Uttarakhand News Bulletin-30 : बारिश के चलते बढ़ा अलकनंदा और मंदाकिनी का जल स्तर, जानिए रुद्रप्रयाग की ऐसी ही तमाम छोटी बड़ी खबरें...

Uttarakhand News Bulletin-30 : The water level of Alaknanda and Mandakini increased due to rain, know all such small and big news of Rudraprayag

Uttarakhand News Bulletin-30 : बारिश के चलते बढ़ा अलकनंदा और मंदाकिनी का जल स्तर, जानिए रुद्रप्रयाग की ऐसी ही तमाम छोटी बड़ी खबरें...

रुद्रप्रयाग। जिले में हो रही लगातार बारिश के कारण अलकनंदा और मंदाकिनी नदी का जल स्तर बढ़ गया है। जिला आपदा प्रबंधन विभाग ने नदी किनारे रहने वाले लोगों से सर्तक रहने का आग्रह किया है। इसी तरह बारिश हुई तो नदी का जल स्तर और बढ़ सकता है।

हालांकि अभी पानी खतरे के निशान से नीचे है। बीती रात से हो रही बारिश के चलते शनिवार को अलकनंदा और मंदाकिनी का जल स्तर बढ़ गया है। ऊपरी क्षेत्रों में भी लगातार बारिश के कारण जल स्तर में अंतर आया है।

आपदा प्रबंधन विभाग से मिली रिपोर्ट के अनुसार शनिवार को अलकनंदा नदी का जल स्तर 624 मीटर एवं मंदाकिनी का जल स्तर 623 मीटर रिकार्ड किया गया। इधर, अलकनंदा का जल स्तर 626 मीटर पर चेतावनी और 627 मीटर पर डेंजर की श्रेणी में है।

जबकि मंदाकिनी का जल स्तर 625 मीटर चेतावनी और 626 मीटर पर डेंजर की श्रेणी में माना गया है। वहीं मुख्यालय सहित तिलवाड़ा, सिल्ली, अगस्त्यमुनि, चन्द्रापुरी आदि कस्बों मे भारी संख्या में लोग नदियों के किनारे बसे हुए है, और यदि नदियों का जल स्तर और बढ़ता है तो उनकी मुश्किलें भी बढ़ सकती है।

हालांकि आपदा प्रबंधन विभाग ने नदी किनारे रहने वाले लोगों को सर्तक किया है। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया की नदियों के किनारे रहने वाले सभी लोगों को सर्तक किया गया है।

यदि नदियों का जल स्तर और बढ़ा तो लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेज दिया जाएगा। इसके साथ ही मौसम पर लगातार निगरानी रखी जा रही है। किसी भी आपदा से निपटने के लिए सभी तहसीलों में टीमें लगा दी गई है।

सिरोबगड़ में रुक-रुक कर हुई वाहनों की आवाजाही

रुद्रप्रयाग। ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे और रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड हाईवे शनिवार को रुक-रुक कर वाहनों की आवाजाही होती रही। हालांकि सुबह के दौरान सिरोबगड़ में मलबा आने से कुछ समय यातायात बाधित रहा किंतु बाद में इसे खोल दिया गया।

वहीं केदारनाथ हाईवे पर भी मुनकटिया में कुछ समय मलबा आने के कारण आवाजाही रुकी रही। इसे भी जल्द खोल दिया गया। लगातार बारिश के चलते जिले के अधीन बदरी-केदार हाईवे पर शनिवार को वाहनों की आवाजाही होती रही। हालांकि सिरोबगड़ में पहाड़ी से पत्थर गिरने का खतरा लगातार बना है।

सिरोबगड़ में रात को आया मलबा सुबह 6 बजे हटा दिया गया, जिसके बाद वाहनों की आवाजाही नियमित रही। वहीं केदारनाथ हाईवे पर भी मुनकटिया में आया मलबा शीघ्र हटाते हुए वाहनों की आवाजाही कराई गई। दिनभर दोनों राष्ट्रीय राजमार्ग पर आवागमन जारी रहा।

वहीं जिले की 5 ब्रांच सड़कें अभी बंद हैं। इन ब्रांच सड़कों को खोलने के लिए विभागीय स्तर से कार्रवाई की जा रही है। तिलवाड़ा-घनसाली मोटर मार्ग पर चौथे दिन भी वाहनों की आवाजाही बंद रही। लगातार हो रही बारिश के कारण इस स्थान का ट्रीटमेंट नहीं हो पा रहा है।

जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने लोनिवि और एनएच के अफसरों को जो भी सड़कें बारिश से बंद हो रही है उन्हें शीघ्र खोलने के निर्देश दिए हैं।

यात्रा घटी, बाजारों में घटने लगी चहल-पहल

रुद्रप्रयाग। मानसून सीजन शुरू होते ही अब चारधाम यात्रा में कमी आ गई है। केदारनाथ धाम आने वाले यात्रियों की संख्या में भी कमी आ गई है। जिससे यात्रा मार्ग के बाजारों में चहल-पहल घट गई है। विशेष रूप से जिन स्थानों पर कुछ दिन पहले यात्रियों का सैलाब उमड़ रहा था वहां धीरे-धीरे सन्नाटा पसरने लगा है।

केदारनाथ यात्रा में दर्शन करने वाले यात्रियों की संख्या में लगातार कमी आने लगी है। शुक्रवार महज 2369 तीर्थयात्रियों ने ही दर्शन किए। वहीं रुद्रप्रयाग, तिलवाड़ा, अगस्त्यमुनि, गुप्तकाशी, ऊखीमठ, फाटा, रामपुर आदि स्थानों पर यात्रियों की आवाजाही थम सी गई है।

सीतापुर, सोनप्रयाग, गौरीकुंड और केदारनाथ में ही कुछ यात्री दिखाई दे रहे हैं। इधर, बाजारों में चहल-पहल घटने से यात्रा से जुड़े कारोबारियों भी परेशान हो गए हैं। हालांकि उन्हें उम्मीद है कि बरसाती सीजन खत्म होने के बाद सितम्बर और अक्टूबर में फिर से अच्छी यात्रा चलेगी।

वहीं सावन शुरू होते ही कुछ कांवड यात्री आने से हल्की चहल पहल जरूर दिखाई देगी। केदारनाथ धाम में अब तक 869690 यात्रियों ने भगवान केदारनाथ के दर्शन कर लिए हैं।

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