगवान शिव जलाभिषेक से ही भगवान शिव प्रसन्न हो जाते हैं और भक्तों को धन वैभव प्रदान करते हैं। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद एवं मां मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज ने कहा कि स्वामी कैलाशानंद गिरी महान तपस्वी संत हैं। उनके द्वारा लोक कल्याण के लिए पूरे सावन की जाने वाली कठिन शिवोपसना सभी को प्रेरणा देती है। सभी को स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज पर गर्व है।
महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद महाराज ने कहा कि निरंजन पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज संत समाज का गौरव हैं। सभी को उनके आदर्शपूर्ण जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए। चेतन ज्योति आश्रम के अध्यक्ष स्वामी ऋषिश्वरानंद महाराज एवं बाबा हठयोगी ने कहा कि स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज द्वारा गंगा तट पर की जाने वाली शिवोपसना समाज में नई चेतना जागृत करती है। संत महापुरुषों के सानिध्य में धर्मानुसार आचरण से व्यक्ति का जीवन सफलता की और अग्रसर होता है।
संत समाज स्वामी कैलाशानंद गिरी की दीर्घायु की कामना करता है। स्वामी अवंतिकानंद ब्रह्मचारी महाराज ने फूलमाला पहनाकर सभी संत महापुरुषों का स्वागत किया। इस दौरान संत महापुरूषों ने सभी से आजादी का अमृत महोत्सव धूमधाम से मनाने और अपने घरो पर तिरंगा फहराने की अपील भी की। इस अवसर पर महंत कमलदास, स्वामी सत्यव्रतानन्द, महंत रामरतन गिरी, बाबा हठयोगी, महंत दुर्गादास, लाल बाबा, आचार्य पवनदत्त मिश्र, पंडित प्रमोद पांडे, स्वामी कृष्णानंद ब्रह्मचारी, बालमुकुंदानंद ब्रह्मचारी, स्वामी अनुरागी महाराज सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।