Uttarakhand News Bulletin-21 : मगरमच्छ को पीट-पीट कर मारने वालों के खिलाफ केस दर्ज, जानिए रुद्रपुर की ऐसी ही तमाम छोटी बड़ी खबरें...

Uttarakhand News Bulletin-21 : Case registered against those who beat crocodile, know all such small and big news of Rudrapur

Uttarakhand News Bulletin-21 : मगरमच्छ को पीट-पीट कर मारने वालों के खिलाफ केस दर्ज, जानिए रुद्रपुर की ऐसी ही तमाम छोटी बड़ी खबरें...

रुद्रपुर। देवहा नदी में मगरमच्छ को मार-मार कर घायल करने वालों के खिलाफ वन विभाग ने नामजद मुकदमा दर्ज कर लिया है। वन विभाग ने इस मामले में छह लोग नामजद किए हैं। जांच अधिकारी द्वारा अभी वीडियो फुटेज से अन्य आरोपियों की भी शिनाख्त की जा रही है।

उनके खिलाफ भी मुकदमे दर्ज किये जायेंगे। पांच दिन पहले रविवार को सुनपहर गांव में पशुओं को चराने के दौरान नदी पार करते समय मगरमच्छ के हमले में किशोर वीर कुमार (13) की मौत हो गयी थी। वन विभाग ने किशोर की तलाश में नदी में जाल डाला तो दस कुंतल वजनी और दस फीट लंबा मगरमच्छ पकड़ में आ गया।

मगरमच्छ दिखाई देने पर गुस्साए ग्रामीणों ने उसे मार-मार कर घायल कर दिया। ग्रामीणों का कहना था कि इसी मगरमच्छ ने वीर कुमार को मारा है। बाद में तय हुआ कि मगरमच्छ का एक्सरे कराया जायेगा, ताकि साफ हो सके कि उसके पेट में मानव शरीर के अंश हैं या नहीं। मगरमच्छ का उप जिला चिकित्सालय में एक्सरे कराया गया, लेकिन एक्सरे में कुछ नहीं निकला।

मगरमच्छ के घायल होने की वजह से दूसरे दिन मगरमच्छ की हालत बिगड़ गई। वन विभाग मगरमच्छ को उपचार के लिए पंतनगर लेकर जा रहा था। घायल होने की वजह से रास्ते में ही उसकी मौत हो गई। मौत के बाद मगरमच्छ के पोस्टमार्टम में भी उसके पेट में मानव अंग के कोई अवशेष नहीं मिले।

अब वन विभाग ने मगरमच्छ को मार-मार कर घायल करने वालों की वीडियो देखकर छह लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। रेंजर आरएस मनराल ने बताया कि सुनपहर क्षेत्र के प्रियांशु, दीपांशु, विपिन, अमित, संत कुमार, अमित के खिलाफ वन्य जीव अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। वीडियो रिकॉर्डिंग की जांच के बाद मुकदमे में आरोपियों के नाम बढ़ सकते हैं।

आरबीएसके में खराब प्रदर्शन करने वालों को करें बाहर: डीएम

रुद्रपुर। जिलाधिकारी युगल किशोर पंत ने स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक की। उन्होंने राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) की समीक्षा के दौरान सीएमओ को कार्यक्रम के तहत अच्छा प्रदर्शन करने वाले व्यक्तियों का आगे रिन्यूअल करने व खराब प्रदर्शन करने वालों को बाहर करने के निर्देश दिए।

उन्होंने आरबीएसके की टीमों को विद्यालयों में जाकर विद्यार्थियों का स्वास्थ्य परीक्षण कराने को कहा। शुक्रवार को बैठक में डीएम ने जनपद में मातृ-शिशु मृत्यु दर को शून्य पर लाने के लिए वृहद्ध कार्य योजना बनाकर कार्य करने का कहा। अप्रैल से जून तक हुई छह मातृ मृत्यु के बारे में संबंधित विकासखंड के चिकित्सा अधीक्षक एवं मुख्य चिकित्सा अधिकारी और मृतकों के उपस्थित परिजनों के साथ ब्लॉकवार समीक्षा की।

डीएम ने संबंधित विकासखंड के चिकित्सा अधीक्षक एवं मुख्य चिकित्सा अधिकारी को जनपद में प्रदान की जा रही एएनसी सुविधाओं में सुधार लाने, जनपद स्तर पर पीपीएच के प्रबंधन को दुरुस्त करने, हाई रिस्क प्रेगनेंसी का फॉलोअप, गर्भवती महिलाओं की समस्त जांचे समय से करने के निर्देश दिए।

उन्होंने जनपद में हाई रिस्क प्रेगनेंसी के लिए सुदृढ़ मैकेनिज्म स्थापित करने के लिए कार्यवाही करने के मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निर्देश दिए। यहां सीएमओ डॉ.सुनीता रतूड़ी, सीएमएस डॉ.एचसी त्रिपाठी आदि मौजूद रहे।

ऑनलाइन बिजली बिल जमा करने के नाम पर युवक से लाखों की ठगी

रुद्रपुर। बिजली का बिल ऑनलाइन जमा करने के नाम पर साइबर ठगों ने एक युवक से चार लाख से अधिक की ठगी कर ली। पीड़ित ने साइबर थाने को मामले की तहरीर सौंपी है। तहरीर में मेट्रोपोलिस सिटी रुद्रपुर निवासी तुषार भालचंद का कहना है कि 23 जून को उसके मोबाइल पर एक कॉल आयी।

कॉल करने वाले ने उसे खुद को बिजली विभाग का अधिकारी बताया। युवक ने कहा कि अगर उसे अपना बिल ऑनलाइन जमा करना है और प्रक्रिया को रेगुलर करना है तो उसे फोन में महावितरण एप स्टोर करना होगा।

