Big Breaking : सुनील उनियाल गामा संपत्ति मामला पहुंचा कोर्ट, आरटीआई एक्टिविस्ट ने दायर की याचिका

मेयर सुनील उनियाल गामा की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. मेयर सुनील उनियाल गामा के खिलाफ भ्रष्टाचार और आय से अधिक संपत्ति का आरोप लगाने वाले अधिवक्ता विकेश सिंह नेगी ने अब अदालत का दरवाजा खटखटाया है.
Big Breaking : सुनील उनियाल गामा संपत्ति मामला पहुंचा कोर्ट, आरटीआई एक्टिविस्ट ने दायर की याचिका 

देहरादून: विकेश सिंह नेगी ने 156(3) के तहत कोर्ट में याचिका दायर हुए आय से अधिक संपत्ति के तहत मेयर सुनील उनियाल गामा सहित गुरु राम राय दरबार साहिब के महंत देवेंद्र दास के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई करने की मांग की है. अदालत ने इस याचिका को स्वीकार करते हुए मामले में सुनवाई के लिए 2 मई की तारीख लगाई है.

बता दें इसके पहले अधिवक्ता विकेश सिंह नेगी ने सीधा विजिलेंस में शिकायती पत्र देकर मेयर सुनील उनियाल गामा के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी,लेकिन विजिलेंस ने किसी भी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की, लिहाजा अब वकील को कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.

आरटीआई एक्टिविस्ट एडवोकेट विकेश सिंह नेगी ने आरोप लगाया है कि मेयर गामा ने अपने लोक सेवक पद का दुरुपयोग करते हुए आय से कहीं अधिक संपत्ति अर्जित की है. उनके अनुसार मेयर बनने के बाद गामा ने 5 करोड़ 32 लाख रुपये में 11 संपत्तियां खरीदी हैं. इसका बाजार मूल्य 20 करोड़ से भी अधिक है.

उन्होंने मेयर गामा की शिकायत विजिलेंस को की है. उन्होंने इस मामले की उच्चस्तरीय जांच करने की मांग की है. नेगी के मुताबिक 2018 में हुए चुनाव के समय सुनील उनियाल गामा ने लगभग सवा दो करोड़ की चल-अचल संपत्ति की घोषणा का शपथ पत्र दाखिल किया था, इसमें उनके पास छरबा विकास नगर में 12600 वर्ग और 4500 वर्ग गज का प्लाट, बंजारावाला में 260 वर्ग गज का प्लाट, कालागांव और डोभालवाला में 200-200 वर्ग गज का प्लाट और डोभालवाला में ही 333 वर्ग गज का प्लाट था.

इसका मूल्य उन्होंने लगभग सवा दो करोड़ बताया गया.आरटीआई एक्टिविस्ट नेगी ने मेयर सुनील उनियाल गामा ने पद का दुरुपयोग करते हुए गुरु राम राय दरबार साहिब के महंत देवेंद्र दास से अपने पुत्र शाश्वत के नाम पर तीन पट्टे शहर के प्रमुख स्थानों पर किए हैं.

इनमें से एक पट्टा 29 वर्ष के लिए और दो पट्टे 99-99 वर्ष की लीज पर हैं. जिनकी लीज निकट भविष्य में स्वतः ही आगे बढ़ जायेगी. इसमें दोनों पक्षों को कोई आपत्ति नहीं होगी. इस बात का उल्लेख पट्टों की तीनों लीज डेट पर लिखा हुआ है. एडवोकेट विकेश सिंह नेगी के अनुसार यह सरासर लोक सेवक पद का दुरुपयोग है. यह पूरा मामला भ्रष्टाचार की श्रेणी में आता है. उन्होंने इस पट्टे को स्टाम्प ड्यूटी की चोरी माना है.

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