Earthquake : अफगानिस्तान के झटकों के बाद फिर हिली धरती, फिलीपींस में भी महसूस हुए झटके

Earthquake : दक्षिणी फिलीपींस में 5.6 तीव्रता का भूकंप आया, जिसने मिंडानाओ द्वीप को हिलाया। अफगानिस्तान में 5.9 तीव्रता के भूकंप के बाद यह घटना घटी। यूएसजीएस के अनुसार, मैतुम के पास केंद्र होने से नुकसान कम हुआ। “रिंग ऑफ फायर” पर स्थित फिलीपींस में भूकंपीय गतिविधियां आम हैं।
Earthquake : अफगानिस्तान के झटकों के बाद फिर हिली धरती, फिलीपींस में भी महसूस हुए झटके 

Earthquake : प्रकृति ने एक बार फिर अपनी ताकत दिखाई है। अफगानिस्तान में सुबह के भूकंपीय झटकों के बाद अब दक्षिणी फिलीपींस में बुधवार को भूकंप ने लोगों को डरा दिया। संयुक्त राज्य भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (यूएसजीएस) के अनुसार, रिक्टर स्केल पर 5.6 तीव्रता का यह भूकंप इतना तेज था कि लोग नींद से जागकर घरों से बाहर भागे। यह घटना न केवल स्थानीय लोगों के लिए डरावनी थी, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी प्रकृति की अनिश्चितता को दर्शाती है।

कहां और कैसे आया भूकंप

दक्षिणी फिलीपींस के मिंडानाओ द्वीप के तट पर यह भूकंप दर्ज किया गया। यूएसजीएस ने बताया कि भूकंप की गहराई 30 किलोमीटर थी, जबकि इसका केंद्र मैतुम शहर से लगभग 43 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में था। यह क्षेत्र पहाड़ी और कम आबादी वाला है, जिसके कारण बड़े पैमाने पर नुकसान की आशंका कम है। फिलीपीन ज्वालामुखी एवं भूकंप विज्ञान संस्थान ने भी इसकी पुष्टि की और बताया कि झटके शक्तिशाली थे, लेकिन कुछ ही सेकंड तक रहे।

क्या हुआ नुकसान

भूकंप के झटके तेज होने के बावजूद, राहत की बात यह है कि अभी तक किसी तरह के नुकसान या हताहत की खबर नहीं आई है। स्थानीय प्रशासन और आपदा प्रबंधन टीमें स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। मैतुम में अग्निशमन विभाग के अधिकारी गिल्बर्ट रोलिफोर ने बताया कि भूकंप का असर कुछ ही पलों का था, जिसके कारण बड़े पैमाने पर क्षति नहीं हुई। हालांकि, भविष्य में किसी भी स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन पूरी तरह तैयार है।

क्यों बार-बार आते हैं फिलीपींस में भूकंप

फिलीपींस प्रशांत महासागर के “रिंग ऑफ फायर” पर स्थित है, जो भूकंपीय और ज्वालामुखीय गतिविधियों के लिए कुख्यात है। यह क्षेत्र जापान से लेकर दक्षिण-पूर्व एशिया और प्रशांत बेसिन तक फैला है। इस भौगोलिक स्थिति के कारण फिलीपींस में भूकंप और ज्वालामुखी विस्फोट आम हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि छोटे-मोटे झटके यहां रोजाना महसूस किए जाते हैं, लेकिन इस बार का भूकंप अपनी तीव्रता के कारण चर्चा में है।

अफगानिस्तान में भी हिली धरती

इससे पहले, बुधवार की सुबह अफगानिस्तान में 5.9 तीव्रता का भूकंप आया, जिसके झटके दिल्ली-एनसीआर तक महसूस किए गए। दोनों घटनाओं ने एक ही दिन में दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में प्रकृति की शक्ति को उजागर किया। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसी घटनाएं हमें प्राकृतिक आपदाओं के प्रति जागरूक और तैयार रहने की चेतावनी देती हैं।

भविष्य के लिए सतर्कता जरूरी

फिलीपींस और अफगानिस्तान में आए इन भूकंपों ने एक बार फिर हमें प्राकृतिक आपदाओं के प्रति सजग होने का संदेश दिया है। भूकंप जैसी घटनाओं को रोका तो नहीं जा सकता, लेकिन सही समय पर सही कदम उठाकर नुकसान को कम किया जा सकता है। स्थानीय प्रशासन और नागरिकों को आपदा प्रबंधन और सुरक्षा उपायों पर ध्यान देना होगा।

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