Devprayag Thar Accident : शादी में जा रहे परिवार की कार खाई में गिरी! 6 में से 5 की दर्दनाक मौत! बची महिला ने बताया खौफनाक मंजर

Devprayag Thar Accident : उत्तराखंड के टिहरी गढ़वाल जिले में शनिवार को एक दर्दनाक हादसे ने सभी को झकझोर दिया। देवप्रयाग के पास बागवान क्षेत्र में एक थार एसयूवी अनियंत्रित होकर करीब 300 मीटर गहरी खाई में जा गिरी। यह वाहन इतनी तेजी से नीचे लुढ़का कि सीधे अलकनंदा नदी की गोद में समा गया। गाड़ी में सवार छह लोगों के परिवार की जिंदगियां अब अनिश्चितता के भंवर में हैं। इस हृदयविदारक घटना ने स्थानीय लोगों से लेकर प्रशासन तक को सकते में डाल दिया है।
हादसे की सूचना और त्वरित कार्रवाई
जैसे ही हादसे की खबर पुलिस को मिली, देवप्रयाग थाना प्रभारी महिपाल रावत अपनी टीम के साथ तुरंत मौके पर पहुंचे। उनके साथ राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) के जवान भी थे, जिन्होंने बिना देर किए राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया। खाई की गहराई और दुर्गम रास्तों ने रेस्क्यू को बेहद चुनौतीपूर्ण बना दिया। फिर भी, शुरुआती प्रयासों में एक महिला को खाई से सुरक्षित निकाल लिया गया। घायल अवस्था में उन्हें तुरंत नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी पहचान रुड़की निवासी अनीता (55 वर्ष) के रूप में हुई। अनीता अपने परिवार के साथ धार्मिक यात्रा पर धारी देवी मंदिर जा रही थीं।
रेस्क्यू ऑपरेशन की चुनौतियां
थाना प्रभारी महिपाल रावत ने बताया कि खाई की गहराई और नदी का तेज बहाव बचाव कार्य में सबसे बड़ी बाधा बन रहा है। गाड़ी का मलबा नदी में डूब चुका है, जिसके कारण बाकी लोगों तक पहुंचना मुश्किल हो रहा है। स्थानीय ग्रामीण भी इस मुश्किल घड़ी में प्रशासन का साथ दे रहे हैं। लोग अपने स्तर पर मदद कर रहे हैं, लेकिन प्रकृति की विकट परिस्थितियां हर कदम पर चुनौती खड़ी कर रही हैं। अनीता ने बताया कि गाड़ी में उनके अलावा दो बच्चे, दो अन्य महिलाएं और एक पुरुष सवार थे, जिनकी तलाश अब भी जारी है।
हादसे के पीछे क्या कारण?
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, थार पर "अप्लाई फॉर नंबर" लिखा था, जिससे संकेत मिलता है कि यह गाड़ी हाल ही में खरीदी गई थी। हादसे के सटीक कारणों का अभी पता नहीं चल पाया है। क्या यह ड्राइवर की लापरवाही थी, सड़क की खराब स्थिति थी, या फिर कोई तकनीकी खराबी? पुलिस इसकी जांच में जुट गई है। गाड़ी में सवार सभी लोग हरिद्वार के रुड़की से थे और एक पवित्र यात्रा पर निकले थे। इस हादसे ने न केवल उनके परिवार को, बल्कि पूरे समुदाय को गहरे सदमे में डाल दिया है।
एक परिवार की अधूरी यात्रा
यह हादसा सिर्फ एक सड़क दुर्घटना नहीं, बल्कि एक परिवार की अधूरी आस्था की कहानी है। अनीता और उनके परिजन धारी देवी के दर्शन के लिए निकले थे, लेकिन नियति ने उनके सपनों को अलकनंदा की गहराइयों में डुबो दिया। पुलिस ने अनीता के परिजनों को सूचित कर दिया है और उन्हें अस्पताल में हर संभव सहायता दी जा रही है। लेकिन बाकी पांच लोगों का अभी तक कोई सुराग नहीं मिला है। एसडीआरएफ और पुलिस की टीमें दिन-रात एक कर रही हैं, ताकि बाकी लोगों को जल्द से जल्द सुरक्षित निकाला जा सके।
इस मुश्किल वक्त में स्थानीय लोगों का सहयोग और प्रशासन की तत्परता उम्मीद की एक छोटी सी किरण जगा रही है। हर कोई प्रार्थना कर रहा है कि बाकी लोग भी सुरक्षित मिलें। यह हादसा हमें सड़क सुरक्षा और सावधानी की अहमियत भी याद दिलाता है। पहाड़ी रास्तों पर गाड़ी चलाते वक्त हमें हर कदम पर सतर्क रहने की जरूरत है, क्योंकि एक छोटी सी चूक जिंदगियों को हमेशा के लिए बदल सकती है।