Doonhorizon

Uttarkashi Earthquake: फिर भूकंप के झटकों से दहला उत्तरकाशी, घरों से बाहर निकले घबराए लोग

उत्तरकाशी में इससे पहले भी इस महीने कई बार भूकंप आ चुका है। बीते शुक्रवार, 24 जनवरी को यहां तीन बार भूकंप के झटके महसूस किए गए थे।
Uttarkashi Earthquake: फिर भूकंप के झटकों से दहला उत्तरकाशी, घरों से बाहर निकले घबराए लोग
Uttarkashi Earthquake: फिर भूकंप के झटकों से दहला उत्तरकाशी, घरों से बाहर निकले घबराए लोग

उत्तरकाशी : उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में दोपहर के समय एक बार फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए, जिससे स्थानीय लोगों में दहशत का माहौल बन गया। जैसे ही भूकंप आया, लोग घबराकर घरों और दुकानों से बाहर निकल आए। बीते एक सप्ताह में लगातार तीन दिन भूकंप के झटके महसूस किए जाने से लोगों की चिंता बढ़ गई है।

भूकंप के झटकों से सहमा उत्तरकाशी

जानकारी के अनुसार, मंगलवार दोपहर करीब 3:28 बजे भूकंप आया, जिसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 2.7 मापी गई। इसका केंद्र उत्तरकाशी की भटवाड़ी तहसील के साल्ड उपरिकोट निसमोर के पास के वन क्षेत्र में था, जो धरती की सतह से पांच किलोमीटर नीचे स्थित था।

उत्तरकाशी में इससे पहले भी इस महीने कई बार भूकंप आ चुका है। बीते शुक्रवार, 24 जनवरी को यहां तीन बार भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। वहीं, पूरे उत्तराखंड की बात करें तो इस महीने अब तक पांच बार भूकंप आ चुका है। बागेश्वर जिले में भी 10 जनवरी को रात करीब 1 बजे 2.2 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया था।

सुबह भी आया था भूकंप

नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के अनुसार, मंगलवार को सुबह 7:41 बजे भी उत्तरकाशी में भूकंप आया था, जिसकी तीव्रता 2.7 थी। इसके बाद 8:19 बजे फिर से झटके महसूस किए गए, जिनकी तीव्रता 3.5 रही। स्थानीय लोगों का कहना है कि सुबह करीब 10:45 बजे भी भूकंप के झटके आए थे, जिससे क्षेत्र में भय का माहौल बन गया।

पिछले महीने भी कई बार हिली धरती

दिसंबर महीने में भी उत्तराखंड में कई बार भूकंप आया था। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार, पूरे देश में दिसंबर में कुल 44 भूकंप आए, जिनमें मणिपुर में सबसे ज्यादा छह और उत्तराखंड व असम में पांच-पांच बार भूकंप दर्ज किए गए थे।

क्यों आते हैं बार-बार भूकंप?

भूकंप आने का मुख्य कारण धरती के अंदर मौजूद टेक्टोनिक प्लेट्स होती हैं। पृथ्वी की सतह के नीचे सात बड़ी प्लेट्स लगातार गति में रहती हैं। जब ये प्लेट्स आपस में टकराती हैं तो एक फॉल्ट लाइन बनती है, जहां बार-बार टकराव होने से प्लेट्स के किनारे मुड़ने लगते हैं। जब इनमें अत्यधिक दबाव बन जाता है, तो ये प्लेट्स टूट जाती हैं, जिससे उत्पन्न ऊर्जा बाहर निकलने का रास्ता ढूंढती है और धरती कांपने लगती है। यही प्रक्रिया भूकंप का कारण बनती है।

भूकंप से बढ़ती चिंता

लगातार भूकंप के झटकों से उत्तरकाशी के लोग डरे हुए हैं। हालांकि, अभी तक किसी प्रकार की जनहानि या संपत्ति के नुकसान की सूचना नहीं मिली है, लेकिन बार-बार भूकंप आना निश्चित रूप से चिंता का विषय है। वैज्ञानिकों का मानना है कि हिमालयी क्षेत्र भूकंप की दृष्टि से संवेदनशील है, इसलिए यहां के लोगों को सतर्क रहना चाहिए और सुरक्षा उपायों को अपनाना चाहिए।

Share this story