उत्तराखंड में अब शराब तस्करी, दलाली व वेश्यावृत्ति भी व्यवसाय

किरायेदारों के सत्यापन के ई-सर्विस पोर्टल पर जो पुलिस की वेबसाइट है और दी गई इन व्यवसायिक श्रेणियों पर हर कोई हैरान और परेशान है।
उत्तराखंड में अब शराब तस्करी, दलाली व वेश्यावृत्ति भी व्यवसाय

किरायेदारों के सत्यापन के लिए बनाई गई इस ऐप पर जाने पर मकान मालिक और किराएदार के बारे में कई तरह की जानकारियां मांगी गई है। जिसमें उनके व्यवसाय और उसकी कैटेगरी के बारे में पूछा गया है।

इस पर व्यवसाय की जो श्रेणियाँ दी गई है उसमें अनेक ऐसी श्रेणी दी गई है जो न सिर्फ अति आपत्तिजनक है अपितु शासन-प्रशासन में बैठे लोगों की सोच और कार्यशैली पर सवाल खड़े करती है। इसमें व्यवसाय की श्रेणियों में शराब तस्करी, दलाली, कांटे्रक्ट किलिंग, वेश्यावृत्ति, खानाबदोश, अवैध दवा विक्रेता सहित तमाम ऐसे शब्द है जो अत्यंत ही आपत्तिजनक हैं।

मकान मालिकों द्वारा जब इस ऐप को खोल कर यह देखा गया तो उनके द्वारा इस पर आपत्ति की गई है। सवाल यह है कि क्या उत्तराखंड का शासन प्रशासन शराब तस्करी और वेश्यावृत्ति, दलाली और कॉन्ट्रैक्ट किलिंग को व्यवसाय मानता है या यह बातें देवभूमि में लीगल मानी जाती है और व्यवसाय की श्रेणी में आती हैं।

किरायेदारों के सत्यापन के ई-सर्विस पोर्टल पर जो पुलिस की वेबसाइट है और दी गई इन व्यवसायिक श्रेणियों पर हर कोई हैरान और परेशान है। इस तरह का कारनामा किसके द्वारा किया गया तथा वह ज्ञानी जो डिजिटल इंडिया कार्यक्रम को इतने अच्छे ढंग से आगे बढ़ा और चला रहा है वह कौन है?

द्वारा : सोशल मीडिया

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