Chardham Yatra 2025 : चारधाम से पहले बड़ा ट्रायल सफल! यमुनोत्री में हेलीकॉप्टर ने भरी उड़ान, प्रशासन ने दी हरी झंडी

Uttarkashi News : उत्तरकाशी से एक बड़ी खबर सामने आ रही है, जो चारधाम यात्रियों के लिए राहत और उत्साह लेकर आई है। 30 अप्रैल से शुरू होने वाली चारधाम यात्रा से पहले यमुनोत्री धाम में तैयारियां जोरों पर हैं। इसी बीच, गरुड़गंगा के पास बन रहे हेलीपैड पर हेलीकॉप्टर की सफल लैंडिंग ने सबका ध्यान खींचा है।
उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण (यूकाडा) ने इस उपलब्धि को हासिल किया, जिससे यात्रा के दौरान हेली सेवा शुरू होने की उम्मीदें बढ़ गई हैं। यह न केवल श्रद्धालुओं के लिए सुविधा बढ़ाएगा, बल्कि आपात स्थिति में भी मददगार साबित होगा।
दो दिन की मेहनत, मिली कामयाबी
यमुनोत्री धाम में हेलीपैड का निर्माण कोई आसान काम नहीं था। यूकाडा और कार्यदायी संस्था ब्रिडकुल ने करीब 60 लाख रुपये की लागत से इस प्रोजेक्ट को पूरा किया। हेलीपैड का सतह कार्य पहले ही तैयार हो चुका था, लेकिन मौसम और हवाओं की वजह से लैंडिंग में चुनौतियां आ रही थीं। मंगलवार को हेलीकॉप्टर ने लैंडिंग की कोशिश की, मगर तकनीकी कारणों से उसे वापस लौटना पड़ा।
फिर बुधवार दोपहर को मेहनत रंग लाई और हेलीकॉप्टर ने सफलतापूर्वक लैंडिंग की। कुछ देर रुकने के बाद वह वापस रवाना हो गया। बड़कोट थानाध्यक्ष दीपक कठैत ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि यह ट्रायल पूरी तरह सफल रहा। यमुनोत्री मंदिर समिति के प्रवक्ता पुरुषोत्तम उनियाल ने इसे चारधाम यात्रा के लिए एक बड़ा वरदान बताया।
मंदिर के आसपास समतलीकरण शुरू, तीर्थ पुरोहितों में नाराजगी
हेलीपैड के साथ-साथ यमुनोत्री धाम में अन्य तैयारियां भी चल रही हैं। पिछले साल जुलाई में यमुना नदी में आई बाढ़ ने मंदिर, गर्मकुंड और जानकीचट्टी तक भारी नुकसान पहुंचाया था। कपाट बंद होने के बाद सुरक्षात्मक कार्यों में देरी हुई, लेकिन अब यात्रा से ठीक पहले प्रशासन ने 18 करोड़ रुपये स्वीकृत किए।
सिंचाई विभाग ने मजदूरों के जरिए मलबा हटाने और समतलीकरण का काम शुरू कर दिया है। हालांकि, यह काम तीर्थ पुरोहितों को रास नहीं आ रहा। उनका कहना है कि बिना मशीनों के बाढ़ सुरक्षा कार्य करना महज लीपापोती है। मंदिर समिति के उपाध्यक्ष संजीव उनियाल और अन्य सदस्यों ने साफ कहा कि वे इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे और ठोस कदमों की मांग की।
यात्रियों के लिए बड़ी राहत
चारधाम यात्रा हर साल लाखों श्रद्धालुओं को अपनी ओर खींचती है। ऐसे में हेलीपैड और हेली सेवा की शुरुआत न सिर्फ यात्रा को आसान बनाएगी, बल्कि आपातकाल में भी जान बचाने का जरिया बनेगी। प्रशासन का दावा है कि ये तैयारियां समय पर पूरी हो जाएंगी, लेकिन तीर्थ पुरोहितों की नाराजगी एक बड़ा सवाल खड़ा करती है। क्या ये प्रयास वाकई धाम की सुरक्षा और सुविधा सुनिश्चित कर पाएंगे? आने वाले दिन इसका जवाब देंगे।