उसने युवक के कहे अनुसार, एप डाउनलोड किया लेकिन एप ने काम नहीं किया। उसने फिर युवक से संपर्क किया। युवक ने फिर एनी डेस्क से उसे एप डाउनलोड कराया। जैसे ही उसने एप डाउनलोड किया उसके खाते से रकम निकलने के मैसेज आने लगे।

ठगी अंदेशा होने पर उसने अपना बैंक खाता बंद करवा दिया, लेकिन तब तक उसके खाते से साढ़े चार लाख से अधिक की रकम निकल चुकी थी। तुषार ने मामले में कार्रवाई की मांग की है।

सेवा नियमावली के विरोध में तहसीलदार को सौंपा

रुद्रपुर। सहकारी समिति कर्मचारी सेवा नियमावली का विरोध शुरू हो गया इसके विरोध में गदरपुर विकासखंड सहकारी समिति के कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन तहसीलदार को सौंपा। कर्मचारियों ने नियमावली लागू नहीं करने की मांग उठाई।

नैनीताल-ऊधम सिंह नगर कर्मचारी यूनियन सहकारिता विभाग से जुड़े गदरपुर विकासखंड सहकारी समिति के कर्मचारियों ने एक सभा कर कहा कि प्रदेश के सहकारी समितियों के निबंधक विधि एवं पैक्स प्रस्तावित नियमावली से सहकारी समितियों के लोकतंत्र स्वरूप करने का मन बनाए हुए हैं।

नियमावली से समिति प्रबा कमेटी के अधिकारियों का हनन हो रहा है। जिसका समिति कर्मचारी पुरजोर विरोध करता है। उन्होंने निबंधक सहकारी समितियां उत्तराखंड के नियमों को निरस्त करने वैद्यनाथ कमेटी के सुझावों को लागू करने की मांग की है।

सभा के बाद उन्होंने तहसील परिसर पहुंचकर मुख्यमंत्री के नाम का अपने मांगों का एक ज्ञापन तहसीलदार देवेंद्र सिंह बिष्ट को सौंपा। ज्ञापन सौंपने वालों में उपाध्यक्ष सहकारी समिति कर्मचारी यूनियन ऊधमसिंहनगर-नैनीताल रमन चौधरी, अजय कुमार, ऋषिकेश वाला, राजवीर सिंह, मनोज कुमार, ऋषभ शर्मा, बृजमोहन सैनी, प्रदीप, शिशुपाल, बृजेश कम्बोज समेत दर्जनों कर्मचारी मौजूद रहे।

आम के निर्यात और उचित मूल्य की उठाई बागवानों ने मांग

रुद्रपुर। कॉलेज ऑफ एग्रीकल्चर जीबी पंत कृषि और प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के शोध निदेशालय ने उद्यान अनुसंधान केन्द्र पत्थचट्टा और उद्यान विज्ञान विभाग कृषि महाविद्यालय पंतनगर में एक दिवसीय मैंगो डे और सेमिनार का आयोजन किया गया।

इस दौरान कुमाऊं के बागवान संगठन से जुड़े आम और फल उत्पादकों ने उनके उत्पाद को दक्षिण भारत और विदेशों में निर्यात के लिए भेजने की मांग की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के उद्यान निदेशालय की उदासीनता और उपयुक्त सुविधा नहीं मिलने से उनके उत्पादित आम की सही कीमत नहीं मिल पा रही है।

उन्होने सिडकुल कॉनकोर प्राइवेट लिमिटेड से भी आम समेत अन्य फलों को भेजने के लिए रेफिजरेटर कंटेनर उपलब्ध कराने और भाड़ा और ढुलान की कीमतों में राहत देने की मांग की। इस दौरान उत्पादकों कहा कि उन्हें सब्सिडी नहीं सुविधा चाहिए। जिससे उनकी उपज को उचित दाम मिल सकें और विदेशों में इसका निर्यात हो सके।

कुमाऊं के बागवान संगठन के कर्नल प्रमोद शर्मा ने कहा कि आम उत्पादकों के सामने सबसे अधिक समस्या आम को दक्षिण भारत और विदेशों में भेजने में हो रही है। किसान का आम दिल्ली की मंडियों में 18 से 20 रुपये किलो बिक रहा है।

जबकि महाराष्ट्र आदि से कई सौ टन आम का विदेशों में निर्यात हो रहा है। उन्होंने कहा कि आम को यहां से दक्षिण भारत और विदेशों तक भेजने के लिए रेफिजरेटर कंटेनरों और वैन की जरूरत होती है। इस उत्तराखंड में कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

आम समेत आडू, सेब और नाशपाती को भी विदेशों में भेजने की व्यवस्था नहीं है। इसके चलते उत्पादक मायूस हैं और बेहद कम कीमतों में स्थानीय मंडी में ही अपनी उपज भेजनी पड़ती है। उन्होंने कहा कि कंटनेर कॉपरपोरेशन ऑफ इंडिया के जरिए आम को दक्षिण भारत और विदेशों में भेजने की उपयुक्त व्यवस्था होनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि हमें सब्सिडी नहीं चाहिए, हमें सुविधा दे दें। इस दौरान नेशनल हॉर्टिकल्चर बोर्ड की देहरादून शाखा के सह निदेशक अनिल कुमार तोमर ने उत्पादकों को उनकी समस्याओं के समाधान का भरोसा दिया। वहीं केन्द्रीय उद्यान बोर्ड में उत्तराखंड का प्रतिनिधित्व करने वाले जसवीर सिंह भट्टल ने भी उत्पादकों को इस समस्या के समाधान का भरोसा दिया।

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